- 3 सदस्य जीताकर भी कांग्रेस बना ले गई एमसीबी जिला पंचायत उपाध्यक्ष का पद…कोरिया व एमसीबी के नेताओं में दिखा अंतर…कोरिया की कांग्रेस टीम से अच्छी निकली एमसीबी की कांग्रेस टीम
- जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष का चुनाव पर भी उठा सवाल…एक साथ चुनाव व एक साथ परिणाम की घोषणा क्यों नहीं?
- अध्यक्ष उपाध्यक्ष का चुनाव क्यों किया गया अलग-अलग…जब सारे चुनाव होते हैं एक साथ तो फिर जिला व जनपद के अध्यक्ष उपाध्यक्ष का चुनाव अलग-अलग क्यों?
- एमसीबी जिला पंचायत में भाजपा का अध्यक्ष तो कांग्रेस का उपाध्यक्ष हुआ निर्वाचित…उपाध्यक्ष का परिणाम भाजपा जिलाध्यक्ष के अनुसार पार्टी के पक्ष में नहीं आया तो बंद किया उन्होंने कार्यालय का ताला


-रवि सिंह-
एमसीबी,11 मार्च 2025 (घटती-घटना)। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव क्या-क्या दिखाएगा और क्या-क्या कराएगा? त्रीस्तरीय पंचायत चुनाव कि यदि बात की जाए तो कई मायने में यह सुर्खियों में रहा, जहां गड़बडि़यों के आरोप लगे तो कहीं पर निर्वाचन प्रक्रिया में कमी देखी गई, ऐसा लग रहा था कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सत्ता के गोद पर बैठकर हो रहा हो। सत्ता की गोद में बैठने के बाद भी कई जगहों पर परिणाम उनके खिलाफ है,त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में एक और कमी इस बार सभी को खली वह कमी थी जिला पंचायत में अध्यक्ष उपाध्यक्ष व जनपद में अध्यक्ष उपाध्यक्ष का एक साथ चुनाव न होना, दोनों चुनाव हुए एक ही दिन पर समय था अलग-अलग और परिणाम अलग-अलग आए जिस वजह से उपाध्यक्ष पद पर प्रभाव देखने को मिला। अध्यक्ष पद का चुनाव पहले होने की वजह से उपाध्यक्ष का चुनाव प्रभावित हुआ और परिणाम में उलट फेर देखने को मिला, कुछ ऐसा ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव एमसीबी जिले के जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष के चुनाव के बाद यह आरोप सत्तापक्ष की जिलाध्यक्ष के द्वारा लगाया गया…जबकि ऐसा शुरू से ही दिखा, सभी जिलों के अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुनाव में देखने को मिला पर किसी ने भी इसका विरोध नहीं किया पहली बार इसका विरोध एमसीबी जिले की भाजपा की जिलाध्यक्ष के द्वारा किया गया, क्योंकि उपाध्यक्ष का चुनाव उन्हें इसी प्रक्रिया में हारना पड़ा, जिसकी तिलमिलाहट में उन्होंने गेट पर ताला ही निर्वाचन कार्यालय में बंद कर दिया। पर कहीं ना कहीं इनका आरोप भी यह सही है क्योंकि अध्यक्ष उपाध्यक्ष का अलग-अलग चुनाव होने से निष्पक्षता कहीं न कहीं प्रभावित हुई है।

ज्ञात हो कि नवीन जिला एमसीबी में पहली बार जिला पंचायत का चुनाव संपन्न हुआ, इस चुनाव में जहां भाजपा ने 6 सदस्य जीताकर लाए वहीं कांग्रेस ने तीन सदस्य जीताकर आए वही एक सीट गोंडवाना के खाते में गया, भाजपा 6 सदस्य जीत कर जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनाने के लिए पूर्ण बहुमत में थी पर इसके बावजूद भाजपा अध्यक्ष बनने में सफल हुई और उपाध्यक्ष बनने में असफल हो गई, जबकि भाजपा समर्थित सदस्य ने अपनी पार्टी को धोखा दिया यह तो अब समीक्षा की बात है, पर यह जरूर है कि भाजपा के एक समर्थित व्यक्ति ने धोखा देकर अध्यक्ष चुनाव को टाई हो गया और यह चुनाव चिट के द्वारा भाजपा किस्मत से जीत गई। इसके बाद भाजपा की एमसीबी जिलाध्यक्ष चंपा देवी पावले ने इस चुनावी प्रक्रिया का विरोध किया और कहा कि अलग-अलग चुनाव नहीं होना चाहिए था जिस वजह से उन्होंने गुस्से में कार्यालय के गेट पर ताला लगा दिया जिसे कांग्रेसियों ने असवैधानिक बताते हुए उन पर कार्यवाही करने की मांग की।

कांग्रेस से राजेश साहू बने एमसीबी के प्रथम जिला पंचायत उपाध्यक्ष
जिला पंचायत उपाध्यक्ष का पद राजेश साहू के खाते में गया। राजेश साहू पूर्व विधायक गुलाब कमरों के खास माने जाते हैं वहीं वह खुद अपना व्यापक जनाधार रखते हैं। राजेश साहू का परिणाम 6 मतों से विजई निकलकर आया और यही वजह हुई भाजपा नेताओं की नाराजगी की।
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव सूझबूझ के साथ उपाध्यक्ष बनाने के इरादे से अंतिम प्रयास करते रहे जिसमें उन्हें उपाध्यक्ष बनाने में मिली सफलता
कांग्रेस जिलाध्यक्ष को उपाध्यक्ष बनाने के लिए सबसे ज्यादा प्रयास करते देखा गया। अशोक श्रीवास्तव ने अंतिम समय तक सुझबुझ का परिचय दिया और अंतिम समय में क्रॉस वोटिंग वह करा ले गए और उपाध्यक्ष का पद कांग्रेस की झोली में चला गया। कुल मिलाकर अशोक श्रीवास्तव और राजेश साहू के संयुक्त प्रयास से ही उपाध्यक्ष पद भाजपा से छीन सकी कांग्रेस।
कांग्रेस कोरिया के जिलाध्यक्ष से ज्यादा मेहनती और पार्टी के लिए समर्पित जिलाध्यक्ष साबित हुए एमसीबी जिलाध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव
एमसीबी कांग्रेस जिलाध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव एंड टीम की अचूक रणनीति के सामने भाजपा हुई धराशाई, अशोक श्रीवास्तव ताकतवर नेता बन कर उभरे, उनके कुशल नेतृत्व के सामने सत्ताबल तथा धनबल हुए नाकाम, जिला पंचायत मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के अध्यक्ष चुनाव में कांग्रेस के 3 सदस्य होने के बावजूदब 6 सदस्य वाली भाजपा ने अपना प्रत्याशी श्रीमती यशवंती सिंह को बनाया और कांग्रेस ने श्रीमती प्रिया सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया,वोटिंग के बाद श्रीमती प्रिया सिंह को 5 और श्रीमती यशवंती सिंह को भी 5 मत मिले और परिणाम बराबर पर टाई हो गया, तब टॉस के माध्यम से अध्यक्ष का चुटका निकाला गया और भाग्य ने प्रिया सिंह का साथ नहीं दिया और अध्यक्ष यशवंती सिंह बन गई, अध्यक्ष पद के लिए भी दोनों कांग्रेस बीजेपी प्रत्याशियों को बराबर मत मिले, कहीं ना कहीं यहां पर भी क्रॉस वोटिंग देखने को मिली, वहीं उपाध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी राजेश साहू ने 6 मत पा के उपाध्यक्ष बने, भाजपा के उपाध्यक्ष प्रत्याशी को हारना पड़ा, ऐसा इसलिए संभव हो पाया क्योंकि कोरिया के तरह एमसीबी के जिलाध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव हार नहीं माने और वह मैदान में डटे रहे जिसका परिणाम यह था कि अध्यक्ष से लेकर उपाध्यक्ष चुनाव तक में उन्होंने खूब फाइट की आसानी से ना तो अध्यक्ष पद भाजपा के पास जाने दिया और ना ही उपाध्यक्ष पद, अध्यक्ष पद पर तो भाजपा ने किस्मत से जीत दर्ज की तो वहीं उपाध्यक्ष पद पर भाजपा को हारना पड़ा। अंतिम दम तक मैदान पर डटे रहने व अपने जुझारपन से लड़ने वाले अशोक श्रीवास्तव को सफलता मिली।
जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुनाव में कांग्रेस भाजपा को वाक ओवर दे चुकी थी…वहीं एमसीबी में परिणाम कांग्रेस के पक्ष में ना आने के बाद भी जिलाध्यक्ष बना ले गए उपाध्यक्ष
कोरिया जिले और कोरिया से अलग होकर बने एमसीबी जिले की बात करें तो दोनों के जिला पंचायत चुनाव का नजारा खासकर अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुनाव का नजारा बिल्कुल अलग था। कोरिया में जहां कांग्रेस भाजपा को पहले ही वॉकओवर देकर बैठ गई थी वहीं एमसीबी जिले के कांग्रेस जिलाध्यक्ष परिणाम सदस्य संख्या अनुसार पक्ष में नहीं होने उपरांत भी लगे रहे और उन्होंने अध्यक्ष उपाध्यक्ष दोनों चुनाव को भाजपा के लिए मुश्किल वाला बना दिया। अध्यक्ष जहां बहुमत के बावजूद भाजपा को केवल किस्मत के भरोसे मिला वहीं उपाध्यक्ष पद पर एकतरफा कांग्रेस जीत गई। कुल मिलाकर कोरिया के कांग्रेस जिलाध्यक्ष को बहुत कुछ सीखने की जरूरत है वैसे खुद वह अपनी जमानत चुनाव में नहीं बचा सके हैं और ऐसे में उनसे ज्यादा उम्मीद बेकार है। वैसे वह प्रतिनिधि बतौर सांसद ही कारगर रहे हैं अन्य मामले में नहीं है।
भाजपा से रवि शंकर की पत्नी बनी यशवंती सिंह एमसीबी की प्रथम जिला पंचायत अध्यक्ष
भाजपा से अध्यक्ष पद पर रवि शंकर सिंह की पत्नी अध्यक्ष निर्वाचित हुई। प्रथम अध्यक्ष का गौरव मिलने पर उन्हें बधाईयों का तांता लग गया। बता दें कि यशवंती सिंह भरतपुर क्षेत्र से चुनाव जीतकर आई हैं और वह प्रथम अध्यक्ष नए जिले की बनी हैं।