चिरमिरी,@चिरमिरी नगर निगम चुनाव क्या बना जंग का मैदान…जहां सत्ता पक्ष अपने प्रत्याशी के लिए विपक्ष के प्रत्याशी पर है हमलावर

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-रवि सिंह-
चिरमिरी,06 फरवरी 2025 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की यदि बात की जाए तो इस समय कोई सबसे ज्यादा चर्चित नगरीय निकाय चुनाव है तो वह है एमसीबी जिले का चिरमिरी नगरीय निकाय चुनाव,यहां पर एक वकील व पूर्व विधायक के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है,वकील सत्ता पक्ष यानी कि भाजपा के प्रत्याशी हैं तो वहीं डॉक्टर विनय कांग्रेस के प्रत्याशी है। डॉ विनय जायसवाल जिस समय विधायक प्रत्याशी नहीं थे उस समय कांग्रेस के लिए वह काम कर रहे थे, साथ ही चिरमिरी की जनता को वह बेहतर सुविधा भी देने का दावा कर रहे थे, यही वजह था कि वह 2018 में कांग्रेस से विधायक प्रत्याशी चुने गए और 2018 चुनाव में भाजपा के विधायक प्रत्याशी को हरा भी सके और स्वयं विधायक बन गए और किस्मत के भी इतने धनी थे कि उनकी सरकार भी प्रदेश में रही, इन 5 साल में उन्होंने जो किया वह किसी से छुपा नहीं है यहां तक की उन्होंने चिरमिरी नगर निगम का महापौर भी अपनी पत्नी को बनवाया। पर जो बोलकर डॉक्टर विनय जायसवाल सत्ता पक्ष के विधायक बने थे शायद वह खुद के कार्यकाल में क्षेत्र के लिए वह नहीं कर पाए? सिर्फ कुछ किया तो उन्होंने अपने लिए विरोध उत्पन्न किया, आज यही वजह है कि उस विरोध की अग्नि में उन्होंने विधायक प्रत्याशी का टिकट कटवाया 1 साल बाद नगरीय निकाय चुनाव के लिए वह महापौर प्रत्याशी बनकर आए और आज फिर से वह उस विरोध की अग्नि में जल रहे हैं, क्योंकि इस समय जो सोशल मीडिया से लेकर वहां के स्थानीय जनों में चर्चा है वह सिर्फ डॉक्टर विनय जायसवाल को लेकर है डॉक्टर विनय जायसवाल वैसे तो नेता अच्छे हैं पर न जाने इस समय वह क्यों सत्ता के वार को झेल नहीं पा रहे हैं? आलोचनाओं का जवाब मुंह तोड़ नहीं दे पा रहे हैं इसकी वजह क्या उनके पांच साल के कार्यकाल की कमियां है? सत्ता परिवर्तन हुए 1 साल हो गए पर 1 साल बाद भी डॉक्टर विनय जायसवाल अपने सत्ता पक्ष के विधायक को घेर पाने में असफल रहे, आज जब वह महापौर प्रत्याशी बनाकर मैदान में है तो भी वह सत्ता पक्ष को घेरने में असफल साबित हो रहे हैं, सत्ता पक्ष कांग्रेस प्रत्याशी पर हावी हो चुका है अभी तक की स्थिति में इस समय किसी को समर्थन मिल रहा है सबसे अधिक तो वह सत्ता पक्ष के प्रत्याशी को, क्योंकि विपक्षी पार्टी के महापौर प्रत्याशी के पास लग रहा है कि सत्ता पक्ष के सवालों का जवाब ही नहीं रहा या फिर कहे तो वह अपनी गलतियों को स्वीकार कर बैठे हैं और गलती सुधारने के लिए वह चुप रहना ही ज्यादा मुनासिब समझ रहे हैं?

भाजपा हर चुनाव को गंभीरता से लेती है पर कांग्रेस हर चुनाव में बिखर क्यों जाती है?
भाजपा और कांग्रेस को लेकर लगातार देखा जा रहा है कि भाजपा में अनुशासन कायम रह जाता है जब चुनाव आता है वहां एकजुटता आ जाती है वहीं कांग्रेस बिखर जाती है। वैसे इसके पीछे की वजह जहां अनुशासन है पार्टी का वहीं इसकी वजह के पीछे पार्टी के निर्णय लेने की तत्परता भी है। भाजपा निर्णय लेने में देरी नहीं करती वहीं कांग्रेस निर्णय लेने में हमेशा विलंब कर जाती है।
परिणाम जो हो पर विपक्षी पार्टी के महापौर प्रत्याशी की फजीहत जरूर है…
नगरीय निकाय चुनाव में चिरमिरी नगर निगम चुनाव का परिणाम जो भी आए लेकिन यह तय है कि विपक्षी पार्टी कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी की फजीहत तय है। महापौर प्रत्याशी कांग्रेस के अपने कार्यकाल के कार्यों को लेकर आज संघर्ष झेल रहे हैं। उनका खुद के विधायक पद का कार्यकाल वहीं उनकी पत्नी के महापौर पद का कार्यकाल उनके लिए दिक्कत खड़ा कर रहा है। बताया जा रहा है वह काफी कुछ संघर्ष कर रहे हैं।
पूरा सोशल मीडिया कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी के विरोध में क्यों?
सोशल मीडिया के अनुसार सबसे ज्यादा यदि किसी का विरोध समझ में आ रहा है तो वह विरोध कांग्रेस पार्टी के महापौर पद के प्रत्याशी का विरोध है। कांग्रेस के महापौर पद के प्रत्याशी का विरोध हद से ज्यादा सोशल मीडिया पर जारी है। सोशल मीडिया अनुसार वह चुनाव में हैं ही नहीं। अब सोशल मीडिया के अनुसार भी चुनाव का परिणाम तय होता है और वह यदि वहां विरोध झेल रहे हैं तो यह तय है कि जमीन पर उनका विरोध भी होगा ही।
क्या सत्ता जाते ही पूर्व विधायक डॉक्टर विनय जायसवाल के समर्थक भी हुए कम और विरोधी हुए अधिक?
सत्ता के दौरान जब डॉक्टर विनय विधायक थे तब उनके समर्थक काफी अधिक थे आज स्थिति ऐसी है कि उनके सभा में कुर्सियां खाली रह जा रही हैं और उन्हें खुद को असहाय पीडि़त बताने के लिए गिरने का अभिनय करना पड़ रहा है। क्या सत्ता जाते ही उनका ग्लैमर खत्म हो गया? सत्ता रहते डॉक्टर विनय का जलवा देखने वाले कहते भी है कि कुर्सी जाते ही क्या गति होती है यह देखने चिरमिरी जाना चाहिए।
क्या नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत जितवा पाएंगे अपने महापौर प्रत्याशी को?
अब चिरमिरी का महापौर केवल एक ही शर्त पर जीत सकेगा यदि चरणदास महंत अपना पूरा जोर लगा देंगे। चरणदास महंत की छवि पर ही डॉक्टर विनय का चुनावी परिणाम टिका है। अब देखना है क्या चरणदास महंत डॉक्टर विनय को चुनाव जितवा पाएंगे? वैसे चरणदास महंत चाह लेंगे तो डॉक्टर विनय की नैया पार लग जाएगी ऐसा लोगों का मानना है।


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