कोरबा@कोविड प्रोटोकॉल के पालन की शर्त पर…
पूजा-धार्मिक स्थल में क्षमता के आधे व्यक्ति हो सकेंगे शामिल

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  • राजा मुखर्जी-

कोरबा 01 अक्टूबर 2021 (घटती-घटना)। कोरबा जिले में पूजा-धार्मिक स्थलों में शामिल होने वाले व्यक्तियों की संख्या संबंधी आदेश में संशोधन किया गया है। जिले में स्थित पूजा- धार्मिक स्थलों में अब पूजा स्थल के भवन-हॉल-परिसर की क्षमता के 50 प्रतिशत के अधीन व्यक्ति शामिल हो सकेंगे। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पूजा स्थलों के संचालन के संबध में आंशिक संशोधन आदेश जारी कर दिए हैं। पूर्व में एक समय में अधिकतम पॉंच लागों को ही पूजा स्थलों में प्रवेश की अनुमति थी। धार्मिक स्थलों में लोगों को मास्क, सेनेटाइजर एवं सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। धार्मिक स्थलों के प्रवेश द्वार पर सेनेटाइजर डिस्पेंसर एवं थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था पूजा स्थल के संचालक को करनी होगी। पूजा स्थल पर मूर्ति एवं धार्मिक गं्रथो को स्पर्श करना प्रतिबंधित होगा तथा स्थल में बड़ी सभाएं एवं मण्डली कार्यक्रम का आयोजन करना मना रहेगा। जहां तक संभव हो रिकॉर्ड किए गए भक्ति संगीत-गाने बजाए जा सकते हैं। धार्मिक-पूजा स्थल के भीतर प्रसाद वितरण एवं पवित्र जल के छिड़काव करने की अनुमति नहीं रहेगी। परिसर में केवल बिना कोविड लक्षण वाले व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति रहेगी। फेस कवर या मास्क का उपयोग करने वाले व्यक्तियों को ही पूजा स्थलों में प्रवेश दिया जाएगा।धार्मिक स्थलों के संचालन के संबंध में जारी दिशा-निर्देशानुसार पूजा स्थलों के परिसर के बाहर एवं पार्किंग स्थल पर सोशल-फिजिकल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी होगा। परिसर के बाहर और भीतर स्थित सभी दुकानों, स्टॉलों एवं कैफेटेरिया में हमेशा सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा। धार्मिक स्थल में प्रवेश के लिए कतार में खड़े होने वाले लोगों के बीच कम से कम छह फिट की शारीरिक दूरी रखना अनिवार्य होगा। आगंतुकों को परिसर में प्रवेश करने से पहले अपने हाथों और पैरों को साबुन और पानी से धोना होगा। धार्मिक-पूजा स्थल के भीतर सार्वजनिक चटाई एवं दरी के उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। आगंतुक अपने साथ स्वयं की दरी या चटाई ला सकते हैं। धार्मिक स्थल के प्रबंधक द्वारा धार्मिक- पूजा स्थल की नियमित साफ-सफाई एवं सेनेटाइजेशन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। आगंतुकों और पूजा स्थल के कर्मचारियों द्वारा उपयोग किए गए फेस कवर, मास्क एवं दस्ताने को उचित निपटान की व्यवस्था धार्मिक स्थल प्रबंधक द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। प्रबंधकों को पूजा स्थल में आए हुए श्रद्धालुओं को कोविड टीकाकरण के लिए भी प्रेरित करना होगा।


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