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अम्बिकापुर@मैनपाट में बिना ग्राम सभा माइनिंग तैयारी पर भड़के पूर्व मंत्री अमरजीत भगत,कहा…पर्यावरण और जनहित से खिलवाड़

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अम्बिकापुर,04 दिसम्बर 2025 (घटती-घटना)। सरगुजा जिले के मैनपाट क्षेत्र में बिना ग्राम सभा की अनुमति लिए बड़े पैमाने पर माइनिंग की तैयारी को लेकर स्थानीय लोगों में गहरा असंतोष है। इसी मुद्दे पर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि मैनपाट में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन सरकार पर्यटन और माइनिंग दोनों को एक साथ बढ़ावा देने की बात कर रही है, जो जनता के साथ सीधा धोखा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि या तो पर्यटन बचेगा या माइनिंग—दोनों साथ नहीं चल सकते। इससे लऑ एंड ऑर्डर बिगड़ने जैसी स्थिति भी बन रही है।
पूर्व मंत्री ने अपने निवास में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि पंचायत और ग्राम सभा की अनुमति के बिना किसी भी प्रकार का खनन कार्य अधिनियम का उल्लंघन है। विपक्ष शुरू से ही इसके खिलाफ है और आगे भी विरोध जारी रहेगा। यदि स्थिति नहीं सुधरी, तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन राजस्व बढ़ाने की आड़ में प्रदूषण फैलाने और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाला कदम उठा रहा है। घुनघुट्टा नदी, मछली नदी समेत कई जल स्त्रोतों को क्षति पहुंचाई जा रही है, लेकिन पर्यावरण विभाग मौन है। भूमि अधिग्रहण और मुआवजा भुगतान में भारी अनियमितताएं सामने आ रही हैं। केंद्रीय भू-अधिग्रहण अधिनियम 2013 के अनुसार चार गुना मुआवजा देने का प्रावधान है, परंतु सरकार, प्रशासन और कंपनियां इसके विपरीत काम कर रही हैं, जो ग्रामीणों के अधिकारों का खुला उल्लंघन है। अमेरा माइन्स में ग्रामीणों, एसईसीएल और पुलिस के बीच झड़प का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जनभावना के विपरीत खनन कार्य करना और ग्रामीणों पर लाठीचार्ज करना बिल्कुल अनुचित है। बिना ग्रामीणों की सहमति और रोजगार व्यवस्था सुनिश्चित किए खनन किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं होना चाहिए। उन्होंने हसदो क्षेत्र में पेड़ों की कटाई से हो रही अपूरणीय क्षति पर भी चिंता जताई।
धान बेचने में हो रही दिक्कतें : धान खरीदी 15 नवंबर से शुरू हो चुकी है, लेकिन पंजीयन और एग्रीस्टेक का कार्य अधूरा होने से किसान परेशान हैं। रकबा सुधार नहीं होने से किसानों पर धान बेचने का संकट मंडरा रहा है। वन भूमि पट्टाधारियों के लिए भी खरीदी व्यवस्था स्पष्ट न होने से आदिवासी और पारंपरिक वनवासी गंभीर कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
हाफ बिजली बिल योजना समाप्त,बढ़ी परेशानी
पूर्व मंत्री ने कहा कि कांग्रेस शासन की 400 यूनिट हाफ बिजली बिल योजना को वर्तमान सरकार ने समाप्त कर दिया है और अब 200 यूनिट हाफ बिल का दावा कर जनता को भ्रमित कर रही है। उन्होंने कहा कि एक यूनिट भी अधिक होने पर पूरा बिल देना पड़ेगा, इसलिए नई योजना का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने सरकार से पूछा कि दो वर्ष पूरे होने पर जश्न मनाने से पहले स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक विकास में किए गए कार्यों का श्वेत पत्र जारी करे, साथ ही यह भी बताए कि कितने स्कूल बंद हुए और कितनी शराब दुकानें खोली गईं।
माइनिंग से बढ़ रही जंगली हाथियों की समस्या…
पूर्व मंत्री भगत ने कहा कि मैनपाट, अमेरा,महान-1,महान-2, रायगढ़ के कछार और कोरबा क्षेत्रों में अंधाधुंध खनन के कारण जंगली हाथियों और अन्य वन्य जीवों का रहवास कम होता जा रहा है। इसी वजह से हाथी लगातार बस्तियों में प्रवेश कर रहे हैं, जिससे जनहानि,फसल हानि और घरों को नुकसान की घटनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित ग्रामीणों को पर्याप्त मुआवजा नहीं मिल रहा है। ऐसे मामलों में फसल हानि की दोगुनी राशि, मकान हानि पर तीन कमरों का पक्का शौचालययुक्त मकान और जनहानि पर 25 लाख रुपए मुआवजा दिया जाना चाहिए।


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