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कुवैत,@ भारत और कुवैत का रिश्ता दिल से…

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@भारत और कुवैत को डिप्लोमेसी ने नहीं…दिलों ने आपस में जोड़ा है…
कुवैत,21 दिसम्बर 2024 (ए)।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐतिहासिक यात्रा पर कुवैत पहुंचे हैं. भव्य स्वागत के बाद पीएम मोदी ने प्रवासी भारतीय समुदाय को संबोधित किया। वह यह बताना नहीं भूले कि 43 साल बाद कोई भारतीय पीएम कुवैत आया है। मोदी ने कहा, भारत से यहां पहुंचने में आपको चार घंटे लगते हैं, किसी भारतीय प्रधानमंत्री को कुवैत आने में चार दशक लग गए। पीएम ने कहा कि आप सभी भारत के अलग-अलग हिस्सों से आए हैं, लेकिन आप सभी को देखकर ऐसा लग रहा है, जैसे एक ‘मिनी इंडिया’ यहां इकट्ठा हो गया है। उन्होंने कहा, ।हर साल सैकड़ों भारतीय कुवैत आते हैं; आपने कुवैत के समाज में भारतीयता का तड़का लगाया।
कुवैत में प्रवासी भारतीयों के नाम पीएम मोदी के
संबोधन की बड़ी बातें…

अभी दो ढाई घंटे पहले ही मैं कुवैत पहुंचा हूं,जब से मैंने यहां कदम रखा है तब से चारों तरफ एक अलग ही अपनापन, एक अलग ही गर्मजोशी महसूस कर रहा हूं। आप सब भारत के अलग-अलग राज्यों से आए हैं लेकिन आप सभी को देख कर ऐसा लग रहा है जैसे मेरे सामने मिनी हिंदुस्तान उमर आया है। उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम, हर क्षेत्र के अलग-अलग भाषा बोलने वाले लोग मेरे सामने नजर आ रहे हैं लेकिन सबके दिल में एक ही गूंज है…भारत माता की जय।
मेरे लिए ये पल बहुत खास है. चार दशक से भी ज्यादा समय यानी
43 साल बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री कुवैत आया है। हिंदुस्तान से यहां आने में 4 घंटे लगते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री को यहां आने में 4 दशक लग गए।आपने कुवैत में भारत के टैलेंट, टेक्नोलॉजी और ट्रेडिशन का मसाला मिक्स किया है। इसलिए मैं आज यहां सिर्फ आपसे मिलने ही नहीं आया हूं, आप सभी की उपलब्धियों को सेलिब्रेट करने आया हूं। आपमें से कितने ही साथी पीढि़यों से कुवैत में रह रहे हैं, बहुतों का तो जन्म भी यहीं हुआ है और हर साल सैंकड़ों भारतीय आपके समूह में जुड़ते जाते हैं, आपने, कुवैत के समाज में भारतीयता का तड़का लगाया है, कुवैत के कैनवास में भारतीय हुनर का रंग भरा है।
भारत और कुवैत का रिश्ता…सभ्यताओं का है…सागर का है…व्यापार-कारोबार का है. भारत और कुवैत,अरब सागर के दो किनारों पर बसे हैं. हमें सिर्फ डिप्लोमेसी ने ही नहीं, बल्कि दिलों ने आपस में जोड़ा है। हमारा वर्तमान ही नहीं, बल्कि हमारा अतीत भी हमें जोड़ता है। भारत, दुनिया के उन पहले देशों में से एक है, जिसने कुवैत की स्वतंत्रता के बाद उसे मान्यता दी थी। इसलिए जिस देश से, जिस समाज से इतनी सारी यादें जुड़ी हैं… वहां आना मेरे लिए बहुत यादगार है। मैं कुवैत के लोगों और यहां की सरकार का बहुत आभारी हूं. जब भारत को सबसे ज्यादा जरूरत पड़ी, तो कुवैत ने हिंदुस्तान को लिम्डि ऑक्सीजन की सप्लाई दी. हिज हाईनेस भ्द्धद्ग ष्टह्म्श2ठ्ठ क्कह्म्द्बठ्ठष्द्ग ने खुद आगे आकर सबको तेजी से काम करने के लिए प्रेरित किया. मुझे संतोष है कि भारत ने भी कुवैत को वैक्सीन और मेडिकल टीम भेजकर इस संकट से लड़ने का साहस दिया।


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