स्वास्थ्य लेख@हार्ट अटैक वाले ज्यादातर लोगों की उम्र 50 साल से कम है। यदि आप सोच रहे हैं कि इस सबके पीछे आपकी जीवन शैली है तो ऐसा सही है। परंतु आपकी जीवन शैली में ऐसी कौनसी कमी है जो हार्ट अटैक का कारण बन रही है? आपको जानकर हैरानी होगी कि इसका दोषी पाम ऑयल है। साल 2022 में …
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पितर पक्ष विशेष@हमर पितर अउ हमर कउँवा
पितर पक्ष विशेष@पितर पाख ह कुँवार महीना के अंधियारी पाख के एक्कम तिथि ले लेके अमावस तक चलथे। पंदरा दिन तक घरोघर बरा, सोहारी, गुलगुला भजिया, खीर बनाके पुरखा मन ला गुड़ अउ घींव के हुम दे जाथे।बताए हे की गुड़ अउ घी के हुम ला पितर पाथे। पितर पाख मा तो अबड़ नियम-धियम रहिथे, फेर आज कल के वातावरण …
Read More »लेख@ संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ के अपने ही दावे को भाजपा ने हाईकोर्ट में नकारा : ये खेल है सांप्रदायिक धु्रवीकरण
लेख@ झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने संसद में यह बात कहकर सनसनी फैला दी थी कि राज्य में संथाल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण आदिवासियों की आबादी गिर रही है और उनकी जनसंख्या 16 प्रतिशत कम हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया था कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार के संरक्षण में ये घुसपैठिए …
Read More »ऐतिहासिक उपलब्धि साबित होगा बुजुर्गों के निःशुल्क इलाज का फैसला
केन्द्र सरकार ने 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों का निशुल्क इलाज कराने का जो फैसला लिया है, वह एक दूरगामी फैसला है, जिसकी सराहना की जानी चाहिए। यह एक ऐसा फैसला है, जिसकी वास्तव में जरूरत थी और अगर इसका यथार्थ के धरातल पर सुचारू क्रियान्वयन हो जाता है तो यह निर्णय बुजुर्गों के स्वास्थ्य एवं सामाजिक सुरक्षा …
Read More »हमें भी हिसाब दो…
हमारे देश की राजनीति आजकल अजीब मोड़ पर आकर खड़ी हो गई है! किसी भी दल का कोई भी आदमी दूसरे दल के बारे में कुछ भी कहने में स्वतंत्र है! कहने को तो देश संविधान के अनुसार चल रहा है लेकिन संसद के अंदर तथा संसद के बाहर जिस तरह हमारे जन प्रतिनिधि अमर्यादित तथा अजीबो गरीब भाषा का …
Read More »पूरे राष्ट्र को एक सूत्र में जोड़ती है हिन्दी भाषा
Untitled design – 1 किसी भी देश की भाषा और संस्कृति उस देश में लोगों को लोगों से जोड़े रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से हिन्दी और देवनागरी के मानकीकरण की दिशा में अनेक क्षेत्रों में प्रयास हुये हैं। हिन्दी भारत की सम्पर्क भाषा भी हैं। अतः हम कह सकते है की हिन्दी …
Read More »अम्बिकापुर@खुला पत्र@सरकार किसी भी पार्टी की हो विधायक मंत्री कोई भी रहे पर कमियां लिखना या प्रकाशित करना लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के लिए बड़ी चुनौती रहेगी
@ अखबार में ना छपे कमियां क्या इस वजह से मंत्री जी ने अखबार का रुकवाया शासकीय विज्ञापन?@ मंत्री जी अपनी कमियो को दूर करने के बजाए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को दबाने का क्यों कर रहे प्रयास?@ क्या शासकीय विज्ञापन बिना अखबार नहीं चलेगा मंत्री जी…क्या यही सोच चुके है मंत्री?@ बड़े मियां तो बड़े मियां छोटे मियां भी …
Read More »संपादकीय@मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पूरे देशके भाजपा नेताओं सहित अन्य दलों के नेताओं लिए बने मिसाल!
मुख्यमंत्री पद न मिलने के बावजूद भी अपने प्रदेश में भाजपा को लोकसभा चुनाव में भी दिलाई बड़ी जीत।जहां बड़ा पद न मिलने पर नेता अपने ही पार्टी को नुकसान पहुंचाते हैं वहीं शिवराज सिंह चौहान ने एक अलग ही मिसाल कायम कर दी।पद से हटाए जाने के बावजूद भी निस्वार्थ भाव से प्रदेश में भाजपा को जिताया।राजनीति बड़ा रुतबा …
Read More »संपादकीय@देश का चौथा स्तंभ डगमगा रहा है,बचाए कौन?
क्या आगे के तीन स्तंभ भी चौथे स्तंभ के लिए गंभीर नहीं?बचा लो चौथे स्तंभ को अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है,जिम्मेदार लोगों से है अपील!अख़बार और सरकार में से किसी एक को चुनना है, तो मैं कहूंगा कि सरकार चाहे न हो,लेकिन अख़बारों का अस्तित्व अवश्य रहे: थॉमस जेफरसन अमेरिका के तीसरे राष्ट्रपति लेख BY रवि सिंह। ये बात …
Read More »संपादकीय@पत्रकारिता का गिरता स्तर आने वाले समय के लिए चिंताजनक!
गजब की पत्रकारिता,कोई प्रशासनिक अधिकारी के शादी का कार्ड बांट रहा तो कोई नेता को लड्डू से तौल रहा है तो कोई विधायक का ड्राइवर बना…क्या यही है पत्रकारिता का स्तर?जनप्रतिनिधियों सहित अधिकारियों की जी हुजूरी करना ही बन चुकी पत्रकारिता? लेख BY रवि सिंह:- पत्रकारिता का स्तर बहुत ज्यादा गिर चुका है या गिर रहा है, इन दिनों व्यापारी …
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