बैकु΄ठपुर@पीडि़त ने कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख कर फर्जी तरीके से जमीन बेचने वाले के विरुद्ध की है कार्यवाही की मांग

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वसीयतनामा में मिली जमीन पर वारिसदार बनकर न्यायालय पहुंचा पर न्यायालय में नहीं कर पाए साबित

पीडि़त ने कहा तहसीलदार व अनुविभागीय अधिकारी ने सिविल न्यायालय के आदेशों की भी की है अवहेलना

  • रवि सिंह-

बैकु΄ठपुर 16 नवम्बर 2021 (घटती-घटना)। पीçड़त ने कहा न्यायालय ने जमीन का फैसला वसीयतनामा के पक्ष में सुनाया जमीन का नामांतरण भी वसीयतनामाकर्ता के नाम पर हुई, पर वरिसदार बताने वाले ने एसडीएम व तहसीलदार से मिलकर छल पूर्वक जमीन अपने नाम करया और अन्य व्यक्तियों को बेचा दिया, जिसे लेकर वसीयतनामाकर्ता अनिल सिंह ने कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख फर्जी तरीके से जमीन बेचने वाले के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है।
अनिल दादा शिवदास (आम मुक्तियार खास) खुटहनपारा बैकुण्ठपुर ने कलेक्टर कोरिया को शिकयात करते हुए बताया की आवेदक के पक्ष में सिविल न्यायालय का निर्णय व डिक्री होने के बाद नामांतरण आदेश दिनांक 29.10.2021 का पालन न किये जाने के संबंध में एवं अनावेदकगणों के द्वारा आवेदक की भूमि को विक्रय पर दिये जाने से अपराध पंजीबद्ध किया जाए, पीçड़त अनिल दादा शिवदास के अनुसार उनके पक्ष में सिविल न्यायालय का निर्णय व डिक्री घोषित की जा चुकी है, सिविल न्यायालय से ग्राम खुटहनपारा की भूमि खसरा क्रमांक 468 / 1ग (503), 468/1ड (503) रकबा कुल 1.392 हॅ0 भूमि का भूमिस्वामी घोषित किया गया है, जिसके आधार पर उक्त भूमि का नामांतरण किये जाने तहसीलदार बैकुण्ठपुर के समक्ष आवेदक का आवेदन निर्णनित हो चुका है। जिसमें हल्का पटवारी को नामांतरण करने का आदेश प्रदान किया गया है। इस के उपरोक्त नामांमरण हेतु पूर्व में तहसीलदार द्वारा व्यवहार न्यायाधीश के निर्णय डिक्री दिनांक 17.10.2019 के आधार पर प्रस्तुत आवेदन पर आदेश दिनांक 18.11.2019 के अनुसार नामांतरण आदेश दिया गया था, जिसके आधार पर आवेदक का नाम राजस्व अभिलेख में दर्ज किया गया था, किन्तु दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों में उक्त आदेश को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बैकुण्ठपुर में बिना किसी अधिकार के अवैधानिक रूप से दिनांक 26.07.2021 को अनावेदकगणों की अपील स्वीकार कर सिविल न्यायालय के आदेश को निरस्त कर दिया, जो सिविल न्यायालय के आदेशो की अवहेलना है। न्यायालय के आदेशो की अवहेलना करते हुए अनुचित लाभ लेकर राजस्व पटवावरी ने आवेदक का नाम विलोपित कर अनावेदकगणों विष्णूदत्त व रामजी त्रिपाठी का नाम उक्त भूमि में दर्ज कर दिया एवं पुनः नामांतरण आवेदन प्रस्तुत करने का आवेदक को निर्देश दिया गया। उसके पालन में आवेदन पर तहसीलदार द्वारा नामांतरण आदेश दिनांक 29.10.2021 को दिया गया है। इसी बीच में अनावेदक विष्णुदत त्रिपाठी एवं रामजी उर्फ राम त्रिपाठी ने अवैधानिक रूप से आवेदक की भूमि का विक्रय कर दिया जो कि धारा 420 के तहत अपराध पंजीबद्ध कराया जाना आवश्यक हो गया है।

फर्जी तरीके से जमीन अपने नाम कराने, बेचने व खरीदने वाले पर अपराध पंजीकृत कराने की मांग

पीडि़त ने पुलिस अधीक्षक व थाना प्रभारी को पत्र लिखकर बताया न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करते फर्जी तरीके से राजस्व अनुविभागीय व तहसीलदार की मिलीभगत से जमीन को अपने नाम करा जमीन 4 लेगो को बेचीं गई, पीçड़त के शिकयात के अनुसार दरम्यान अनावेदकगण विष्णुदत्त त्रिपाठी एवं रामजी त्रिपाठी के द्वारा उक्त भूमि को कुछ अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों (भूमि माफिया गिरोह) के हाथों विक्रय कर दिया गया है। जिनके आतंक से आवेदक काफी भयभीत है एवं उसे आशंका है कि उसके साथ कोई मार-पीट हत्या जैसे घटना घटित हो सकती है साथ ही थाना प्रभारी बैकुण्ठपुर के समक्ष शिकायत आवेदन प्रस्तुत आग्रह किया की शीघ्र ही कार्यवाही कराया जाए ताकि जान माल की रक्षा हो सके, थाना बैकुण्ठपुर से यह भी कहा गया की विक्रेता अनावेदक विष्णुदत्त व रामजी त्रिपाठी एवं क्रेता अजहर मुनीर, आशीष यादव एवं कृष्ण कुमार साहू के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया जाए। क्योकि भूमि के सिविल निर्णय के विरुद्ध अभी वर्तमान में प्रथम अपील में पराजित होने के बाद द्वितीय अपील माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में अनावेदक के द्वारा प्रस्तुत की गई है एवं वह लंबित है, अनावेदक क्रमांक 1 व 2 के बिना किसी कानूनी स्वत्व अधिकार के उक्त भूमि को कुछ भूमि माफियाओं व असामाजिक तत्वों के लोगों को विक्रय कर दिया है, जिसे अपराधिक प्रवृत्ति के भूमि माफिया गिरोह के लोग अनावेदक क्रमांक 3 से 6 के लोगों के उक्त भूमि को क्रय किया है। भूमि का नामांतरण विधिक प्रक्रियाओं के तहत् तहसीलदार के समझ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के निर्देशानुसार पुनः नामांतरण आवेदन लंबित था, उक्त प्रकरण के न्यायालीन द्वारा इस्तहार दैनिक समाचार पत्र में दिनांक 15/9/21 व 17.09 2021 को प्रकाशन कराया जाकर कि विदित हो एवं किसी को आपत्ति हो तो तहसीलदार के समक्ष उपस्थित होकर आपत्ति प्रस्तुत कर सकते है, उक्त सारी बातों का ज्ञान होने के बाद भी अनावेदगण पटवारी वालमीक मिश्रा से मिलीभगत सांठ गांठ कर आवेदक के स्वत्व की भूमि का क्रय विक्रय कर अपराधिक कृत्य करते हुए आवेदक को अत्याधिक भयभीत कर परेशान कर रहे हैं।


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