अम्बिकापुर,282 दिसम्बर 2024 (घटती-घटना)। पूरे सरगुजा में पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव से ज्यादा सनातन धर्म को मानने वाला और कोई नहीं है। भाजपा उनके बयान को तोड़ -मरोडकर पेश की और उनके विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किया। उक्त बातें रविवार को अंबिकापुर के राजीव भवन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं वन औषधि बोर्ड पादप बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कही। इस दौरान पीसीसी उपाध्यक्ष जेपी श्रीवास्तव एवं पीसीसी महामंत्री द्वितेंद्र मिश्रा के अलावा अन्य कांग्रेसी नेता उपस्थित थे। श्री पाठक ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत एवं सिंहदेव का बयान समतुल्य है तो क्या बीजेपी मोहन भागवत के विरुद्ध भी प्रदर्शन करेगी। श्री पाठक ने आगे कहा कि 18वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र साारुढ भारतीय जनता पार्टी द्वारा संविधान और संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के अपमान के लिए देश के संसदीय इतिहास में दर्ज हो गया है। बीजेपी हमेशा से लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों के प्रति तिरस्कार दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ती,इस बार तो हद ही पार कर दी। डॉ. अंबेडकर के आदर्शों पर चलने की सलाह बीजेपी को कतई रास नहीं आई,साापक्ष ने लगातार विपक्ष को बोलने से रोकने की कोशिश की. यही नहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ. अंबेडकर का अपमान कर संघ और बीजेपी की मनुवादी मानसिकता उजागर कर दी।
बीजेपी और उसकी मातृसंस्था हमेशा से डॉ. आंबेडकर और संविधान विरोधी रही है. इन्होंने न सिर्फ संविधान के निर्माण के समय से ही विरोध किया, बल्कि इससे पहले डा. आंबेडकर को चुनाव हरवाया था। कांग्रेस डॉ. आंबेडकर के अपमान को लेकर अमित शाह के इस्तीफे की मांग किया है।जब तक अमित शाह इस्तीफा नहीं देंगे, हम विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। सहजीवन व्याख्यान माला में इंडिया द विश्वगुरु व्याख्यानमाला में बोलते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि मंदिर-मस्जिद विवाद निकालकर अपनी सियासत चमकाना गलत है। नए मुद्दे उठाकर कुछ लोग बन रहे हैं हिंदुओं के नेता। कुछ ऐसा ही उन्होंने जून 2022 में संघ शिक्षा वर्ग तृतियवर्ष के समापन में कहा था कि इतिहास वो है जिसे हम बदल नहीं सकते, इसे आज के हिन्दुओं और मुसलमानो ने नहीं बनाया, आज हर मस्जिद के नीचे शिवलिंग ढूंढना गलत है। अब इस किस्म की बातों के लिये संघ को कोई आन्दोलन नहीं करना है।चिंतित मोहन भागवत का यह बयान महत्वपूर्ण है। उनका यह बयान इस संबंध में कांग्रेस की विचारधार के समतुल्य है।
वीडियो को कांट छांटकर किया गया प्रसारित
पूर्व उपमुख्यमंत्री टी0एस0 सिंहदेव ने भी कांग्रेस की बैठक के दौरान ऐसे ही विचार व्यक्त किये थे। बैठक में उनके भाषण का वो हिस्सा जिसे अपने मीडिया के किसी सहयोगी से उन्होंने गुपचुप ढंग से तैयार करवाकर और कांट-छांट कर प्रचारित किया का भाव भी यही है कि सुप्रिम कोर्ट ने रामजन्मभूमि पर जो निर्णय दिया है वो अन्य विचारवान प्रश्नो की मौजूदगी के बावजूद इस देश में सौहाद् स्थापित करने के लिये दिया है। निर्णय के इतने अर्से के बावजूद आज पुन: देश में मंदिर-मस्जिद विवादों का पिटारा खोलकर पूरे देश के अमन-चैन को तिरोहित किया जा रहा है। पूजा स्थल अधिनियम 1991 की गलत व्याख्या कर इन विवादों को पैदा करने से पूरे देश में भयावह स्थिति पैदा हो जायेगी, जिससे अंतत नुकसान इस देश की आम-जनता होगी। मोहन भागवत जैसी ही सीख देने के लिये पूर्व उपमुख्यमंत्री के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने गये लोग अब चुप हैं। प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता आशीष वर्मा,अनूप मेहता सहित अन्य मौजूद थे।
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