कोरिया,@गांव भी आबादी भी पर ना राजस्व के नक्शे में ना जंगल के…

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-राजन पाण्डेय-
कोरिया,14 जून 2025 (घटती-घटना)। विकासखंड सोनहत अंर्तगत स्थित ग्राम पंचायत कछाडी के ग्राम लोलकी के 37 आदिवासी परिवार प्रशासनिक उपेक्षा एवं लापरवाही के कारण पिछले 45 सालों से जमीन की स्थिती अस्पष्ट होने का दंश झेल रहे है। शुरुवात में तो आलम था की ग्राम वासीयों सहित प्रशासनिक अधिकारीयों को भी नही पता था की ये ग्राम किस भूमि में बसा है उल्लेखनीय है की इस मामले को लेकर पिछले 15 सालों में सोनहत क्षेत्र के पुष्पेन्द्र राजवाड़े लव प्रताप सिह एवं अन्य ने लोलकी ग्राम के ग्राम वासीयों के साथ मिल कर कई बार प्रशासन को कभी मौखिक रूप से तो कभी ज्ञापन सौप कर और कई बार जन समस्या निवारण शिविर में जाकर अपनी समस्या को अवगत कराया लेकिन प्रशासन स्तर पर अभी तक कोई सकारात्मक पहल नही हुई है। ग्राम स्तर पर स्कूल आंगनबाड़ी बन विभाग के भवन समेत कई सुविधाएं मौजूद है लेकिन राजस्व विभाग के अधिकारीयों की माने तो यह ग्राम राजस्व नक्शे से छूट गया है।
अधिकारियों ने दिखाई सक्रियता
पूर्ववर्ती सरकार में भी लोलकी को राजस्व नक्से से जोड़ने कई प्रयास किये गए पूर्व विधायक के निर्देश पर तत्कालीन एस डी एम एवं तहसीलदार ने सर्वे इत्यादि का कार्य करा कर रुढ़की को जानकारी भेजी गई, सरकार बदलने के बाद वर्तमान एस डी एम राकेश साहू के निर्देशन प्रक्रिया सतत जारी रही और उन्होंने इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली,विभागीय सूत्रों की माने तो लोलकी जल्द राजस्व नक्से से जुड़ सकता है
ग्रामीणों का नही बन रहा जाति निवास
ग्राम लोलकी लगभग 570 एकड भूमि पर बसा है जिसमें क्षेत्र के निवासी लगभग 300 एकड भूमि पर कृषि एवं कस्तकारी करते है। परन्तु उक्त भूमि की स्थिती अभी तक स्पष्ट नही हो पाई है की आखिर ये भूमि वन विभाग की है या फिर राजस्व विभाग की। भूमि की स्थिती स्पष्ट नही होने के कारण ग्राम वासीयों को न तो राजस्व विभाग का पटटा मिला है और न ही भूमि वन अधिकार पत्र । उल्लेखनीय है की भूमि के पटटे के आभाव में आदिवासी ग्रामीणों को जाति प्रमाण पत्र नही बन पा रहा है जिससे उनके शिक्षा एवं सरकारी रोजगार मूलक कार्यो में अनेक कठिनाईयां आ रही है। हलाकी वर्तमान समय में मिली जानकारी अनुसार पंचायत के प्रस्ताव के आधार पर स्कूली बच्चों के अस्थाई जाति प्रमाण पत्र के आवेदन आए है लेकिन दस्तावेजों के आभाव में उनका स्थाई होना संभव नही लग रहा है।
शासकीय कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं
ग्रामीण तिलकधारी सिह बालम कलावती अवधेश कुमार सहित अन्य ने जानकारी देते हुए बताया की भूमि स्वामी नही बन पाने के कारण हमें भूमि आधारित पंचायती योजना अंतर्गत कई योजनाओं का लाभ नही मिल पा रहा है साथ ही पढे लिखें युवाओं को आरक्षण का लाभ नही मिल पा रहा है ।इसके अतिरिक्त भूमि का पटटा नही होने के कारण ग्राम जनों को ओला वृष्टि का मुवाबजा भी नही मिल पाया जिससे ग्राम जनों के बीच मायूसी छाई हुई है।
कलेक्टर कोरिया ने दिया था भरोसा
पुष्पेंद्र राजवाड़े ने बताया कि इस संबंध में पुर्व समय में जब ग्राम वासीयों के साथ आवाज उठाया था तो तत्कालीन कलक्टर कोरिया ने भी मामले को संज्ञान में लेते हुए कहा था की की गांव का एक भाग नक्शे से छूट गया है जिसकी जांच चल रही है साथ ही उसके सेटेलमेंट के लिए शासन को पत्र लिखेंगे जिसके बाद नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी लेकिन आज तक ग्रामीणों की इस समस्या का कोई समाधान नही हुआ।
1998 में हुआ था मौका जांच
क्षेत्र के ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया की सन 1998 में प्रशासनिक अधिकारीयों द्वारा इस समस्या को लेकर मौका जांच किया गया था और उस समय एक उम्मीद जगी थी शायद इस समस्या से निजात मिल सके परन्तु उस मौका जांच के बाद 17 वर्ष हो गए कभी कोई अधिकारी इस ओर पहल करने नही आया।
बगल के ग्राम में सुविधा बरकरार
ग्रामीणों ने बताया की ग्राम लोलकी से लगे ग्राम पंचायत कछाडी के ही मझगवां व जोगिया को दस्तावेज में राजस्व ग्राम माना गया है और वहां पर राजस्व विभाग के सभी योजना एवं सुविधा लागू है परन्तु ग्राम लोलकी के साथ ये बर्ताव क्यूं किया जा रहा है यह समझ से परे है।
वन विभाग ने किया था हस्तांतरण
इस संबंध में जब वन विभाग के अधिकारीयों से बात की गई तो उन्होने बताया की वन विभाग द्वारा पूर्वी रामगढ संरक्षित वन से राज्य शासन की स्वीकृति उपरांत लोलकी ग्राम की भूमिहिनों के व्यवस्थापन हेतू राजस्व विभाग को 1967 में हस्तांतरण किया गया था । इस संबंध में राजस्व विभाग को पुनः पत्र के माध्यम से 16.09.14 को अवगत कराया गया था।
इनका कहना है…
इश्तेहार का प्रकाशन कर लिया गया है दवापत्ति का भी कार्य पूर्ण कर लिया गया है साथ ही प्रतिवेदन के लिए चला गया है,यहां से पूरी कार्यवाही पूर्ण कर जिले में भेजा जाएगा फिर आगे की कार्यवाही होगी।
उमेश कुशवाहा,तहसीलदार सोनहत

लोलकी ग्राम को राजस्व नक्शे से जोडने एवं ग्रामीणों को भूमि का पटटा देने के सबंध में पिछले 15 सालों से संघर्ष जारी है कई बार कलेक्टर सहित एस डी एम एवं तहसील कार्यालय में ज्ञापन दिया गया आंदोलन किया गया, पिछली सरकार में सर्वे आदि का काफी कुछ काम पूर्ण हुआ बाकी अभी हो जा रहा है, हालांकि यह राजनीति का विषय नही है पर जिला प्रशासन के मार्गदर्शन लगभग सभी औपचारिकता पूरी हो गई है जल्द लोलकी राजस्व ग्राम से जुड़ेगा ऐसी जानकारी मिल रही है यह बहुत ही खुशी की बात है।
पुष्पेन्द्र राजवाड़े ,सोनहत

भूमि संबंधित दस्तावेज नही होने के कारण लोगों को पंचायत स्तर पर जाति प्रमाण पत्र बनवाने में भारी परेशानी होती थी,अन्य योजनाओं का लाभ भी नही मिल पाता था, सुशासन की सरकार में बहुत जल्द लोलकी राजस्व नक्शे से जुड़ेगा यह सभी के लिए खुशी की बात है, लंबे समय से संघर्ष किये सभी ग्रामीण एवं जनप्रतिनिधियों का सहयोग लोलकी वासियों के धैर्य को सम्बल प्रदान करता रहा। जिसका जल्द सुखद परिणाम निकलेगा।
मनोज साहू मण्डल महामंत्री भाजपा


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