देखो तो आज इस जमाने में,बिना अखबार के समाचार आया है।दिन के उजियारे को मिटाने,निशाचर के रूप में अंधकार आया है।। जो दिन में डरा-डरा सा रहता है,वो शाम ढलते ही भौंकने आया है।रात के अंधेरी सुनसान – गली में,राहगीरों का रास्ता रोकने आया है।। जिसको खुद दिशा का पता नहीं,वो मेरी दशा बिगाड़ने आया है।मुझसे जबरन झगड़ा करके,शराब का …
Read More »संपादकीय
कविता @ पिता जी …
मेरे लिए आन बान,शान है पिताधरती का साक्षात भगवान है पिता..!सब रिश्तों का एक मिसाल है पिताअपनों के लिए बनते ढाल है पिता..!! छाले हो पांव में नहीं दिखाते है पिताकंधे पर बैठाकर भी घुमाते है पिता..!पैरो पर खड़ा होना सिखाते है पितासही, गलत का राह दिखाते है पिता..!! जिम्मेदारियों का बोझ उठाते है पितागम सहकर भी मुसकुराते है पिता..!अपनो …
Read More »लेख @ घरेलू हिंसा से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर
भारत में घरेलू हिंसा का सामना कर रही माताओं के बच्चों में मस्तिष्क संबंधी विकारों जैसे कि चिंता और अवसाद का खतरा काफी अधिक हैं। यह बात एक अध्ययन में सामने आई है। पेलोस वन पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन स्कूल कार्यक्रमों में ट्रामा के प्रति संवेदनशीलता और भारत में घरेलू हिंसा की रोकथाम में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करता …
Read More »लेख @ विदेशों में नौकरी-धन की लिप्सा या पश्चिमी मस्त जीवन-शैली का आकर्षण…
विगत तीन दशकों में प्रतिभा पलायन भारत के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है शिक्षा के क्षेत्र में बड़े शिक्षा संस्थानों में भारी-भरकम खर्च के बाद शिक्षित युवक विदेशों में अपनी सेवाएं प्रदान करने को सदैव तत्पर रहते हैं इसका बड़ा कारण विदेशी मुद्रा की कमाई और विदेशी चकाचौंध के तरफ आकर्षण ही होता है। इससे भारत के आर्थिक …
Read More »लेख @ भारत में आसियान देशों के अकेलापन,जीवन और जीवन का अंतिम पड़ाव
यह एक बहुत ही दर्दनाक और वास्तविकता भरा सच है कि एक इंसान पूरी जिंदगी मेहनत करता है,अपने परिवार और बच्चों के लिए त्याग करता है,लेकिन आखिर में जब वह अपनी जिंदगी के अंतिम पड़ाव पर पहुंचता है,तो उसके अपने ही उसके कामों को नजरअंदाज कर देते हैं या उनकी कद्र नहीं करते।इससे इंसान को न केवल दुख होता है, …
Read More »लेख @ साहित्य के बाज़ार में बिकती संवेदनाएं
पुरस्कारों का सौदा साहित्य,आत्मा की पुकार है। वह सर्जक की साधना का फल होता है-तप,त्याग और संवेदना की अभिव्यक्ति। लेकिन आज, जब हम चारों ओर नज़र डालते हैं,तो पाते हैं कि यह साधना अब सहयोग राशि और नामांकन शुल्क की दुकान पर बिक रही है। पुरस्कार अब साधना की स्वीकृति नहीं, पैसे की नीलामी हो गए हैं। ऐसे में प्रश्न …
Read More »सम्पादकीय @ देनदारी का बोझ
हरियाणा के पंचकुला में खड़ी कार में देहरादून के परिवार के सात सदस्य मृत पाए गए जिनमें मित्तल परिवार के दंपति,मां-बाप व तीन बच्चे बताए जा रहे हैं। स्थानीय पुलिस के साथ उत्तराखंड पुलिस व क्राइम ब्रांच जांच में जुट गए हैं। मगर प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का माना जा रहा है। बताया गया कि परिवार बागेर से लौट रहा …
Read More »मैक्सिको @ पहली बार फीफा वर्ल्ड कप 2026 के लिए इन 2 देशों ने किया क्वॉलीफाई
मैक्सिको,06 जून 2025। फुटबॉल को दुनिया का सबसे प्रचलित खेल माना जाता है और इसके फैन दुनिया के हर कोने में मौजूद हैं। फुटबॉल के वर्ल्ड कप में हर देश हिस्सा लेना चाहता है। फीफा वर्ल्ड कप 2026 कनाडा,मैक्सिको और यूनाइटेड स्टेट की संयुक्त मेजबानी में होना है और अब इसके लिए उज्बेकिस्तान और जॉर्डन ने मलीफाई कर लिया है। …
Read More »कविता @ अनंत सनातन …
दिन बीत जाते हैं मगर नहीं बीतता वह लम्हाजो हमें अपने ईश के समीप ले जाता है।अवधि बीत जाती हैमगर नहीं बीतता वह पलजो हमें जनता से चेतन की ओर सदा के लिए ले जाता है।समय बीत जाता है मगर नहीं बीतता वह क्षणजो हमें शाश्वत के करीब ले जाता है।वक्त बीत जाता है मगर नहीं बीतता वो निमिषजो हमें …
Read More »कविता @ कर्म करना है…
मानव कर्म करते जाना है।प्रभु से उसका फल पाना है।बादल का कर्म वर्षा लाना है।पानी नीचे की ओर बहना है।वातावरण बचे पेड़ लगाना है।जनहित में उसका फल खाना है।माली से बगिया बाग सिंचाना है।फूल खिले उसे खुशबू महकाना है।व्यापार में नाम अगर चमकाना है।नेक सच्चाई दाम उसे बढ़ाना है।बारह द्वार का चक्र यह जमाना है।घंटे मिनट सेकेंड का राज बताना …
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