कोरबा@रिसदी क्षेत्र में राख डंप करने से जन स्वास्थ्य पर बढा खतरा

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राजा शर्मा-

कोरबा 14 नवम्बर 2021 (घटती-घटना)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कोरबा क्षेत्र में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं, इसलिए बीते वर्षों में यहां नए औद्योगिक संयंत्र की स्थापना नहीं कि गई, बल्कि कई दशक से चल रहे संयंत्र बंद किए गए हैं ढ्ढ साठ के दशक में, सोवियत रूस और भारत सरकार के सहयोग से कोरबा में तैयार किए गए 200 मेगावाट बिजली घर को बंद कर दिया गया ,खबर है कि बिजली घर की राख को सुरक्षित तरीके से नष्ट करने में कई प्रकार की समस्या पेश आ रही है, इसलिए कई विकल्पों पर काम करने के लिए जोर दिया जा रहा हैढ्ढ साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की बंद हो चुकी खदानों को पाटने इन राख का उपयोग किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार कोरबा नगर के रिसदी इलाके में एक स्थान पर बड़ी मात्रा में राख डंप की जा रही है, जिसके कारण कई प्रकार की समस्याएं हो रही है।क्षेत्र के पार्षद अजय गौड़ ने बताया कि रिहायशी क्षेत्र के नजदीक राख फेंकी जा रही है। इसके अतिरिक्त बड़े हिस्से को भी प्रभावित किया जा रहा है।इस बात से किसी भी तरह इनकार नहीं किया जा सकता कि, कोरबा जिले में विकास की रोशनी को फैलाने में यहां के औद्योगिक प्रबंधन ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, इन सबके बावजूद ,सभी औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाली गैर जरूरी चीजों को निश्चित जगह पर डंप करने की व्यवस्था की जाए , ऐसा करने से जन स्वास्थ्य का खतरा पैदा नहीं होगा और प्रबंधन की मुश्किलें भी नहीं बढ़ेगी।


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