- गुरूघासीदास राष्ट्रीय उद्यान में खुलेआम हो रहा नियमों का उल्लंघन
- क्या विभाग में पदस्थ कुछ अधिकारी विशेष का चारागाह बन गया है राष्ट्रीय उद्यान?
- तमाम शिकायतों के बावजूद संचालक का मौन रहना खड़े कर रहा है कई सवाल

-राजन पाण्डेय-
कोरिया,09 मई 2025 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के विकासखण्ड सोनहत अंतर्गत स्थित राज्य का सबसे बडा राष्ट्रीय उद्यान जो अब गुरूघासीदास तमोरपिंगला टाईगर रिर्जव के नाम से जाना जाने लगा है उपेक्षा एवं बदहाली का दंश झेल रहा है,गुरूघासी दास राष्ट्रीय उद्यान में सुविधाए बदहाल है। उद्यान का बार्डर ग्राम मेंड्रा से प्रारंभ है उद्यान सीमा प्रवेश के बाद मास्टर टावर व आमापानी दर्शनीय स्थल को छोड कर किसी भी प्रकार का दिशा निर्देश बोर्ड नही लगाया गया है । वर्तमान में आलम है की राष्ट्रीय उद्यान के प्रवेश द्वार को पार करने के साथ ही नियमों का उल्लंघन प्रारंभ हो जाता है,एक ओर उद्यान की नियमावली कहती है कि उद्यान के अंदर माचिस लेकर जाने में भी प्रवेश वर्जित है वही दूसरी ओर बरसात को छोड कर अन्य मौसम खासकर गर्मियों में चारो तरफ आग ही आग देखी जा सकती है, जिसके कारण वन संपदा खत्म होता दिखाई दे रहा है।अधिकारीयों को निर्माण से फुरसत नही, निर्माण भी अत्यंत घटिया
राष्ट्रीय उद्यान में कार्यरत अधिकारी कर्मचारीयों को निर्माण कार्यो से फुरसत ही नही है की वो उद्यान के अच्छे वातावरण निर्माण के बारे में सोचें अथवा कार्य करें । वर्तमान में आलम है की तीनों परिक्षेत्र के अधिकारी सहित कर्मचारी अपने अपने बीट में निर्माण कार्य कराने में मशगूल हैं निर्माण भी इतना घटिया कराया जा रहा है की पूरे नियम कानून सब किनारे रख दिये गए हैं ऐसा लग रहा है मानो राष्ट्रीय उद्यान को चारागाह बना दिया है। आलम है की परिक्षेत्र में संचालित निर्माण कार्य खासकर चेकडेम, स्टाफ डेम एनीकट एवं अन्य निर्माण कार्यो में जंगली गिटटी जंगल के गोल गोल भुरभुरे बोल्डर एवं पथर का उपयोग कर घटीया से घटीया निर्माण कार्य करा लाखों रूपयों वारा न्यारा करने तंत्र आमदा है
संचालक के मौन रहने पर उठ रहे सवाल
गुरूघासीदास तमोर पिंगला टाईगर रिजर्व में लगातार संचालक का दौरा जारी है लेकिन बावजूद इसके गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी है। ऐसी में स्थिती में संचालक के दौरे पर भी सवाल उठते हैं कि आखिर संचालक मौन क्यों हैं जबकी उन्हे इसकी शिकायत लोगों के द्वारा की गई लेकिन उसके बाद भी घटिया निर्माण लगातार जारी रहा। ऐसे में सवाल तो यहां तक भी उठते हैं कि क्या यह सब कुछ बड़े अधिकारीयों के संरक्षण में हो रहा है।
टाईगर प्रोजेक्ट पर सवाल
गुरूघासी दास राष्ट्रीय उद्यान में विभागिय स्तर पर अनियमितताए खत्म होने का नाम ही नही ले रही है एसी स्थिती में टाइगर परियोजना को लेकर जहां लोगों में खुशी है वही टाइगर परियोजना की कामयाबी पर अभी से प्रश्न चिन्ह लगता नजर आ रहा है सोनहत क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता व अधिवक्ता जयचंद सोनपाकार ने आरोप लगाते हुए कहा की की राष्ट्रीय उद्यान में अवैघ रूप से गिटटी एवं रेत उत्खनन कर गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्यो में प्रयुक्त किया जा रहा है। जो कि सीधे सीधे नियम विपरीत है।
मुख्य मंत्री के आगमन पर करेंगे शिकायत
कांग्रेस पार्टी के नेता अविनाश पाठकअनित दुबे,पुष्पेन्द्र राजवाड़े,सहित अन्य ने जानकारी देते हुए बताया की मुख्यमंत्री के भरतपुर विधानसभा के प्रवास के दौरान मूख्यमंत्री जी को शिकायत भेजी गई है। जांच एवं कार्यवाही नही होने पर फिर कड़ा विरोध कर संचालक कार्यालय का घेराव किया जावेगा।