कोरिया@छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले ने एक बार फिर नवाचार की मिसाल पेश की

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कोरिया,07 अक्टूबर 2025 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले ने एक बार फिर नवाचार की मिसाल पेश की है। कृषि विज्ञान केंद्र और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से तैयार किया गया पीनट बटर-हनी फ्लेवर्ड उत्पाद आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष,बैकुंठपुर में राज्यपाल श्री रमेन डेका के करकमलों से विमोचित हुआ। राज्यपाल श्री डेका ने उत्पाद की गुणवत्ता, स्वाद और पैकेजिंग की सराहना करते हुए कहा कि यह उत्पाद कोरिया जिले की सृजनात्मक सोच और कृषि नवाचार का उत्कृष्ट उदाहरण है। शक्कर की जगह शहद का उपयोग इस पीनट बटर को और भी पौष्टिक व स्वास्थ्यवर्धक बनाता है। कोरिया जैसे सुदूर अंचल से इस तरह की पहल का आरंभ सचमुच सराहनीय है। राज्यपाल ने याद किया कि अपने पिछले कोरिया प्रवास के दौरान उन्होंने श्सोनहनीश् शहद उत्पाद का भी शुभारंभ किया था। उन्होंने कहा कि यह दूसरा उत्पाद श्सोनहनीश् की तरह ही किसानों के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बड़ा कदम है। राज्यपाल ने कहा कि इस पहल से किसानों को बेहतर बाजार मूल्य मिलेगा और स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने कहा कि प्रोटीन वर्ल्ड की इस दुनिया में कोरिया का ‘पीनट बटर’ एक नायाब शुरुआत है। यह उत्पाद न केवल स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है, बल्कि ‘वोकल फॉर लोकल’ की भावना को भी सशक्त करता है।
कलेक्टर का अभिनव प्रयास कृषि से उद्यमिता की ओर
कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ग्रामीणों, किसानों की आर्थिक, सामाजिक स्थिति को मजबूत करने के लिए अनेक ठोस कदम उठाएं हैं। उन्होंने बताया कि इसी को ध्यान में रखते हुए पीनट बटर हनी फ्लेवर्ड का निर्माण कृषि विज्ञान केंद्र, कोरिया के तकनीकी सहयोग से किया गया है। इसका उद्देश्य किसानों को वैल्यू एडिशन के माध्यम से अधिक आमदनी दिलाना और स्थानीय संसाधनों से स्वदेशी स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद तैयार करना है।
कोरिया की मिट्टी में मेहनत और नवाचार
श्रीमती त्रिपाठी ने कहा कोरिया की मिट्टी में मेहनत और नवाचार दोनों हैं। अब किसान केवल उत्पादन तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि प्रसंस्करण और विपणन के माध्यम से भी आत्मनिर्भर बनेंगे।
स्वास्थ्य और स्वाद का संगम
कृषि विज्ञान केन्द्र,बैकुंठपुर के वैज्ञानिक श्री कमलेश सिंह ने बताया कि यह पिन्ट्स बटर शत् प्रतिशत प्राकृतिक मूंगफली और शुद्ध शहद से तैयार किया गया है। इसमें कोई कृत्रिम रंग, फ्लेवर या प्रिज़र्वेटिव नहीं मिलाया गया है। 125 ग्राम की आकर्षक पैकिंग में उपलब्ध यह उत्पाद पूरी तरह स्वदेशी और स्वास्थ्यवर्धक है। उन्होंने पोषण सम्बन्धी मानक के बारे में बताया कि प्रति 100 ग्राम में करीब 600 किलो कैलोरी, 22-25 ग्राम प्रोटीन, 30-35 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 18-20 ग्राम प्राकृतिक शर्करा, 45-50 ग्राम हेल्दी फैट, 3-4 ग्राम फाइबर तथा कैल्शियम, आयरन और विटामिन ई से भरपूर है। कमलेश सिंह ने बताया कि जिले में पिछले वर्ष लगभग 933 हेक्टेयर में मूंगफली की फसल बोई गई थी,जबकि इस वर्ष यह क्षेत्रफल बढ़कर 1500 हेक्टेयर से अधिक हो गया है,जिसमें करीब 4000 किसानों ने भागीदारी की है। उन्होंने यह भी बताया कि जिले के 120 किसानों को 60 हेक्टेयर के उन्नत किस्म के मूंगफली बीज दिए हैं। प्रोटीन और हेल्दी फैट मसल ग्रोथ व रिकवरी में सहायक है खासकर फिटनेस प्रेमी एवं बॉडीबिल्डर के लिए। कुपोषण से ग्रसित बच्चे एवं महिलाएँ के लिए। यह उत्पाद ऊर्जा और पोषण का उत्कृष्ट स्रोत है । वृद्धजन के लिए विटामिन ई और अच्छे फैट से हृदय एवं हड्डियों की सेहत में लाभकारी है।


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