अनूपपुर@तो…! कोयला माफियाओं का तिलिस्म नहीं तोड़ पा रही पुलिस

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-बागी कलम-
अनूपपुर,22 दिसम्बर 2024 (घटती-घटना)। शहडोल जिले के बंगवार यूजी खदान से लगभग 12ः00 बजे कोयला लेकर मोजर बेयर पावर प्लांट जैतहरी अनूपपुर के लिए निकली दीपक सेल्स बिजुरी की तीन गाडि़यां लगभग 5ः30 बजे धनपुरी पुलिस के द्वारा बगवार के जंगल में पकड़ी जाती हैं। जबकि इन गाडि़यों को जारी टीपी के अनुसार इन्हें 2ः15 से 2ः30 तक मोजर बेयर पावर प्लांट पहुंचना था। अब यहां सवाल यह खड़ा हो रहा है कि लगभग 5 घंटे तक गाडि़यों में कोयला लोड करके टीपी कटवाने के बाद दीपक सेल्स की यह गाडि़यां खदान के पास जंगल में क्या कर रही थी.? इसका जवाब तो बहुत सीधा है कि दीपक सेल्स का नाम ही कोयले के धंधे में विवाद और उलट फेर करने के लिए काफी है। इसके बावजूद धनपुरी पुलिस के द्वारा दीपक सेल्स के मालिक दीपक गुप्ता के खिलाफ सीधे-सीधे मुकदमा पंजीकृत ना करके ट्रेलर चालकों के खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया जाता है और सूत्रों का दावा है कि इस पहेली प्रक्रिया के बाद से ही कोयला माफियाओं को अपने बीच का रास्ता निकालने के लिए खुली छूट दे दी जाती है।
पुलिस द्वारा जारी प्रेस नोट में नहीं है नाम
यहां पर यह भी उल्लेख है कि गाडि़यों की जारी टीपी में दीपक सेल्स का नाम उल्लेखित है लेकिन इसके बावजूद पुलिस के प्रेस विज्ञप्ति से यह नाम गायब है जो इस बात का प्रमाण है कि या तो धनपुरी पुलिस कोयला माफियाओं के राजनीतिक दबाव और मैनेजमेंट में झुक गई या बिक गई। फिलहाल मामला चाहे जो हो लेकिन सच यही है कि पुलिस द्वारा बड़े कोयला माफियाओं की गाड़ी पकड़ने के बाद भी उनका कानून की पकड़ से बच निकलना एक आम दिनचर्या बन चुकी है। यही कारण है कि अब इस क्षेत्र की जनता यह कहने लगी है कि ऐसा कौन सा कारण है कि अनूपपुर और शहडोल जिले की पुलिस कोयला माफिया के तिलिस्म को तोड़कर उन्हें कानून के शिकंजे के पीछे क्यों नहीं खड़ा कर पाती.?
बचाव के लिए रास्ता खोजने दे दी खुली छूट
शहडोल जिले की धनपुरी पुलिस के द्वारा रविवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार धनपुरी पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि बघवार कोयला खदान के गेट के आगे जंगल की तरफ तीन टेलर कोयले से लदे खड़े हैं। पुलिस ने जब वहां दबिश दी तो टेलर वाहन क्रमांक सीजी 04 पीसी 7577, सीजी 04 पीसी 7753, एमपी 65 एच 9777 को पाया। जहां पर तीनों चालक दिनेश सिंह गौर, कुलदीप सिंह, पुष्पेंद्र सिंह पुलिस से वैध कागजात मांगने पर नहीं दिखा पाए जिसके कारण पुलिस ने टेलरों को धनपुरी थाने लाई और अपराध क्रमांक 384/2024 अंतर्गत धारा 303(2), 3(5)बीएनएस एवं 4/21 खनिज अधिनियम का मामला पंजीकृत किया गया। यहां पर यह बता दिया जाए की उक्त वाहनों के नंबर पर जारी टीपी के अनुसार उक्त गाडि़यां दीपक सेल्स से संबंधित है लेकिन धनपुरी पुलिस ने दीपक सेल्स का कहीं भी नाम उल्लेख न करके उनको अपने बचाव के लिए रास्ता खोजने की खुली छूट दे दी और ऐसी जन चर्चा है कि यह सब कोयला माफियाओं के मैनेजमेंट के खेल के कारण संभव हुआ।
पहले भी आ चुका है दीपक सेल्स का नाम
अनूपपुर जिले के बिजुरी थाना अंतर्गत कोयले के अवैध कारोबार के मामले में कई बार बिजुरी स्थित दीपक सेल्स का नाम आ चुका है। रामनगर थाने के द्वारा इसके पहले पकड़े गए तीन टेलर और उसमें दीपक सेल्स की बिजुरी कोल यार्ड का मामला हो या फिर अभी नई सीईडिंग के लिए आवंटित व्यावसायिक प्लांट में रेलवे की जमीन को गहरी खाई में तदील करना या फिर उनकी गाडि़यों पर कोयल और रेट की टीपी एक साथ एक समय पर जारी होना ऐसे कई चर्चित मामले इसके पहले प्रकाश में आ चुके हैं। इसके बावजूद आज तक दीपक सेल्स पर किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई न होना अपने आप में कई सवाल खड़ा कर रहा है। यही नहीं साा का संरक्षण और मैनेजमेंट के माहिर खिलाड़ी होने का फायदा उठाकर दीपक सेल्स और इसके मलिक कब तक कानून की पकड़ से दूर रहेंगे यह बड़ा प्रश्न है।


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