बैकुण्ठपुर@खनिज अधिकारी व इंस्पेक्टर क्रेशर संचालकों से कर रहें हैं अवैध उगाही

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नियमों का हवाला देकर पट्टेदारों को खनिज विभाग के अधिकारी कर्मचारी कर रहे ब्लैकमेल,जिला खनिज विभाग का नया कारनामा आया सामने

रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 12 जनवरी 2022 (घटती-घटना)। कोरिया जिले का खनिज विभाग फिर अपने नए कारनामे को लेकर सुर्खियों में है। रेत मामलें में रेत ठेकेदारों के अधीन चलने वाला जिले का खनिज विभाग इसबार जिले के क्रेशर संचालकों को परेशान करने में लगा हुआ है और अवैध उगाही के लिए रेत के अलावा अब क्रेशर संचालकों को भी अपने अवैध आय का जरिया बना रहा है जैसा की सूत्रों से खबर मिल रही है। बताया जा रहा है कि जिले के एक खनिज अधिकारी सहित एक इंस्पेक्टर द्वारा नियमों को ताक पर रखकर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अधिक लाभ अर्जित करने के उद्देश्य से क्रेशर संचालकों से साथ ही माइनिंग विभाग से प्राप्त लीज के आधार गिट्टी ठेकेदारों से जमकर अवैध उगाही की जा रही है। खनिज विभाग के पंजीकृत ठेकेदारों की माने तो खनिज विभाग में जमकर अवैध उगाही का दौर जारी है और माइनिंग विभाग के एक अधिकारी व इंस्पेक्टर एक मामले में जिले के लाखों रुपये की मांग ठेकेदार से कर रहें हैं और वह भी अवैध उगाही बतौर,नियमो का हवाला देकर ठेकेदार पर कार्यवाही करने का भय बनाकर यह अवैध उगाही की मांग ठेकेदार के समक्ष रखी गई है जिससे ठेकेदार भी परेशान है। ठेकेदार की माने तो इनके द्वारा सालाना एसेसमेंट पर भारी भ्रस्टाचार किया गया है,बताया यह भी जा रहा है कि क्षेत्र में कुछ नई खदानों का भंडारण होने जा रहा है जिसमें भी भारी भरकम रकम की मांग की जा रही है, जिसकी शिकायत भी जल्द की एंटी करप्शन सहित एनजीटी व अन्य जांच एजेंसियों को की गई है।
उल्लेखनीय यह भी है कोरिया जिले का खनिज विभाग इन दिनों प्रदेश स्तर से मिले आदेशों अनुसार जिले के रेत ठेकेदारों को संरक्षण देने की आड़ में जिले में ही पदस्थ एक खनिज विभाग का इंस्पेक्टर इसका भरपुर लाभ उठा रहा है। यह इंस्पेक्टर अभिवहन पास जारी करने के लिए भी भारी भरकम रकम की डिमांड करता है, जिले के खनिज विभाग के ही खनिज उत्खनन धारी पट्टेदारों का कहना है कि उक्त इंस्पेक्टर की मनमर्जी ऐसी चलती है विभाग में की उसके अनुसार अवैध रूप से भुगतान नहीं किये जाने पर वह इंस्पेक्टर पट्टेदारों सहित ठेकेदारों को ब्लैकमेल भी करता है और भयादोहन भी करता है। विभागीय कड़े नियमों का हवाला देकर वह किसी न किसी तरह अपनी अवैध मांगे पूरी करवा लें जाने में माहिर है क्योंकि उसे विभाग से खुली छूट मिली हुई है।

खनिज इंस्पेक्टर ऐसे बनाता है क्रेशर संचालकों पर पैसे के लिए दबाव

उक्त खनिज विभाग के इंस्पेक्टर का बारे में एक खनिज विभाग के ही पट्टेदार ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जिले की लगभग सभी पत्थर खदानें बंद हैं, क्रेशर संचालक कहीं अन्य जगहों से जबरदस्त उत्खनन कर रहें हैं और ऐसा वह अपने खदानों में स्टॉक बनाये रखने के लिए कर रहें हैं, वहीं ऐसा करने के लिए उन्हें उक्त खनिज विभाग का इंस्पेक्टर ही प्रेरित कर रहा है यह भी बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि उक्त इंस्पेक्टर दबी जुबान में यह भी कहता रहता है कि सरकार का बहोत दबाव है और सभी को पैसा देना पड़ेगा, पैसा नहीं देने पर कार्यवाही के लिए भी तैयार रहना होगा, जिन ठेकेदारों व पट्टेदारों से इसकी सीधे सेटिंग हो चुकी है उन्हें यह क्लीन चिट दे रखा है और जिनसे इसकी सेटिंग नहीं हुई है उनके वैध दस्तावेजों को भी अवैध बताकर यह उन्हें परेशान करता है और अवैध उगाही के लिए दबाव बनाता है। यह इंस्पेक्टर महिला खनिज अधिकारी के सीधे व सरल व्यवहार का भी फायदा उठाता है और जिले का अघोषित जिला खनिज अधिकारी बनकर यह अपने काले कारनामों को लगातार अंजाम दे रहा है।

कलेक्टर कोरिया से है सीधे सेटिंग कहता है खनिज विभाग का इंस्पेक्टर

जिले के खनिज विभाग में ही पदस्थ यह इंस्पेक्टर खनिज विभाग के पंजीकृत ठेकेदारों पट्टेदारों से दबी जुबान में यह भी कहते सुना जा सकता है जैसा कि कुछ ठेकेदारों व पट्टेदारों का ही कहना है कि उसकी सेटिंग जिले के कलेक्टर तक से है। कलेक्टर कोरिया के नाम पर भी उसकी उगाही जारी है और जिले के ठेकेदार व पट्टेदार उक्त इंस्पेक्टर के आगे नतमस्तक हैं उसकी मांग पूरी करने मजबूर हैं।

नहीं जाता फील्ड सहित खदानों में उक्त ठेकदार

उक्त खनिज विभाग के इंस्पेक्टर के बारे में यह भी बात प्रसिद्ध है और उसकी आदतों व उसकी कार्यप्रणाली में शुमार है कि वह कभी न तो फील्ड का दौरा करता है और ना ही किसी भी खदान में जाता हैवह मासिक रूप से सभी पट्टेदारों सहित ठेकेदारों को अपना अवैध उगाही की राशि की सूचना भेजकर उनसे जबरदस्ती दोहन कर राशि वसूल लेता है और मासिक जांच पत्रक घर बैठे भरकर पैसा मिलते ही क्लीन चिट जारी कर देता है। बैकुंठपुर, मनेंद्रगढ़ सहित खड़गवां में कई ऐसी खदानें हैं जिनकी संख्या दर्जनों में है जिनमे आज तक उत्खनन नहीं हुआ लेकिन उक्त इंस्पेक्टर लीज धारकों से मिलकर उन खदानों में जिनमे से उत्खनन ही नहीं हुआ उत्खनन दिखाकर करोडों रुपये का वारा न्यारा किया जा चुका है उसके द्वारा।

खदानों के भौतिक सत्यापन से खुलेगा खनिज इंस्पेक्टर के अवैध उगाही का राज

बताया जाता है कि जिले की कई गिट्टी खदानों का यदि भौतिक सत्यापन किया जाए तो उक्त इंस्पेक्टर की कारस्तानियों का राज खुल सकेगा और यह भी स्पस्ट समझ मे आ जायेगा कि जितनी मात्रा में खदानों से उत्खनन का इंस्पेक्टर प्रतिमाह रिपोर्ट विभाग को प्रस्तुत कर रहा है वह गलत है और कूटरचना के साथ उसकी अवैध उगाही का जरिया है।लेकिन उक्त खनिज इंस्पेक्टर जो खुद को कलेक्टर कोरिया का करीबी बताता है के मामले में जांच नहीं हो रही है और उसने खनिज विभाग को जिले का सबसे बड़ा भ्रस्टाचार का अड्डा बना रखा है।

कई बार शिकायतों के बावजूद नहीं हुई उक्त इंस्पेक्टर पर कार्यवाही

उक्त खनिज इंस्पेक्टर की शिकायत कई बार शिकायत जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक कि जा चुकी है लेकिन अभी तक इसके ऊपर कोई कार्यवाही नहीं हुई है जिससे इसके हौसले और बुलंद होते जा रहें हैं। रेत मामले में चूंकि प्रदेश स्तर का दबाव खनिज विभाग पर है इसलिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी खनिज विभाग सहित उक्त इंस्पेक्टर के मामले में खुद को मजबूर मानकर चल रहे हैं। वहीं जिले के सभी जनप्रतिनिधियों के बीच ही यह इंस्पेक्टर अपनी मनमानी कर रहा है और जनप्रतिनिधियों को मौन धारण करके रहना पड़ रहा है। अब उक्त इंस्पेक्टर की शिकायत न्यायालय में इस्तगासा के माध्यम से ठेकेदार, क्रेशर संचालक व पट्टेदार करने की मंशा बना रहें हैं जैसा सूत्रों से जानकारी मिल रही है।


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