- क्या रेडक्रॉस सोसाइटी का चेयरमेन समाजसेवी या फिर किसी राजनीतिक दल से सरोकार न रखने वाले नहीं बन सकते
- सूरजपुर रेड क्रॉस सोसाइटी का चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज भाजपाई चेयरमेन बनने के लिए लगा रहे एड़ी चोटी का जोर
- भाजपा का ही कोई रेडक्रॉस का चेयरमेन बने इसके लिए चलाया जा रहा है सदस्यता अभियान जिससे निर्वाचन में मिल सके लाभ
- सदस्यता बुक की आड़ में रेडक्रॉस सोसाइटी के चेयरमेन चुनाव के लिए मनमानियो का दौर जारी
- भाजपाई चला रहे रेडक्रॉस सोसाइटी का सदस्यता अभियान जिससे भाजपा का ही बने चेयरमेन,प्रशासन भी कर रहा सहयोग

-शमरोज खान-
सूरजपुर,04 दिसंबर 2024 (घटती-घटना)। कई जिलों में रेडक्रॉस सोसाइटी का चुनाव हो चुका है पर सूरजपुर जिला इस समय रेडक्रॉस सोसाइटी के चेयरमेन पद के चुनाव को लेकर काफी चर्चाओं में है,चर्चा भी हो तो क्यों ना हो, क्योंकि इस चुनाव में सत्ता पक्ष का चेयरमेन बनाने के लिए भाजपा की लॉबी काम कर रही है, नया सदस्यता अभियान शुरू किया गया है, सदस्यता के लिए चार बुक भाजपाइयों को दिया गया है और वह सदस्यता बढ़ा रहे हैं, सदस्य में वह भाजपा के लोगों को ही रख रहे हैं, जबकि जो वर्तमान सदस्य है इसपर ही चुनाव होना था पर उसपर चुनाव नहीं करवाया जा रहा है, क्योंकि उसपर चुनाव होगा तो भाजपा का चेयरमेन बनना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है, भाजपा का कोई चेयरमेन नहीं बन पाता, इसलिए सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है और चुनाव को आगे बढ़ा दिया गया है, इसके लिए प्रशासन भी भाजपा के लोगों का समर्थन करती नजर आ रही है, जिस प्रकार से एक रेडक्रॉस सोसाइटी के चेयरमेन पद के चुनाव में इतना गहमा गहमी देखा जा रहा है, तब इस पर एक सवाल यह भी उठने लगा है, क्या जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत चरितार्थ हो रही है? पार्टी जिसकी होगी उसका चेयरमेन होगा? कांग्रेस के शासन में कांग्रेस के लोग चेयरमैन थे, जिसके लिए शाम दाम दंड भेद सारे लगाकर सदस्यता कराई गई थी, अब भाजपा के शासन में भाजपा के लोग चेयरमेन बनने की दौड़ में आगे हैं, उसके लिए नियमों को भी शिथिल कर दिया गया है, सदस्यता की नई अभियान चलाई जा रही है, सदस्यता अभियान से भले ही रेडक्रॉस सोसाइटी के खाते में पैसे आ जाएंगे, पर इस पैसे के एवरेज में भाजपा के प्रत्याशियों को ज्यादा वोट मिले, इसलिए सदस्यता हो रही है, यह भी किसी से छुपा नहीं है, ऐसे में सवाल यह उठता है कि रेडक्रॉस संस्था कोई राजनीतिक संस्था तो नहीं है? इसमें ऐसे भी व्यक्तियों को मौका देना चाहिए जो किसी पार्टी से सरोकार नहीं रखते हैं, और पढ़े लिखे हो जो रेडक्रॉस सोसाइटी को सही तरीके से संचालित कर सके, जिसका लाभ लोगों को मिल सके जिस उद्देश्य से रेडक्रॉस सोसाइटी बनाई गई है, फिर भी वह इस संस्था को भली भांति चला सकते हैं, क्या ऐसे लोगों को चेयरमैन नहीं बनाया जा सकता या फिर उनके लिए सदस्यता अभियान नहीं की जा सकती? रेडक्रॉस सोसाइटी में भाजपा के जिला अध्यक्ष की रुचि कुछ ज्यादा ही देखी जा रही है सूत्रों का कहना है कि भाजपा के जिला अध्यक्ष अपने ही लोगों को रेडक्रॉस के चेयरमेन प्रबंध समिति पर बैठना चाहते हैं, जिसके लिए वह जी जान से लगे हुए हैं, यदि उनका करीबी बैठता है तो भी विरोध होना है, और यह पार्टी के अंदर कलह पैदा करेगी, ऐसा सूत्रों का मानना है। वैसे भी सूरजपुर में भाजपा जिला अध्यक्ष सहित मंडल अध्यक्ष के बदलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और बहुत जल्द ही मंडल अध्यक्ष सहित जिलाध्यक्ष बदले जाएंगे अब किस योग्य व्यक्ति को जिम्मेदारी मिलेगी यह तो देखने वाली बात है।
सदस्यता बढ़ाने का प्रशासन ने दिया मौका
रेडक्रॉस सोसाइटी का चुनाव जिले में होना है और जिसके लिए पहले सदस्यता हो चुकी थी वहीं अब पुनः यह अभियान जारी है। बताया जा रहा है कि प्रशासन ने भाजपा को सदस्य बढ़ाने का मौका दिया है जिससे रेडक्रॉस चुनाव में भाजपा का चेयरमैन बन सके। वैसे पहले हुई सदस्यता में जो लोग सदस्य बने उनके अनुसार भाजपा का अध्यक्ष नहीं बन पाता और इसीलिए सदस्यता अभियान को आगे बढ़ाया गया है ऐसा बताया जा रहा है। वैसे इस बात की सच्चाई को लेकर पुष्टि तो नहीं की जा सकती कि सदस्यता बढ़ाने के पीछे भाजपा का अध्यक्ष बन सके ऐसी मंशा के साथ प्रशासन काम कर रहा है लेकिन चर्चा ऐसी ही है।
रेडक्रॉस चेयरमेन सहित प्रबंध समिति के के लिए सूरजपुर चुनाव गहम गहमी के बीच होगा संपन्न-
रेडक्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन का चुनाव साथ ही प्रबन्ध समिति सदस्यों का चुनाव जिले में गहमा गहमी के बीच सम्पन्न होगा। बताया जा रहा है कि भाजपा जिलाध्यक्ष सहित उनकी पूरी टीम लगी हुई है निर्वाचन के लिए जिससे उनके मन का ही चुनाव हो सके। अब देखना है कि क्या वह अपनी मंशा में सफल हो पाते हैं क्या वह निर्वाचन में अपने मन का अध्यक्ष निर्वाचित करा पाते हैं। वैसे अभी सदस्यता आगे जारी है।
वहीं प्रत्यक्ष चुनाव कराने की उठ रही मांग
इससे पूर्व जिले में हुए पहली मर्तबे के रेड क्रॉस चुनाव में सीधे सीधे प्रत्यक्ष रूप से कराए गए थे। रेड क्रॉस में सदस्यों ने पूर्व की भांति इस बार भी रेड क्रॉस के चेयर मेन का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने की मांग उठ रही है, बुधवार को चार दिसंबर को रेड क्रॉस प्रबंध समिति के गठन होने वाला निर्वाचन आज नहीं हुआ। जिसके लिए बकायदा 11 नवंबर को स्वास्थ विभाग के लिए मंगल भवन आरक्षित करने के लिए पत्र लिखा गया था। किंतु निर्वाचन नहीं हो सका और अगामी तिथि के लिए टाल दिया गया। सूत्र बताते है कि सत्ता पक्ष के दबाव के कारण आगे टाल दिया ताकि वे अपने मंशानुरूप सदस्यता करा सके। और इसका लाभ उठा अपने लोगों को पद पर बिठा सके। इससे पहले चुनाव के लिए जो मतदाता सूची का प्रकाशन किया गया था उसमें कुल 380 आजीवन सदस्य थे।