- क्या जब तक जिला पंचायत कोरिया में सहायक संचालक रितु रहेंगी तब तक वहां ग्राम पंचायत को मोहरा बनाकर भ्रष्टाचार होता रहेगा ?
- डीपीआरसी भवन के बगल में कर्मचारी व अधिकारी के लिए तीन क्वार्टर बन रहे हैं पर यह क्वार्टर टेंडर पर न देकर पंचायत को एजेंसी बनाया गया है…
- जहां पर भी जिला पंचायत का काम होगा वहां पर अरविंद सोनी ही तकनीकी सहायक इंजीनियर की भूमिका निभाएंगे ?
- क्या पूरे जिले में एक ही संविदा तकनीकी सहायक है जो सभी निर्माण कार्यों का मूल्यांकन करेगा ?
- एक तकनीकी सहायक के ऊपर आदिवासी विभाग,प्रधानमंत्री आवास सहित जिला पंचायत के निर्माण कार्यों की जिम्मेदारी ?
- ढाई लाख के आवास निर्माण का काम देखने वाले तकनीकी सहायक लाखों का निर्माण कर देख रहे हैं कैसे ?
- क्वार्टर का निर्माण हो रहा है एक साथ पर ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाने 18 लाख 14 लाख का अलग-अलग काम दिखाया जा रहा है 15 वां वित्त भी इसमें शामिल हुआ
- राज्य शासन के आदेशों की भी उड़ रही है धज्जियां…विभागीय काम की है मनाही फिर भी टेंडर प्रक्रिया को नजर अंदाज कर भी विभागीय काम बांटना चाहते अपने चहेते ठेकेदार को…


-रवि सिंह-
कोरिया,15 जून 2025 (घटती-घटना)। कोरिया जिले का एक ऐसा ग्राम पंचायत जिसकी धरती पर कलेक्टर कार्यालय व जिला पंचायत कार्यालय संचालित है,यह ग्राम पंचायत जिला पंचायत कार्यालय के अधिकारियों के लिए भ्रष्टाचार का चारागाह बना हुआ है,जमकर यहां पर भ्रष्टाचार निर्माण कार्यों में हो रहा है जिस चीज की आवश्यकता नहीं है उसके लिए भी लाखों का निर्माण कार्य करके पैसे का बंदरबाट कर लिया गया है,अपने चाहते ठेकेदार को बाहर से बुलाकर ऐसे ऐसे काम कराए गए हैं जो देखकर यह साफ दिख रहा है यह सारे काम सिर्फ अवैध पैसा कमाई के लिए हुए हैं,ग्राम पंचायत को सिर्फ निर्माण एजेंसी ही बनाया जाता है ताकि ना तो सरपंच ना ही सचिव किसी को भी इससे कोई लाभ हो रहा है, सिर्फ लाभ हो रहा है तो उन्हें जिन्हें यह काम दिया जाता है और जिन्हें यह काम दिया जाता है, यह सभी अधिकारी के चाहते होते हैं और वह इन कामों के लिए अधिकारी को मनचाहा प्रोत्साहन राशि देते हैं, जिससे उन्हें लाभ हो रहा है जिला पंचायत में पदस्थ संचालक रितु साहू का नाम काफी सुर्खियों में है उन्हीं के टेबल से यह सारे असंवैधानिक निर्माण कार्यों की फाइल आगे बढ़ रही है और भुगतान हो रहे हैं, पर कोई भी बोलने वाला या देखने वाला या जांच करने वाला नहीं है, ऐसा इकलौता ग्राम पंचायत है जो साल में कई करोड़ का निर्माण कार्य सिर्फ इस 2 साल में कर लिया है और सिर्फ नाम के लिए वह केवल एजेंसी रहे हैं, बाकी काम अधिकारियों के पसंदीदा ठेकेदार ही किए हैं और सरपंच सचिव सिर्फ उन्हें भुगतान करने का काम किए है अब यह सारे राज परत दर परत खुल रहे हैं, जो भी काम जिला पंचायत अपने लाभ के लिए करवा रही है उन सभी के मूल्यांकनकर्ता इंजीनियर भी उनके चहेते यानी कि तकनीकी सहायक अरविंद्र सोनी ही होते हैं ऐसा लग रहा है कि अरविंद्र सोनी से योग्य कोई इंजीनियर है ही नहीं, वैसे सूत्रों का कहना है कि अरविंद्र सोनी को इसलिए मौका दिया जाता है क्योंकि वह मनचाहा पैसा अधिकारी को लाकर देते हैं। इन सभी मामलों की बारीकी से जांच होगी तब इसका पर्दाफाश हो जाएगा पर जांच करने वाले भी उतने ही ईमानदार होने चाहिए।
अरविंद्र सोनी पर ही इतनी मेहरबानी क्यों ?
जिला पंचायत कोरिया केवल एक तकनीकी सहायक पर ज्यादा मेहरबान है जिसका नाम आज जिले की सुर्खी है,नाम है अरविंद सोनी,यह अधिकारियों का इतना चहेता है कि यह आज कोरिया जिले का ऐसा इंजीनियर है जो संविदा पद पर रहते हुए सबसे ज्यादा कमाई कर रहा,सूत्रों का दावा है कि यह आज धनाढ्य बन चुका है भ्रष्टाचार के बल पर।
आखिर क्यों नहीं निकाला जा रहा है निविदा ग्राम पंचायत को क्यों बनाया जा रहा है मोहरा?
कोरिया जिले के जिला संयुक्त कार्यालय अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत चेरवापारा आज जिले का ऐसा ग्राम पंचायत है जहां निर्माण कार्यों की बाढ़ सी आई हुई है,इस पंचायत में करोड़ों के काम पंचायत मद से हो रहे हैं। ऐसा क्यों हो रहा है यह बड़ा सवाल है।जिले के अन्य ग्राम पंचायतों को इतनी स्वीकृति नहीं मिलती जितनी यहां प्राप्त हो रही है,वैसे इस ग्राम पंचायत में बड़े बड़े काम जो निविदा प्रकिया से कराए जाने चाहिए वह पंचायत को एजेंसी बनाकर किया जा रहा है और ऐसा क्यों किया जा रहा है यह समझा जा सकता है,वैसे बड़े कामों को कई भागों में बांटकर काम किया जा रहा है यह भी बताया जा रहा है।वैसे इस सवाल में ही जवाब है कि ऐसा केवल भ्रष्टाचार के लिए किया जाता है।
क्या ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाकर अधिकारियों ने अपनी जेब भरने का नायाब तरीका निकाल लिया है?
वैसे सवाल यह भी है कि क्या ग्राम पंचायत चेरवापारा अधिकारियों के लिए चारागाह बन चुका है जहां वह खुलकर भ्रष्टाचार कर पा रहे हैं। ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाकर अधिकारी वहां अपने लोगों को काम बांट रहे हैं, इस एकमात्र ग्राम पंचायत की स्थिति यह है कि यह जिले का सबसे भ्रष्ट ग्राम पंचायत साबित हो जाएगा यदि गंभीरता से जांच हुई और इस भ्रष्टाचार में सचिव सरपंच की जगह अधिकारी भ्रष्टाचार में संलिप्त मिलेंगे जो जांच से सामने आ सकेगा।
ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाकर आखिर चहेते ठेकेदार से ही क्यों करवाया जा रहा है काम?
वैसे ग्राम पंचायत चेरवापारा ऐसा ग्राम पंचायत बन चुका है कोरिया जिले का जो जिले का सबसे सुर्खियों में बना रहने वाला ग्राम पंचायत है।इस पंचायत में निर्माण कार्य केवल चहेते ठेकेदार संपादित करते चले आ रहे हैं जिन्हें अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। इस पंचायत के निर्माण कार्यों का संपादन जबकि स्वयं ग्राम पंचायत को करना चाहिए जैसा नहीं हो रहा है और बाहर के ठेकेदार बिना निविदा इस ग्राम पंचायत के ठेकेदार हैं। इस पंचायत के निर्माण कार्यों में अधिकारियों द्वारा नया नियम लागू किया गया है जो किसी भी निर्माण कार्य को कई भागों में बांटकर दिखाने का नियम है जिससे कोई भी काम निविदा योग्य न बच सके। ऐसा क्यों हो रहा है यह बड़ा सवाल है।
इंजीनियर की डिग्री तो है पर नियुक्ति तकनीकी सहायक में है और नियम विरुद्ध तरीके से देख रहे हैं कई विभाग के निर्माण कार्य
जिला पंचायत के लिए एक तकनीकी सहायक खास बना हुआ है जिसकी नियुक्ति तकनीकी सहायक पद पर है लेकिन वह नियम विरुद्ध तरीके से कई विभागों का काम देख रहा है,आज बेरोजगारी के इस जमाने में जहां कई इंजीनियर बेरोजगार हैं वहीं एक ऐसा भी है जिसके पास विभागों की लड़ी है, अब ऐसा क्यों है यह समझा जा सकता है, ऐसा इसलिए सम्भव बताया जा रहा है क्योंकि वह इतना विश्वासपात्र हो चुका है कि उसे किनारे करना अब अधिकारियों के लिए भी मुसीबत मोल लेने की बात, वह हटाए जाने पर पोलपट्टी खोलेगा यह भय भी है अधिकारियों को वहीं वह खास भी है अधिकारियों का।
जिला पंचायत के पीछे बन रहा भवन भ्रष्टाचार का नया मामला
सूत्रों का कहना है कि जिला पंचायत के पीछे कहीं पर कुछ निर्माण कार्य चल रहे हैं जो भवन निर्माण के कार्य हैं जिन्हें कई भागों में बांटकर निर्मित किया जा रहा है जिससे निर्माण कार्य का टेंडर न निकालना पड़े और काम पंचायत को एजेंसी बनाकर अपने चहेते ठेकेदार से करा लिया जाए कमीशन प्राप्त मुंहमांगी कर ली जाए,यह विषय भी जांच का है ऐसा सूत्रों का दावा है।
कीट सप्लाई का मामला ठंडे बस्ते में,सहायक संचालक ने बांटे थे कीट जबरन भुगतान का था दबाव पंचायतों पर…
एक लगभग 50 हजार के कीट सप्लाई का भी मामला है कोरिया जिले के जिला पंचायत के भ्रष्टाचार मामले से जुड़ा हुआ जिसमें शिकायत हुई थी सहायक संचालक पंचायत का नाम सामने आया था और जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई थी। उक्त किट भी अपने खास को उपकृत करने और अपनी जेब भरने का माध्यम बना था अधिकारियों के लिए जिसमे जबरन पंचायतों पर किट सप्लायर को भुगतान करने का निर्देश था।
नाले पर बनाया जा रहा है भवन,रिटर्निग वाल के नाम पर भी हुआ है भ्रष्टाचार
जिला पंचायत के अधिकारियों द्वारा चेरवापारा ग्राम पंचायत के माध्यम से वैसे तो कई भ्रष्टाचार किए जा रहे हैं जिसमें कई अधिकारियों इंजीनियर की मिलीभगत है लेकिन हालिया भ्रष्टाचार का मामला जो है वह जिला पंचायत के पीछे कृषि उपज मंडी के बगल गली में बन रहे शासकीय आवास का है जिसमें भी भ्रष्टाचार हो रहा है और इसके लिए भी एजेंसी ग्राम पंचायत को बनाया गया है वहीं काम अधिकारियों के चहेते ठेकेदार कर रहे हैं, निविदा निकालकर कराए जाने वाले निर्माण कार्य को बांटकर किया जा रहा है और यह भवन नाले में किया जा रहा है जिसके लिए नाले को पाटा भी गया है वहीं इसके लिए 15 लाख की लागत से रिटर्निग वाल भी बनाया गया है। कुलमिलाकर जिला पंचायत के अधिकारियों ने चेरवापारा ग्राम पंचायत को लूटने का अजीब तरीका निकाल लिया है और लगातार पंचायत में निर्माण कार्य हो रहे हैं जिसमें पंचायत की भागीदारी शून्य है वहीं अधिकारियों के चहेते लाभ कमा रहे हैं।
भवन निर्माण में गुणवत्ता की भी कमी,निर्माण सामग्री घटिया किस्म की उपयोग हो रही है…
ग्राम चेरवापारा जिसे जिला पंचायत के अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार का चारागाह बना दिया गया है में वर्तमान में भी भ्रष्टाचार जारी है, अब भवन निर्माण के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है,भवन जो निविदा के माध्यम से बनना था उसे ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाकर बनाया जा रहा है जिसमें अधिकारियों के चहेते निर्माण कार्य कर रहे हैं और उनके द्वारा घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, गिट्टी अमानक है, रेत भी बगल के नाले का ही निकालकर उपयोग किया जा रहा है वहीं छड़ सहित सीमेंट का भी मामला गैर गुणवत्तापूर्ण वाला है। कुल मिलाकर निर्माण कार्य करने वाला अधिकारियों का चहेता है और जानता है कि सैया भए कोतवाल तो डर काहे का।
सहायक संचालक रितु साहू का केबिन भी ग्राम पंचायत चेरवापारा निधि से भव्य बनाया गया सूत्र,भ्रष्टाचार से बना है केबिनःसूत्र
सूत्रों का कहना है कि जिला पंचायत की सहायक संचालक का भव्य केबिन ग्राम पंचायत चेरवापारा की निधि से बनाया गया है। इसके लिए भी ग्राम पंचायत को भ्रष्टाचार के माध्यम से लुटा गया है,जो निधि या राशि ग्राम पंचायत के विकास के लिए उपयोग की जानी थी उसे केवल लुटा गया है और जेबें भरी गई है वहीं अपने चहेतों को उपकृत किया गया है।