कविता@श्मशान घाट में मंडराया खतरा..

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माँ का निधन हुआ बेटों ने निकाली अंतिम यात्रा,
लेके गए नजदीकी श्मशान घाट मंडराया खतरा।
विवाद अस्सी वर्षीय महिला छीतर रेगर के गहने,
उसने जीवंत रहते ही अंतिम समय तक थे पहने।
मुख्य लोगों ने शव को चिता पर रखने से पहले,श्रृंगार के गहने सेवाभावी बड़े बेटे को सौंपे रहले।
माँ का निधन हुआ बेटों ने निकाली अंतिम यात्रा,
लेके गए नजदीकी श्मशान घाट मंडराया खतरा।
यहाँ सब देखकर उसका छोटा भाई बिफर पड़ा,
उन कड़ों के लिए माँ की चिता पे हो गया खड़ा।
इस करतूत से रिश्तेदार-परिवार-समाज लजाया,
उसे खूब समझाया अंततः माँ का कड़ा थमाया।
माँ का निधन हुआ बेटों ने निकाली अंतिम यात्रा,
लेके गए नजदीकी श्मशान घाट मंडराया खतरा।
आज सोच रहे होंगे वह माता-पिता यहीं हैं चिता,
जिस पर धन-दौलत पाने के लिए रोक देता बेटा।
क्यों? नहीं बुझती कलयुगी रावणों की यह प्यास,
कैसे भूल जाते बचपन का प्यार हो रहा हैं ह्यास।
(संदर्भ-जयपुर में कड़ों के लिए माँ की चिता पर लेटा कलयुगी बेटा)


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