दो बच्चों के पिता की हो चुकी थी मौत…दो बच्चे आर्थिक तंगी से नहीं जा रहे थे स्कूल
अम्बिकापुर/बलरामपुर 18 सितम्बर 2021 (घटती-घटना)।बलरामपुर जिले में निवासरत राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पंडो जनजाति काफी दयनीय स्थिति में गुजर रहे हैं। शासन द्वारा इनके उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है परिन तक नहीं पहुंचने के कारण आज भी आर्थिक तंगी वह भूखमरी के बीच ही गुजर रहे हैं। आर्थिक तंगी वह कुपोषण के कारण पिछले 1 महीने के अंदर बलरामपुर जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में लगभग 10 से ज्यादा पंडो जनजाति परिवार की मौत हो चुकी है। इसमें एक ही परिवार के कई लोग भी शामिल है। वही कई ऐसे लोग हैं जो अभी भी जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। ऐसी संकट के बीच इनके बच्चे शिक्षा से भी वंचित हो रहे हैं।
कुपोषण जैसी बीमारी से जूझ रही कमला पण्डो पति उदय पण्डो उम्र लगभग 30 वर्ष ग्रामपंचायत ओरंगा झिल्याही पारा रामचंद्र पुर ब्लॉक जिला बलरामपुर-रामानुजगंज की निवासी है। इसके शरीर में खून की कमी है।
यह पण्डो परिवार अति गरीब है। गरीबी के कारण बाहर इलाज नहीं कराने जा पा रही है। इनके द्वारा लंबे समय से झाड़ फूंक एवं जड़ी-बूटी से इलाज कराया जा रहा है। गरीबी और बीमारी के कारण इसका पुत्र अशोक पण्डो उम्र 14 वर्ष का है। कक्षा 8 वीं पास करने के बाद गरीबी के कारण आगे का पढ़ाई बंद कर दिया है अब घर चलाने के लिए बकरी चराने का काम करता है। वहीं इसकी बहन प्रमिला पण्डो कक्षा 5 वीं पास कर के ग़रीबी के कारण पढ़ाई लिखाई बंद कर अपने बीमार मां की सेवा कर रही है।
इस गरीब परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका है और पानी पीने का समस्या भी बताया जा रहा है। इनका घर एक ऊंचाई पठार में है। जिसके कारण लोग बहुत कम आना जाना करते है। बीमारी व आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस पंडो परिवार के बारे में प्रदेश अध्यक्ष उदय पण्डो होने पर वह संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों से बात की। आदिवासी सहायक आयुक्त से गरीब पण्डो परिवार के आगे पढ़ाई के लिए आश्रम/छात्रावास में रहने एवं पढ़ाई की व्यवस्था करने के लिए अनुरोध किया गया था।
18 सितंबर को आदिवासी सहायक आयुक्त बलरामपुर के निर्देश पर शिक्षा विभाग के मुलतान आजाद संकुल समन्वयक बरवाही , कैलाश छात्रावास अधीक्षक सनावल , निलिमा खलखो आश्रम अधीक्षिका सनावल, अभिमन्यु केवर्ट, हलीम मंसुरी संकुल समन्वयक दोलंगी, सुल्तान अहमद शिक्षक मदरसा के टीम द्वारा उदय पण्डो के घर पहुंचे गरीबी के कारण पढ़ाई छोड़ने की बात सामने आई थी जिसमें सही पाया गया अशोक पण्डो बकरी चराने का काम कर रहा था उसे सनावल छात्रावास में रहने एवं पढ़ाई करने का सुविधा उपलब्ध कराया गया अब अशोक पण्डो का कक्षा 9 वीं सनावाल के हाई स्कूल में एडमिशन कराया गया। और प्रमिला पण्डो 5 वीं पास करने के बाद गरीबी के कारण पढ़ाई छोड़ दी थी इसे फिर से गांव के मिडिल स्कूल में कक्षा 6 वीं में एडमिशन कराया गया।
पिता की मौत होने पर छोड़ चुके थे पढ़ाई
मृतक लखन पण्डो व इसके दो बेटे की मौत कुपोषण से लगभग 1 महीने पूर्व हो गई थी। इसके बाद इसका पूरा परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। आर्थिक तंगी से परेशान इसके दो और बच्चे पढ़ाई छोड़ चुके थे। दोलंगी निवासी बिरेंद्र पण्डो का बालक छात्रावास सनावल में रखा गया और माध्यम मिक शाला सनावल में 8 वीं नामांकन कराया गया है। वहीं इसका भाई जितेंद्र पण्डो को आश्रम कामेश्वर नगर रखा गया है और बालक आश्रम में चोथी में पढ़ेगा ।