सूरजपुर@सूरजपुर पुलिस का साइबर फ्रॉड गिरोह पर कड़ा प्रहार

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सूरजपुर,21 मार्च 2025 (घटती-घटना)। सूरजपुर पुलिस ने साइबर ठगों के नेटवर्क में शामिल 5 आरोपियों को पकड़ा है। ये आरोपी साइबर ठगों के लिए म्यूल बैंक अकाउंट, एमटीएम कार्ड उपलब्ध कराते थे। इसके साथ ही साइबर ठगों को मोबाइल सिम भी उपलब्ध कराते थे। इनके ऐसे 02 बैंक अकाउंट की पहचान की गई है, जिसमें 2 लाख रूपये से अधिक का ट्रांजेक्शन हुआ है। आरोपियों के म्यूल बैंक अकाउन्ट नंबरों एवं उनके मोबाईल नंबरों को सीज किया जा चुका है।
भारतीय सायबर अपराध समन्वय केन्द्र (आई फोर सी) द्वारा संचालित समन्वय पोर्टल (ज्वाईट साइबर क्राईम कार्डिनेशन टीम मैनेजमेंट इन्फारमेंशन सिस्टम) में स्थित विभिन्न बैंक शाखाओं में संचालित लेयर-1 पर कार्यवाही करने के संबंध में पुलिस मुख्यालय छत्तीसगढ़ से शिकायत प्राप्त हुआ जिसमें म्यूल अकाउंट खाता धारक आनंद कुमार साहू निवासी मदनेश्वरपुर थाना रामानुजनगर के बैंक ऑफ महाराष्ट्र व यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शाखा सूरजपुर के एकाउंड शामील थे। डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने ऑनलाईन सायबर फ्राड के शिकायतों का गंभीरता से लेते हुए शिकायत की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो से कराया। जांच उपरान्त साइबर फ्राड से संबंधित शिकायत में यूनियन बैंक सूरजपुर का खाता आनंद कुमार साहू के नाम से होने पर उसके विरूद्ध थाना सूरजपुर में अपराध क्रमांक 150/25 धारा 413,420, 120 बी भादसं के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। विवेचना के दौरान थाना सूरजपुर पुलिस ने पाया कि म्यूल एकाउंट खाता धारक आनंद कुमार साहू के खाते में अलग अलग राज्य से संबंधित सायबर क्राईम में ठगी की गई रकम करीब 2,04,981/- रूपये का लेन-देन किया गया है। प्रकरण में म्यूल बैंक एकाउन्ट संग्रहण कर साइबर अपराध के गिरोह को बैंक एकाउन्ट,एटीएम एवं मोबाईल सीम उपलध कराने वाले सौरभ साहू व अमन साहू तथा बैंक खाता देने वाले आनंद कुमार साहू, विशाल साहू व सूर्या सोनवानी को पकड़ा गया। पूछताछ पर सभी ने अपना जुर्म स्वीकार किया है। मामले में पांचों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और आगे की कार्यवाही जारी है।
कार्यवाही में शामिल पुलिस टीम
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो, सीएसपी एस.एस.पैंकरा के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी सूरजपुर विमलेश दुबे,एएसआई संजय सिंह, प्रधान आरक्षक कृष्णकांत पाण्डेय, प्रदीप उपाध्यक्ष,आरक्षक रौशन सिंह,युवराज यादव, विनोद सारथी, रविराज पाण्डेय, संत पैंकरा व कामेश्वर नेताम सक्रिय रहे।
अब जानिए क्या है म्यूल एकाउंट
पुलिस ने बताया कि साइबर ठगी करने वाले ठगी से अर्जित गई रकम अपने बैंक खातों में जमा नहीं कराते, इसके लिए वे दूसरों के बैंक अकाउंट का उपयोग करते हैं। इसके एवज में खातेदार को कुछ रकम दी जाती है। बैंक अकाउंट,डिजिटल वॉलेट या अन्य वित्तीय माध्यमों का उपयोग साइबर अपराधी ठगी की रकम या अवैध धन को एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर करने में करते हैं। ठगी की रकम को खपाने के लिए उनको बैंक खाते या वॉलेट की जरूरत पड़ती है। इसके लिए म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल करते है। किसी व्यक्ति को पैसा नौकरी, इनाम या निवेश का लालच देकर अपने जाल में फंसाते हैं।


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