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नई दिल्ली@अमेरिका और पाक के बातचीत पर संदेह

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@ जयशंकर और अराघची के बीच फोन कॉल…

@ उधर अमेरिका की पाकिस्तानी पीएम से बात
नई दिल्ली,28 जून 2025 (ए)।
ईरान और इजरायल में जंग के दौरान अमेरिका की एंट्री हुई। इस बीच ट्रंप ने सीजफायर का ऐलान किया। हालांकि,पश्चिम एशिया में तनाव अभी कम नहीं हुआ है। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची से फोन पर बात की है। उन्होंने पश्चिम एशिया के हालात पर चर्चा की। अमेरिका, ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर पाकिस्तान को शामिल करने की कोशिश कर रहा है। वहीं भारत ने ईरान से अपने नागरिकों को किस तरह सुरक्षित निकाला, इन सभी मुद्दों पर दोनों देशों के बीच बातचीत हुई।
जयशंकर ने क्या कहा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि उन्होंने ईरान के विदेश मंत्री से बात की। जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि ईरान के विदेश मंत्री अराघची से बात की। मौजूदा जटिल स्थिति में ईरान के नजरिए और सोच को साझा करने के लिए उनकी सराहना करता हूं। भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने में मदद करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। अराघची ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत आए थे। विदेश मंत्रालय के अनुसार,भारत ने ईरान से 4,400 से अधिक नागरिकों को निकाला है। ईरान ने भारत को अपने नागरिकों को निकालने में मदद की। भारत ने पड़ोसी देशों और चार्टर्ड फ्लाइट के जरिए लोगों को निकाला।
अमेरिका की पाकिस्तान से बात
उधर, अमेरिका भी इस मामले में सक्रिय है। स् के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज से बात की। उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर चर्चा की। इससे पता चलता है कि अमेरिका, ईरान के मुद्दे पर पाकिस्तान को शामिल करना चाहता है। स्टेट डिपार्टमेंट की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मुहम्मद शहबाज शरीफ से मध्य पूर्व की घटनाओं के बारे में बात की। मंत्री रुबियो ने जोर दिया कि ईरान कभी भी परमाणु हथियार विकसित या हासिल नहीं कर सकता है।
आखिर ये चल क्या रहा
दोनों नेताओं ने इजरायल और ईरान के बीच स्थायी शांति को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए मिलकर काम करने के महत्व को स्वीकार किया। पाकिस्तान के पीएम ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सराहना की। उन्होंने ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम कराने में ट्रंप की भूमिका को सराहा। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने में भी अमेरिका की भूमिका की सराहना की। हालांकि,पीएम मोदी ने साफ कर दिया है कि उन्हें तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं चाहिए।
शहबाज से क्या हुई चर्चा
शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान मध्य पूर्व में शांति बनाए रखने में मदद करेगा। यह फोन कॉल तब हुई है जब कुछ दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर को दोपहर के भोजन पर बुलाया था। उस बैठक में ईरान का मुद्दा भी उठा था। इस पूरे घटनाक्रम से पता चलता है कि पश्चिम एशिया में स्थिति कितनी जटिल है। भारत, ईरान और अमेरिका के बीच बातचीत चल रही है। सभी देश इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।


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