बैकु΄ठपुर@जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर में जन औषधि केंद्र की जिम्मेदारी सम्हालेंगे छोटे शुक्ला

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अभिषेक शुक्ला रनई जमींदार कांग्रेस नेता योगेश शुक्ला के हैं सुपुत्र

रवि सिंह –

बैकु΄ठपुर 30 सितम्बर 2021 (घटती-घटना)। जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर में जनऔषधि केंद्र का उद्घाटन छत्तीसगढ़ शासन में संसदीय सचिव बैकुंठपुर विधायक अम्बिका सिंहदेव के करकमलों से किया गया इस अवसर पर जिले के जिलाधीश श्याम धावड़े, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुणाल दुदावत, जिले के मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रामेश्वर शर्मा सहित काफी संख्या में जिले सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी साथ ही जनप्रतिधि मौजूद थे।
जन औषधि केंद्र के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उद्बोधन करते हुए संसदीय सचिव व बैकुंठपर विधायक अम्बिका सिंहदेव ने केंद्र के संचालक को शुभकामनाएं प्रदान करते हुए उनसे अपेक्षा जाहिर की, वह बिना किसी शिकायत का मौका देते हुए जिला चिकित्सालय आने वाले जिलेभर के मरीजों को दवा की उपलब्धता कराएंगे वहीं वह नियमित् रूप से केंद्र का संचालन कर सभी तक इसका लाभ पहुंचाने की कोशिश करेंगे। केंद्र संचालक अभिषेक शुक्ला ने अपनी तरफ से आस्वासन दिया कि उनकी तरफ से शिकायत का मौका नहीं दिया जाएगा वहीं वह अपने पिता की तरह समाज सेवा का बीड़ा उठाकर आगे क्षेत्र वासियों की सेवा केंद्र के माध्यम से करेंगे। केंद्र संचालक अभिषेक शुक्ला के पिता योगेश शुक्ला रनई जमींदार व कांग्रेस नेता के रूप में समाज सेवी के नाम से काफी प्रसिद्ध भी हैं।

क्या है जन औषधि,क्या हैं फायदे

किसी भी बीमारी के लिए डॉक्टर जो दवा लिखता है, ठीक उसी दवा के सॉल्ट वाली जेनेरिक दवाएं उससे काफी कम कीमत पर आपको मिल सकती हैं। कीमत का यह अंतर पांच से दस गुना तक हो सकता है। बात सिर्फ आपके जागरूक होने की है। बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि देश में लगभग सभी नामी दवा कम्पनियां ब्रांडेड के साथ-साथ कम कीमत वाली जेनेरिक दवाएं भी बनाती हैं लेकिन ज्यादा लाभ के चक्कर में डॉक्टर और कंपनियां लोगों को इस बारे में कुछ बताते नहीं हैं और जानकारी के अभाव में गरीब भी केमिस्ट से महंगी दवाएं खरीदने को विवश हैं। गौरतलब है कि किसी एक बीमारी के लिए तमाम शोधों के बाद एक रासायनिक यौगिक को विशेष दवा के रूप में देने की संस्तुति की जाती है। इस यौगिक को अलग-अलग कम्पनियां अलग-अलग नामों से बेचती हैं। जेनेरिक दवाइयों का नाम उसमें उपस्थित सक्रिय यौगिक के नाम के आधार पर एक विशेषज्ञ समिति निर्धारित करती है। किसी भी दवा का जेनेरिक नाम पूरे विश्व में एक ही होता है।


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