खड़गवां @यात्रा भत्ता में गड़बड़ी की कब होगी जांच? कब होगी कार्यवाही

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शिकायतों के बाद भी तत्कालीन लिपिक के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं…क्षेत्र को कार्यवाही का इंतजार…

राजेंद्र शर्मा-


खड़गवां 30 सितम्बर 2021 (घटती-घटना)। महिला बाल विकास विभाग परियोजना खडगवा मे एक से बढकर एक कारनामे उजागर हो रहे हैं वो भी वर्ष 2014-15 के ही प्रकरण है, अभी हाल ही में एक मामला एनआरसी के बच्चों को पौष्टिक आहार मूग के लड्डू वितरण में किया गया, गड़बड़ी की जाच पूरी नहीं हुई और एक मामला फरवरी वर्ष 2014-15 के तत्कालीन लिपिक का सामने आ गया है।
मिलिजानकारी के अनुसार शिकायत कर्ता आरके शर्मा ने महिला बाल विकास परियोजना में सूचना के अधिकार का आवेदन प्रस्तुत कर जानकारी प्राप्त कि है कि इस परियोजना में पदस्थ वर्ष 2014-15 मे तत्कालीन लिपिक राम अवतार यादव के द्वारा एक से बढकर एक बडे से गड़बड़ी किया गया है इसमें आगनबाड़ी कार्यकर्ताओ के यात्री भत्ता, अकास्मिक निधि, पलैकसी फंड राशि का मामला है इसमें इस लिपिक राम अवतार यादव ने ग्राम पंचायत पोडीडीह जिसकी दूरी महज 4 किलोमीटर की दूरी है उसमें किसी एक आगनबाड़ी कार्यकर्ता का 3080 रूपये का यात्री भत्ता बनाकर खाते में जमा किया और उसी ग्राम पंचायत के अन्य आगनबाड़ी कार्यकर्ताओ का एक रूपया भी उनके खाते में जमा नहीं किया गया है और ऐसे आगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं जिनके आगनबाड़ी केन्द्र की दूरी दस से पंद्रह किलोमीटर की है और खडगवा आगनबाड़ी कार्यकर्ताओ की ब्लाक अध्यक्ष उस आगनबाड़ी कार्यकर्ता की 14 हजार रुपये कि राशि और किसी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 9080 रूपये किसी का 5080 रूपये इस तरह यात्री भत्ता बनाकर उनके खाते में जमा किया गया है इस तरह का खेल लिपिक राम अवतार यादव खडगवा परियोजना में अपने पदस्थ रहते हुए खेला है, कार्यकर्त्तो के खाते मे फर्जी यात्रा भत्ता बनाकर जमा करने के बाद में उनके खाते से आहरण करा कर लाखो रूपये कि राशि गलती से तुम्हारे खाते मे चली गई है ऐसा कह कर राशि का आहरण भी करा ली गई है, वर्ष 2014-15 मे नवाजतन योजना की राशि को भी इसी लिपिक के द्रारा आगनबाड़ी कार्यकर्तो के खाते मे लाखों रुपये जमा कर बाद में राशि आहरण करा ली गई है, इसकी भी जानकारी सूचना के अधिकार से प्राप्त हुई और एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा इस्तीफा देने के बाद भी इस लिपिक के द्वारा उसका वेतन लगभग तीन वर्षों तक आहरण करता रहा उसकी भी जांच में लगभग 273000 रूपए का फर्जी वाडा किया जाना प्रमाणित होने पर तत्कालीन कलेक्टर के द्वारा निलंबित किया गया था, इस लिपिक के खड़गवां परियोजना में वर्ष 2014-2015 में चार बड़े बड़े फर्जी वाडे किए गए हैं उसके बाद भी प्रशासन इस भ्रष्ट लिपिक पर कोई बड़ी कार्यवाही क्यों नहीं की जाती है और यात्रा भत्ता में भी फर्जी वाडा कर शासन की योजना की लाखों रुपये की राशि का गबन लिपिक के द्वारा किया गया है और इस तरह के कई मामले इस तत्कालीन लिपिक राम अवतार यादव के खडगवा परियोजना में किए गए हैं वर्ष 2014-15 मे ये सभी भ्रष्टाचार की जानकारी सूचना के अधिकार से परियोजना कार्यालय से प्राप्त हुई है जिसमे इस लिपिक राम अवतार यादव के द्रारा किये गए फर्जी वाडे का खुलासा हुआ है।
जबकि यात्रा भत्ता आगनबाड़ी कार्यकर्ताओ को लगभग आठ से दस किलोमीटर दूरी के बाद दिया जाना का है जो इस तत्कालीन लिपिक राम अवतार यादव के द्वारा अनगिनत आगनबाड़ी कार्यकर्ताओ के खाते मे हजारों रूपये गलत तरीके से डालकर शासन की राशि का दुरुपयोग किया गया है इस लिपिक राम अवतार यादव के द्वारा परियोजना खडगवा मे वर्ष 2014-15 मे कई योजना में अनियमितता की है और इसके जाच मे सारे कारनामे फर्जी किये हुए प्रमाणित होने के बाद भी इस पर किसी प्रकार की कार्यवाही का ना होने से इस तरह के अनियमितता करने वाले लिपिक के हौसले बुलंद हो रहे हैं। लिपिक राम अवतार यादव के ऊपर परियोजना के कैशबुक मे हेराफेरी किए जाने की भी जानकारी मिल रही हैं जिसमें भी लाखों रुपये का कैश नहीं मिल रहा है इस लिपिक राम अवतार यादव पर हर बार निलंबन की कार्य वाही कर जाच पूरी कर ली जाती है। जबकि इस लिपिक के द्वारा वित्तीय अनियमितता लगभग पांच से छ: बार पाई गई है, लिपिक ऊची पहुंच के कारण और सारा खेल लक्ष्मी नारायण के चढावे के कारण पूरा हो जाता है और फिर ये लिपिक उसी विभाग के उसी पद पर बैठ कर फिर वही खेल अपने तरीक़े से जारी रखता है।

जांच कब होगी पूरी

इस लिपिक के द्वारा की गई गड़बड़ी की जाच की जिमेदारी परियोजना अधिकारी खुशबू तिवारी को दी गई थी जिस शिकायत पर आज तक जाच पूरी नहीं हुई। जाच तो दूर की बात है जब ऐसे जिमेदार अधिकारी ही इन भ्रष्टाचारीओ को संरक्षण देते रहेंगे तो ऐसे भ्रष्ट लिपिक मनमाने तरीके से भ्रष्टाचार करते रहेंगे।

फाइल गायब

विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी से की इस यात्रा भत्ते की फाइल ही कार्यालय में उपलब्ध नहीं है तो जाच किया जाना संभव ही नहीं है। इस संबंध में जानकारी प्रभारी परियोजना अधिकारी से यात्रा भत्ता के संबंध में जानकारी ली गई तो उन्होंने ने तो बताया कि मेरी जानकारी मे यात्रा भत्ता आठ से दस किलोमीटर दूर की आगनबाड़ी कार्यकर्ताओ को देना होता है अगर इस तत्कालीन लिपिक के द्वारा यात्रा भत्ता गलत तरीके से हजारों रूपये कि राशि आगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओ की बनाई है तो इसकी जाच कर कार्य वाही कि जाएगी।


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