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सूरजपुर@दलित परिवार से निकलकर बनाई प्रेरणादायक पहचान, सुरेश भारती की संघर्ष और सफलता की कहानी

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सूरजपुर,27 जून 2025 (घटती-घटना)। जिले के रामानुजनगर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम बरहोल निवासी सुरेश भारती ने यह सिद्ध कर दिखाया है कि अगर मेहनत, लगन और आत्मविश्वास हो,तो कोई भी बाधा रास्ता नहीं रोक सकती। एक साधारण दलित परिवार में जन्मे सुरेश भारती ने शिक्षा और सेवा दोनों क्षेत्रों में अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
सुरेश भारती प्रारंभ से ही मेधावी छात्र रहे हैं। कक्षा दसवीं में नगर में प्रथम स्थान प्राप्त किया और इस उपलçध को कक्षा बारहवीं में भी दोहराया। पढ़ाई के साथ-साथ वे समाजसेवा में भी हमेशा आगे रहे। उन्होंने अपने गांव और आसपास के क्षेत्रों में सामाजिक समस्याओं के समाधान हेतु सक्रिय भूमिका निभाई। 18 वर्ष और 5 दिन की उम्र में उन्हें पहली सरकारी नौकरी शिक्षा कर्मी वर्ग-3 के रूप में मिली। इसके बाद उन्होंने जनपद पंचायत में ग्रामीण विकास विभाग में बाबू के रूप में सेवा दी। उनके अब तक के सफर में वे सात बार अलग-अलग सरकारी विभागों में सेवाएं दे चुके हैं। वर्तमान में वे राजस्व विभाग में बाबू के पद पर कार्यरत हैं। इसके अलावा, सुरेश भारती वर्तमान में लिपिक संघ के जिला सचिव का दायित्व भी संभाल रहे हैं। नौकरी और सेवा के साथ उन्होंने शिक्षा को कभी नहीं छोड़ा। उन्होंने डबल एम.ए. और एम.बी.ए. की डिग्रियाँ भी प्राप्त की हैं, जो उनकी शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अब उन्होंने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा भी सफलता पूर्वक उत्तीर्ण कर ली है। अब सभी की नजर इस बात पर है कि वे अंतिम परीक्षा में कौन-सा पद अर्जित करते हैं। सुरेश भारती का यह सफर न सिर्फ ग्राम बरहोल बल्कि पूरे जिले के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। उनकी सफलता यह संदेश देती है कि कठिन परिस्थितियाँ भी राह का रोड़ा नहीं बन सकतीं, अगर इरादा मजबूत हो।


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