अगले हफ्ते जाएगा 3 सदस्यीय दल
नई दिल्ली ,30 सितंबर 2021 ( ए )। पाकिस्तान में तीन अक्तूबर से होने वाले शंघाई सहयोग संगठन के आतंकवाद विरोधी अभ्यास में भारत भी भाग लेगा। इस अभ्यास में भाग लेने के लिए भारत की और से तीन सदस्यीय टीम पाकिस्तान जाएगी। इसका उद्देश्य है कि एससीओ सदस्य देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़े। सरकार का मानना है कि इस एक्सरसाइज में भागीदारी से किसी भी तरह से उसके दावे को कमजोर नहीं करेगा कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अगले हफ्ते पाकिस्तान में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन में भाग लेने के लिए 3 सदस्यीय भारतीय टीम जाएगी। इस एक्सरसाइज में भारत की मौजूदगी को सुरक्षा से संबंधित मुद्दों, खासकर अफगानिस्तान में मध्य एशिया केंद्रित क्षेत्रीय ब्लॉक की भूमिका के महत्व के संकेत के रूप में देखा जाएगा। रूस, भारत, चीन, पाकिस्तान और 4 मध्य एशियाई देशों के सदस्यों के साथ ईरान के भी स्ष्टह्र में आने से एससीओ के अफगानिस्तान में स्थिति के राजनीतिक और राजनयिक समाधान के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना है। भारत इस अभ्यास में अपनी भागीदारी की पुष्टि करने वाला अंतिम देश था।
ताशकंद में आरएटीएस की बैठक के बाद इस साल मार्च में इस एक्सरसाइज का ऐलान हुआ था। एससीओ प्रोटोकॉल के तहत पाकिस्तान ने भारत सहित सभी सदस्य-देशों को इस अभ्यास के लिए आमंत्रित किया था। इस एक्सरसाइज में सैनिक शामिल नहीं हैं और इसका उद्देश्य आतंकवादी गतिविधियों को फंडिंग पहुंचाने वाले चैनलों की पहचान करना और उन्हें रोकना है। इस एक्सरसाइज में भारत का प्रतिनिधित्व राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के अधिकारियों के करने की संभावना है।
एससीओ एक्सरसाइज ऐसे समय में होगा जब इस साल फरवरी में दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम समझौते पर पहुंचने के बावजूद भारत-पाकिस्तान संबंध खराब से बदतर होते जा रहे हैं। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी कमांडरों पर पिछले महीने जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कराने का आरोप लगाया है और इस हफ्ते की शुरुआत में सेना ने नियंत्रण रेखा के उरी सेक्टर में एक मुठभेड़ के बाद एक पाकिस्तानी आतंकवादी को हिरासत में लिया था। अफगानिस्तान पर एससीओ समिट की मीटिंग को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि तालिबान द्वारा बनाई गई सरकार समावेशी नहीं थी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इसे पहचानने में जल्दबाजी न करने को कहा। घोषणापत्र में अफगानिस्तान को आतंकवाद और नशीले पदार्थों से मुक्त करने का आह्वान करते हुए कहा गया कि सभी सदस्य देशों का मानना है कि अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार का होना जरूरी है, जिसमें अफगान समाज के सभी जातीय, धार्मिक और राजनीतिक समूहों के प्रतिनिधि हों।