
खोलबहरा नियम ले चलइया मनखे रहिस, फेर अपन गलती ला कभू नइ मानत रहिस। पड़ोसी रामफल संग ओकर बनतेच नइ रहय, फेर जभे गम पाइस कि रामफल अस्पताल मं भर्ती हे, त मंटोरा कहिस, देखे चलिन आखिर म पड़ोसी आय। खोलबहरा फटफटी ल निकालिस। मंटोरा कहिस, हैलमैट पहिर लेव। वो हांसत कहिस, पुलिस के चैकिंग नइ चलत हे, सोझे के संसो मत कर।
रद्दा म पुलिस के चैकिंग देख के, खोलबहरा रद्दा बलद दिस। सुनना रद्दा म लूटइया मन घेर लिहिन। फेर पुलिस वालेच पकड़ लेतिन त बढç¸या रहतिस, खोलबहरा बुदबुदाइस। अस्पताल म रामफल ले मिलिन। वो गंभीर आवाज मं कहिस, तम्बाकू ल छोड़ देहव , जान बचाय बर काकर बे छोड़े ल परिस। तंहू दारू ल छोड़ दे।
लहुटत बेरा झड़ी चालू हो गे। रद्दा चिखला ले भर गे। अचानक एक झन बाइक वाला बड़ स्पीड मं आइस, टकराय ल तीर ले बाच गे, फेर खोलबहरा अपन फटफटी ल संभाल नइ सकिस, अउ गिर गे। मूड़ी जोर ले रद्दा मं ठिनकिस। मंटोरा किकिआइस, फेर हैलमैट पहिर लेहे रहथे, त लागे नइ रतिस।
खून ले भींजे मुड़ी म,खोलबहरा रद्दा मं पड़े रहिस, अउ पुलिस ओकर मदद बर दौड़त रहिस वोही पुलिस, जऊन ले बाचे बर वो रद्दा बलद दिस रहय। खोलबहरा अपन गलती ला कभू मानय नइ, फेर आज जिनगी खुदे ओला सबक सिखा दिस। जऊन पुलिस ले बचाय बर वो रद्दा बलद दिस,आखिरी मं ओही पुलिस ओकर जान बचाय बर आगे आइस। नियम मन सिरिफ कानून बर नइ, बलुक हमीमन के भलई बर बनाय गेहे। छोट छोट सतर्कता जिनगी ला बड़ खतरा ले बचा सकथे। ए घटना बताथे कि सुरक्षा मं कोनो समझौता नइ करना चाही, काबर कि गलती ल सुधार करे के मौका सब बेरा नइ मिलय।
त्रिभुवन लाल साहू
बोड़सरा जाँजगीर छत्तीसगढ़