बैकु΄ठपुर@निजात का व्यापक असर…कईयों ने नशे को कहा ना…जिन्दगी को हां

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एनडीपीएस के 130 प्रकरण में 149 की गिरफ्तारी,आबकारी के 420 प्रकरण में 435 की गिरफ्तारी

पुलिस का दावा अभियान से जागरूक हो लोगों ने नशीली पदार्थ से बनाई दूरी,कोरिया पुलिस का अनोखा रिकार्ड 4 माह में एनडीपीएस व आबकारी के 550 प्रकरण किए दर्ज

र वि सिंह –
बैकु΄ठपुर 30 नवम्बर 2021 (घटती-घटना)। पुलिस अधीक्षक कोरिया संतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में कोरिया में ड्रग्स, नारकोटिक्स व अवैध शराब के विरूद्ध अभियान निजात में बड़े पैमाने पर प्रभावी कार्यवाही की जा रही है एवं जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिले के अन्तर्गत हर छोटे-बड़े कस्बे, गावों एवं शहरों में निजात अभियान पर कोरिया पुलिस के जवानों के द्वारा नशा मुक्त कोरिया बनाने की अपील कर कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है जिसमें अभियान में लोगों का लगातार जन समर्थन भी मिल रहा है। इस अभियान में सख्त से सख्त कार्यवाही कर नशे के पैमाने को धवस्त करने की कोशिश की जा रही है जिसमें माह जुलाई से लेकर अब तक नशे के अवैध करोबार, ड्रग्स/नारकोटिक्स से जुड़े 17 मोटर साईकिल, 01 बुलैट एवं 01 चार पहिया बुलेरो वाहन को जप्त किया गया है साथ ही एनडीपीएस के 130 प्रकरण में 149 लोगों को गिरफ्तार एवं आबकारी के 420 प्रकरण में 435 लोगो को गिरफ्तार किया गया है, लगभग 04 माह में रिकार्ड प्रकरण तैयार किये गये है, जिससे अवैध नशा करने वाले लोगों में खौफ का महौल बना हुआ है। माह जुलाई 2021 से चलाये जा रहे इस निजात अभियान में समाज के हर वर्ग के लोगों ने अपनी हिस्सेदारी प्रकट की है, जहाँ एक ओर बॉलीवुड एवं छॉलीवुड के प्रसिद्ध कलाकारों प्रभुदेवा, अरबाज खान, राजपाल यादव, विरेन्द्र सक्सेना, सुनील ग्रोवर, कैलाश खेर, भगवान तिवारी, शाहवर अली, यश अजय सिंह, परितोष त्रिपाठी व लोकगायक दिलीप षडंगी, राकेश शर्मा, मोना सेन, सुनील तिवारी, अंचल शर्मा, अनुज शर्मा, तीजन बाई, ममता चंद्राकर, जाकिर हुसैन, गोपाल के. सिंह, योगेश अग्रवाल, प्रकाश अवस्थी एवं जनप्रतिनिधिगणों द्वारा इस अभियान से जुड़कर कोरिया पुलिस की सहायता करने की अपील की जा रही है। विदित हो कि माह अगस्त में माननीय विधानसभा अध्यक्ष छ0ग0 शासन श्री चरणदास महंत, संसदीय सचिव / विधायक बैकुन्ठपुर अम्बिका सिंहदेव, सरगुजा विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष / विधायक भरतपुर गुलाब कमरो एवं मनेन्द्रगढ़ विधायक श्री विनय जायसवाल की उपस्थिति में निजात अभियान की शुरूआत की गई है। बड़े पैमाने पर गाँवो में स्वयं वहाँ के ग्रामीणों द्वारा वॉल पेंटिंग कर नशे से दूर रहने की समझाईश दी जा रही है। शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अपने समर्थन के होर्डिंग लगा रहे है।

अभियान से अनेक परिवारों को मिली खुशी

इस अभियान से अनेक परिवारों में खुशी की लहर दौड़ी है, नशे से जूझ रहे ऐसे कई लोगों की निजात अभियान के तहत कोरिया पुलिस द्वारा काउंसलिंग की गई है जिससे उन लोगो ने नशे से निजात पाकर नशे को अलविदा कहा है एवं सैकड़ो लोगों के जीवन में परिवर्तन आया है। उनमें से कुछ लोगों ने अपने अनुभव साझा किये है। आईए एक नजर उन सच्ची कहानियों पर जिन्होंने नशे को हराकर जिन्दगी को कहा हाँ:-

नंबर 1 नशे को ना और जिंदगी को हां कहने वाले

मुकेश कुमार साहू आह्र संत लाल साहू, उम्र 22 वर्ष, निवासी सोनहत जिला कोरिया (छ0ग0) मैं कक्षा 10वीं की पढ़ाई के दौरान ही बुरे लोगो की संगत में आया और मुझे शराब पीने की बुरी लत लग गई थी। मेरे परिवार के लोग मुझे घर का सामान लाने के लिए पैसे देते थे तो मैं उन पैसो का शराब पी जाता था, जिस कारण मेरे घर वालो से आये दिन मेरा झगड़ा व विवाद होता रहता था। घर वाले मेरे से बेहद परेशान रहते थे मेरी पत्नी भी मेरे शराब पीने से परेशान रहती थी, जिस कारण मेरा मेरी पत्नी एवं परिवार वालों से कई बार कहा-सुनी हो जाती थी। फिर इसी बीच थाना प्रभारी सोनहत ने के द्वारा मुझे थाना बुलाया गया, करीब दो घण्टे तक बैठा कर समझाया गया तथा मुझे कोरिया पुलिस द्वारा चलाये जा रहे निजात अभियान के बारे में बताया तथा उसमें रहकर सहयोग करने को कहा। मैं थाना प्रभारी और उनकी टीम के साथ रहकर शराब एवं गुटखा का सेवन करना बंद कर दिया। मैं नशे से मुक्त हो चुका हूँ एवं भविष्य में कभी भी किसी प्रकार के नशे का सेवन नहीं करूंगा।

नंबर 2 नशे को ना और जिंदगी को हां कहने वाले

राहुल सिंह आ0 रूद्र प्रताप सिंह, उम्र 30 वर्ष, निवासी घुम्माडाड, सोनहत जिला कोरिया (छ0ग0) मैं अपने चाचा संजय सिंह के साथ ठेकेदारी के काम में हाथ बटाता था, जिसमें मै उनके काम की देख-रेख एवं शाम को लेबरों के पैसे भुगतान का कार्य भी मैं ही करता था। शाम को वहाँ कुछ लेबरों के द्वारा शराब का सेवन किया जाता था जिनके साथ रहने से मैंने शराब पीना शुरू किया। धीरे-धीरे मैं अत्यधिक शराब का सेवन करने लगा। जिससे मेरी पत्नी (नर्स) मुझसे अलग होकर मेरे पुत्र के साथ अपने माईके में रहने लगी। किन्तु मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ा और मैं रोजाना नशा करके इधर-उधर भटकते रहता, कभी घर आता, तो कभी नहीं। मेरा पूरा परिवार बिखर सा गया था। इसी बीच थाना प्रभारी सोनहत के द्वारा मुझे थाना बुलाया गया, कई घण्टो तक मुझे बैठाकर कोरिया पुलिस द्वारा चलाये जा रहे निजात अभियान के बारे में बताया गया, र्तमान में मैं ओएसटी सेन्टर से दवाईयां लेकर नशे से दूर हूँ और मेरी पत्नी और बच्चे भी मेरे साथ रहने लगे है। मेरा परिवार इससे बेहद खुश है हम फिर से एक हो गये है।

नंबर 3 नशे को ना और जिंदगी को हां कहने वाले

कुलदीप चौहान आह्र अच्छेराम चौहान, उम्र 42 वर्ष, निवासी हीरागीर दफाई हल्दीबाड़ी थाना चिरमिरी जिला कोरिया (छ0ग0) मेरे पिता अक्षय राम, आर-2 माईन्स, हल्दीबाड़ी कॉलरी में नौकरी करते थे। मेरे पिता वर्ष 2011 में रिटायरमेंट होकर गृह ग्राम परिवार सहित चले गये किन्तु मुझे हल्दीबाड़ी चिरमिरी छोड़ने की इच्छा नहीं थी। मैं पूर्व से ही शराब, गांजा जैसे खतरनाख नशे की चपेट में आकर अपने परिवार से अलग-थलग होने लगा था। इसी बीच दोस्तो द्वारा शराब व गाँजा के अलावा अन्य नशीली दवाई, इंजेक्शन तथा कफ सिरप का नशा करने का आदी हो गया, जिससे मैं अपने पत्नी व बच्चों से विवाद करने लगा तथा परिवार से उपेक्षित होने लगा। उसी दौरान कमलदेव जो भगवति मानव कल्याण संगठन शाखा चिरमिरी के टीम प्रमुख द्वारा पुलिस अधीक्षक कोरिया संतोष कुमार सिंह एवं कोरिया पुलिस द्वारा चलाये जा रहे निजात अभियान के बारे में बताया गया, निजात अभियान के तहत् थाना परिसर में नशे के आदी लोगो की काउंसलिंग की जा रही थी। उसी समय नगर पुलिस अधीक्षक चिरमिरी पीपी सिंह एवं थाना प्रभारी चिरमिरी केके शुक्ला द्वारा थाना परिसर चिरमिरी के संवेदना बाल मित्र कक्ष में मेरी काउंसलिंग की गई तथा नशे से निजात दिलाने हेतु मुझे ओएसटी सेंटर, जिला चिकित्सालय, बैकुन्ठपुर भेजा गया। अब मै नशे से दूर हूँ तथा निरंतर दवाईयां ले रहा हूँ, आज उनकी वजह से मेरा परिवार बिखरने से बच गया।

नंबर 4 नशे को ना और जिंदगी को हां कहने वाले

रोहित गुप्ता आह्र स्व0 ज्ञानचंद गुप्ता उम्र 30 वर्ष निवासी जूनापारा, बैकुन्ठपुर जिला कोरिया (छ0ग0) जब मैं 18 वर्ष का था, घर की परेशानियों से तंग आकर नशा करना प्रारंभ कर दिया। मुझे मेरे कुछ दोस्तों से नशीली दवाओं के बारे में जानकारी मिली, जिससे मैंने नशीली दवाओं से नशा करना शुरू किया। नशीली दवाओं के साथ-साथ मैनें गांजा पीना भी शुरू कर दिया ऐसा करते मुझे लगभग 11 वर्ष पूर्ण हो गये, इतने लंबे समय से नशे की गिरफ्त में मुझे देखकर मेरे एक मित्र जिसने 02 वर्ष पूर्ण ही नशे से निजात पाया है वह मुझे ओएसटी सेंटर लेकर आया, जहाँ पर मेडिकल टीम के द्वारा दवाईयां दी गयी एवं उन दवाईयों को निरन्तर लेते हुए मुझे 01 वर्ष हुए थे, जिसके बाद लंबे समय तक दवाईयों की कमी होने की वजह से दवाईयां मिलनी बंद हो गयी। वर्तमान में कोरिया पुलिस द्वारा नया ओएसटी सेंटर जिला अस्पताल में बनवाने पर पुनः वह दवाईयां मिलना शुरू हो गया है। जिससे अब मै नशे से दूर हूँ।

नंबर 5 नशे को ना और जिंदगी को हां कहने वाले

अम्मु कुमार पिता बैकुण्ठ प्रसाद उम्र 25 वर्ष निवासी 44 नम्बर दफाई पोड़ी, जिला कोरिया (छ0ग0) अभी वर्तमान में वाहन चालक का काम करता हूँ। करीब 05 वर्ष पहले मैं गलत संगती में शराब पीने लगा था, उसके बाद राहुल नाम का लड़का मुझे एक दिन ब्राउन शुगर पिला दिया, तब से मैं ब्राउन शुगर का नशा करने लगा, मुझे ब्राउन शुगर के नशे की बुरी लत लग गयी थी। जिससे घर में आये दिन झगड़ा होता था तथा मेरे माता पिता भी परेशान रहते थे। राहुल के साथ ब्राउन शुगर लेते एक दिन चिरमिरी पुलिस के द्वारा पकड़ा भी गया था, उसके बाद भी नशे की लत नहीं छुटी, इस वर्ष भी ब्राउन शुगर के केश में पगड़ा गया था, जेल भी जाना पड़ा, मेरे नशे के लत के कारण मैं तथा मेरे परिवार के लोग काफी परेशान रहते थे में नशा छोड़ना चाहता था पर छोड़ नहीं पा रहा था, इसी दौरान कुछ माह पूर्व थाना प्रभारी पोड़ी द्वारा साथी राजिन्दर को थाना बुलाया गया तथा नशे से होने वाले दुष्परिणाम के बारे में बहुत बारिकी से समझाया तथा मेरे गया एवं नशा न करने का कसम दिलाकर निजात अभियान में सहयोग करने को कहा गया साथ ही कोरिया पुलिस द्वारा चलाये जा रहे निजात अभियान के बारे में भी बारिकी से बताया गया। उसी समय मैने प्रण लिया कि अब मैं कभी भी नशे का सेवन नहीं करूंगा, अब मैं पूरी तरह से नशा मुक्त हूँ।

नंबर 6 नशे को ना और जिंदगी को हां कहने वाले

राजिन्दर पिता राम सिंह उम्र 26 वर्ष, निवासी 44 नम्बर दफाई पोड़ी, जिला कोरिया अभी वर्तमान में मजदूरी का काम करता हूँ। करीब 06 वर्ष पहले मैं गलत संगती में शराब पीने लगा था, उसके बाद अपने दोस्त अम्मु कुमार के साथ रहकर ब्राउन शुगर का नशा करने लगा, मुझे ब्राउन शुगर के नशे की बुरी लत लग गयी थी। जिससे घर में सामान खरीदने का पैसा मांगता था तथा उस पैसे से ब्राउन शुगर पी जाता था, जिससे घर में आये दिन झगड़ा होता था तथा मेरे माता पिता भी परेशान रहते थे। उसके बाद भी नशे की लत नहीं छुटी, इस वर्ष भी ब्राउन शुगर के केश में पकड़ा गया था, जेल भी जाना पड़ा। इसी दौरान कुछ माह पूर्व थाना प्रभारी पोड़ी द्वारा मुझे तथा मेरे साथी अम्मु कुमार को थाना बुलाया गया तथा नशे से होने वाले दुष्परिणाम के बारे में बहुत बारिकी से समझाया गया एवं नशा न करने साथ ही कोरिया पुलिस के निजातअभियान में सहयोग करने को कहा गया, कई बार थाना बुलाकर नशा न करने के बारे में समझाते रहे। अब मैं पूरी तरह से नशा मुक्त हूँ।

नंबर 7 नशे को ना और जिंदगी को हां कहने वाले

रोहित पाण्डेय आह्र स्व0 रामचंद्र पाण्डेय उम्र 28 वर्ष निवासी कोरिया पैलेस के सामने, जूनापारा, बैकुन्ठपुर जब मैं 18 वर्ष का हुआ उस दौरान एक लड़की से मुझे प्रेम हुआ था, जिसके दूर होने की वजह से गम भुलाने के लिए मैंने नशे का सहारा लिया। जिससे मुझे गांजे एवं इंजेक्शन की लत लग गयी, मैं उसका आदी हो गया, जिसकी वजह से मेरे द्वारा कमाये हुए सारे पैसे एवं घर के कीमती सामान को बेचकर आए हुए पैसो से मैने नशा लेना शुरू किया। जिससे घर की वित्तीय स्थिति नाजुक होते चली गयी। इसके बाद मुझे एक मित्र ने ओएसटी सेंटर के बारे में बताया, ये तब की बात है जब मुझे नशा लेते हुए 04 वर्ष बीत चुके थे। वर्तमान में मै निजात अभियान के तहत जिला चिकित्सालय बैकुन्ठपुर में प्रारंभ किये गये ओएसटी सेंटर में पुनः दवाई मिलना शुरू हुई जिसे मैं लगातार ले रहा हूँ एवं नशे से दूर हूँ।


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