एक 26 साल के युवा को जनता ने दिया सेवा करने का मौका…निर्वाचित होकर बना सरपंच
-रवि सिंह-
कोरिया,26 फरवरी 2025 (घटती-घटना)। यदि आप राजनीति के क्षेत्र में भी अच्छी सोच व मेहनत के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं तो किस्मत भी आपके कदम चूमती है कुछ ऐसा ही कोरिया जिले में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी देखने को मिला युवाओं के द्वारा राजनीति में अपना भविष्य तलाशने की जिद इसबार त्रिस्तरीय चुनावों में देखने को मिला, कोई युवा ग्राम में सरपंच बनना चाह रहा था तो कोई जनपद सदस्य कोई पंच वहीं कोई जिला सदस्य, सभी अपना अपना भाग्य आजमाइश कर रहे थे, ऐसे ही एक युवा ने 26 साल की उम्र में सरपंच निर्वाचित होकर नया कीर्तिमान स्थापित किया, कांग्रेस के लिए समर्थित समर्पित इस युवा ने अपने पंचायत में एक अलग ही मुकाम हासिल करके दिखाया है शुरू से ही लोगों की सेवा करना इसकी चाहत थी जिस चाहत ने उसे आज पंचायत चुनाव में सरपंच निर्वाचित कर उसे 5 साल अपने गांव की सेवा करने का मौका दे दिया है।
कठिन परिश्रम और संघर्ष के साथ आज यह सफलता हासिल हुई है कम उम्र में पिता के चले जाने के बाद माता जी ने संघर्षों के साथ शिक्षा दीक्षा दी इस युवा को फिर शुरुआती दौर से वह राजनीति और समाज सेवा में तत्पर रहा वहीं इस चुनाव में 20 वर्षों से क्षेत्र में सक्रिय बड़े-बड़े सभी मठाधीश नेता एक तरफ और एक युवा एक तरफ लड़ाई लड़ रहे थे, एक तरफ वर्चस्व की लड़ाई थी और एक तरफ 26 साल का युवा बड़े-बड़े धुरंधरों से लड़ाई लड़ रहा था, अंततः आज सच और सच्चाई की जीत हुई 20 वर्षों का किला ढह गया, कांग्रेस और भाजपा के नेता सभी साथ मिलकर एक युवा को पटकनी देने में लगे हुए थे लेकिन एक तरफ अकेला 26 साल का युवा चुनावी मैदान में था एक तरफ जिन्होंने अपने वर्चस्व को बचाने के लिए बल और धन पानी की तरह बहा दिया लेकिन एक युवा को वह नहीं रोक पाए…6 धुरंधर प्रतिद्वंदियों को 166 मतों से एक तरफा हराकर युवा चुनाव में जीत दर्ज कर गया।
पूरे 5 साल अपने गांव के लिए निष्पक्ष सोच के साथ काम करके: आशु कुजूर
ग्राम पंचायत सलबा का यह वाक्या है और जहां युवा वर्ग से आने वाले आशु कुजूर सरपंच निर्वाचित हुए। उनका कहना है कि वह अपना भविष्य आगे भी ऐसे ही तलाश करेंगे यह जो मौका मिला है उसे वह अपने आगे की राजनीतिक भविष्य को ऊंचाई देने के लिए साथ ही पूरे 5 साल अपने गांव के लिए निष्पक्ष सोच के साथ काम करके वह अपने लक्ष्य में भिड़े रहेंगे, वहीं उनका मानना है कि उन्हें ऐसा करना होगा ताकि आगे भी उन्हें सेवा का मौका बड़े स्तर पर मिले और अपने क्षेत्र का नाम वह गौरवान्वित कर सकें।वैसे राजनीति में अपना भविष्य तलाशने वाले युवाओं में से कितने सफल हुए कितने असफल इसके बीच एक बात और ध्यान देने वाली है जो यह है कि वादों के अनुरूप कौन साबित होता है और कौन जनता और क्षेत्र या ग्राम के लिए समर्पित होता है,आज राजनीति का क्षेत्र हर किसी को जब अपने ओर पहले आकर्षित करती है फिर आगोश में लेती है तब वह सारे किए वादे और कसमें भुलाने पर मजबूर कर देती है और अंत में परिणाम वह नहीं सामने आता जो आने की कल्पना होती है, वैसे युवा सरपंच आशु कुजूर का कहना है की वह खुद को ग्राम के लिए बेहतर सरपंच साबित करके दिखाएंगे और वह पांच साल बाद भी ग्राम के लिए चहेते होंगे वह ऐसा काम निस्वार्थ कर जायेंगे यह उनका वादा है। आशु कुजूर अपने लक्ष्य और राजनीति में अपने वादों को पूरा करने वाले बने ग्राम में वह विकास की गाथा नई लिखें यह उनके समर्थकों या निर्वाचित करने वालों की मंशा भी है और अब देखना है कि राजनीति की स्वार्थपरक गलियों के बीच कैसे एक युवा निस्वार्थ सेवा की कसम पूरी करता है।