-डॉ. राजकुमार मिश्र-
हनुमानगढ़ 10 अक्टूबर 2021 । यूपी के लखीमपुर खीरी में भाजपा के गुंडे नेता द्वारा चार किसानों और एक पत्रकार समेत आठ लोगों को मार डाले जाने के ह्रदयविदारक कांड की अभी स्याही भी नही सूख पाई थी कि राजस्थान के हनुमानगढ़ में करीब दर्जन भर लोगो द्वारा एक दलित यूवक को पीट पीट कर मार डाला गया। कालम लिखे जानेतक 5 आरोपियों को पकड़ा जा चुका था फिर भी राजनीतिक विरोधी भाजपाइयों ने यह कहते हुए नाराजी जतानी शुरूकर दी कि राजस्थान में दलित की नृशंस हत्या पर वे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी चुप क्यो है जिन्होंने लखीमपुरखीरी मामले में यूपी सरकार की किरकिरी करके घर देने में कोई कसर नही छोड़ी।यह भी ललकार भरी गई कि अगर मारे गए लोगो के प्रति सच्ची हमदर्दी कांग्रेस के दिल मे है तो राजस्थान के हत्प्राण दलित के परिजनों को भी उनके घर पहुंचकर गले लगाना और पचास लाख की नकद मदद भी कर दिखानी चाहिए।कांग्रेस ने जबाब में तर्कसम्मत बात करते हुए कहा कि कांग्रेस ने लखीमपुरखीरी के मृतकों के हत्यारों को बचाने की अमानवीय तिकड़मों का विरोध किया जिसके बाद उनके आरोपी हत्यारे को दबोचने के लिए योगी सरकार मजबूर हो गई जबकि राजस्थान के दलित की हत्या होते ही कानून और न्याय की व्यवस्था यथाशीघ्र सक्रिय हो गई। धरपकड़ भी होने लगी।इसके बाद राहुल प्रियंका को जाने की क्या जरूरत रह जाती है
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