बैकु΄ठपुर@जिले से पहुंचे सत्याग्रहियों को क्या मुख्यमंत्री देंगे सम्मान?

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मन्नतो को लेकर सत्याग्रही पहुंचे रायपुर,मुख्यमंत्री से नहीं हुई मुलाकात,आज हो सकती है मुलाकात


जिला मुख्यालय की मांग को लेकर विगत 14 दिनों से पैदल यात्रा कर रायपुर पहुंचे हैं सत्याग्रही,विधायक ने रास्ते भर नहीं ली पदयात्रियों की सुध

रवि सिंह –


बैकु΄ठपुर 08 अक्टूबर 2021 (घटती-घटना)। सत्याग्रही अपनी मन्नतो को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने के लिए रायपुर शुक्रवार की सुबह 10ः00 बजे पहुंच गए थे, मुख्यमंत्री से मिलाने वाला नहीं होने की वजह से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई, वही लोगों का मानना है कि मुख्यमंत्री जी को सत्याग्रही से स्वयं जाकर मुलाकात करना चाहिए था, क्योंकि अपनी मांगों को लेकर उन्होंने काफी परिश्रम कर उनके तक पहुंचे है मुख्यमंत्री को उनका सम्मान करना चाहिए और उनके परिश्रम का कदर करना चाहिए, मुख्यमंत्री सत्याग्रही से कैसे मिलेंगे इसे लेकर खबर लिखे जाने तक रूपरेखा तैयार की जा रही थी, पर यह भी कहा जा रहा था यदि मुख्यमंत्री स्वयं से सत्याग्रही से मुलाकात करते तो मुख्यमंत्री जी का भी मान बढता। क्यों की सत्याग्रही अपनी मन्नत को पूरा करने मुख्यमंत्री जी के पास पहुचने के लिए 350 किलोमीटर पद यात्रा की है।
ज्ञात होकी चिरिमिरी शहर को नवीन एमसीबी जिले का मुख्यालय बनाने की मांग को लेकर चिरिमिरी जिला मुख्यालय बनाओ संघर्ष समिति के 40 पदयात्री सत्याग्रही विगत 14 दिनों से राजधानी रायपुर के लिए पैदल यात्रा पर हैं वहीं वह राजधानी पहुंचकर प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलकर चिरिमिरी में जिला मुख्यालय बनाने की मांग रखने वाले हैं और वह मुख्यमंत्री को इसबात से भी अवगत कराने वाले हैं कि आखिर चिरिमिरी शहर को क्यों जिला मुख्यालय बनाये जाने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री से मिलने करनी पड़ रही है जद्दोजहद

सत्याग्रही पदयात्रियों को पैदल यात्रा कर कठिनाइयों का सामना करते हुए राजधानी रायपुर पहुंचने में 13 दिन लग गए अब सत्याग्रही पदयात्रियों को प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री से मिलने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है ऐसी भी खबरें सामने आ रहीं हैं। विधायक या किसी माध्यम बिना मुख्यमंत्री से मिलना शायद संभव नहीं होगा यह भी खबरें हैं लेकिन वहीं कुछ लोगों का कहना है कि मांगे मानना नहीं मानना अलग विषय है लेकिन प्रदेश के ही 40 लोग केवल अपनी मांग रखने प्रदेश के मुखिया से मिलने 13 दिनों से पदयात्रा सत्याग्रह कर रहें हैं और अब वह उनके साथ मुलाकात की इक्षा रखते हैं ऐसे में मुख्यमंत्री को प्रदेश के मुखिया को बिना माध्यम उनसे मिलना चाहिए वहीं उनकी मांगों का ज्ञापन लेना चाहिए इसके लिए बिना माध्यम मिलना ही सत्याग्रही पदयात्रियों का सम्मान होगा और जनता के प्रति प्रदेश के मुखिया का स्नेह स्पष्ट समझ में आ सकेगा।

पलायन व शहर का अस्तित्व बचाने सत्याग्रह पदयात्रा

चिरिमिरी से रायपुर राजधानी की 350 किलोमीटर की यात्रा पैदल पूरा करते हुए चिरिमिरी शहर को नवीन जिले के मुख्यालय के रूप में स्थापित किये जाने की मांग इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य है। चिरिमिरी शहर बंद हो रही कोयला खदानों की वजह से अस्तित्व के संकट से गुजर रहा है और लगातार पलायन जारी है जिसे रोकने के लिए यह पदयात्रा जारी है,जिसका समापन प्रदेश के मुखिया से मुलाकात और अपनी बात रखकर की जाएगी।
कठिनाइयों को चुनौती देकर बड़े ही उत्साह में रायपुर पहुंच रहें हैं

पदयात्री सत्याग्रही

350 किलोमीटर की यात्रा 14 वें दिन पूरा करते हुए रास्ते मे आई प्रत्येक कठिनाई को चुनौती देते हुए सत्याग्रही पदयात्रियों की 40लोगों की टोली रायपुर राजधानी पहुंच रही है। इस दौरान लगातार चलने की वजह से कई पदयात्रियों को काफी दिक्कतें भी हुईं लेकिन अब प्रदेश की राजधानी पहुंचने की खुसी व अपनी बात अपने क्षेत्र की मांग प्रदेश के मुखिया के समक्ष रखने का उत्साह साफ नजर आ रहा है।

मनेंद्रगढ़ विधायक लगा रहें हैं श्रेय लेने की जुगत

सत्याग्रही पदयात्रियों की पदयात्रा जैसे जैसे राजधानी रायपुर पहुंचने को है और राजधानी के नजदीक है वैसे वैसे ही नए नए लोगों को जुड़ते भी देखा जा रहा है जो अंतिम तौर पर उपस्थित होकर फ़ोटो खिंचाने में अव्वल रहने का अपना धर्म निभाने की कोशिश कर रहें हैं,और इसी बीच अब यह भी खबर है कि विगत 13 दिनों तक सत्याग्रही पदयात्रियों की कोई खबर न लेने वाले क्षेत्रीय विधायक भी सत्याग्रही पदयात्रियों के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के इक्षुक हैं और वह माध्यम भी बनना चाहते हैं जिससे उनकी छवि चिरिमिरी की जनता के बीच बनी रह सके। अब देखने वाली बात होगी कि क्या सत्याग्रही पदयात्री विधायक जी के माध्यम वाले प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं या नहीं क्योंकि विधायक जी का अंतिम उद्बोधन भी चिरिमिरी शहर के लिए मुख्यालय की मांग वाला नहीं था यह सभी जानते हैं।

मुख्यमंत्री से कैसे होगी मुलाकात

सत्याग्रही पदयात्रियों की मुलाकात मुख्यमंत्री से कैसे होगी अभी इसबात को लेकर कोई स्पष्ट सूचना नहीं मिल सकी है वैसे प्रदेश के मुखिया स्वयं उनसे मिलकर उनकी मांगों पर मांगपत्र स्वीकार करते तो शायद उनकी यात्रा का सुखद अंत माना जाता,लेकिन अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है इसलिए कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। अब प्रदेश के मुखिया से कब और किस तरह उनकी मुलाकात हो सकेगी इस मामले पर क्षेत्रवासियों की भी नजर होगी।


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