संपादकीय

लेख @ आर्थिक तथा सामरिक महाशक्ति बनने अग्रसर भारत

पिछले 11 वर्षों में भारत की चौतरफा विकास की गति को पूरा विश्व अपनी आंखों से देख रहा है। अब भारत एशिया का बड़ी शक्ति केंद्र बनकर उभर रहा है। चीन के बाद भारत बहुत बड़ी सामरिक शक्ति भी बन चुका है। भारत ने अन्न तथा दवाइयां,मेडिकल इक्विपमेंट लोहे से बनी सामग्रियां एवं सामरिक महत्व के हवाई जहाज पानी के …

Read More »

लेख@ मोबाइल स्क्रीन,जंक फूड औरबदलती जीवनशैली ने छीनी मासूमियत

समाज और परिवार को तुरंत कदम उठाने की जरूरतबचपन को जीवन का सबसे सुंदर और बेफिक्र समय माना जाता है, लेकिन आज का बचपन पहले जैसा नहीं रहा। जहां कभी बच्चे खुले मैदानों में खेलते, कहानियों की दुनिया में खोए रहते और घर के बुजुर्गों से जीवन के मूल्य सीखते थे,वहीं अब मोबाइल स्क्रीन,जंक फूड और तेज रफ्तार जीवनशैली ने …

Read More »

लेख@ आतंकवाद के पीडि़तों,निर्दोष लोगों के प्रति स्मृति और श्रद्धांजलि

आतंकवाद के पीडि़तों की स्मृति और श्रद्धांजलि का अंतर्राष्ट्रीय दिवस 21 अगस्त,2025 को मनाया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार,यह दिन आतंकवाद से प्रभावित लोगों को सम्मान और श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ उनके मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रताओं को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने के लिए समर्पित है। इसे विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस के रूप में भी जाना जाता है। यह …

Read More »

लेख@ ऑनलाइन गेमिंग बिल:मनोरंजन,रोजगार और सामाजिक जिम्मेदारी के बीच संतुलन की तलाश

लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 को लेकर गहन बहस हुई। सरकार ने इसे समाज में जुए और लत जैसी प्रवृत्तियों को रोकने के लिए आवश्यक बताया,जबकि विपक्ष ने इसे रोजगार और उद्योग पर चोट मानते हुए संशोधन की माँग रखी। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने स्पष्ट किया कि बिल केवल रियल-मनी गेमिंग और सट्टेबाज़ी पर रोक लगाता है,जबकि ई-स्पोर्ट्स और …

Read More »

लेख@ विदेश नीति की समीक्षा

कभी भी कोई देश अपने आप में अकेला नहीं रहा! व्यापार, संस्कृति, विश्व शांति आदि मामलों को लेकर दूसरे देशों के साथ संबंध बनाकर रखने पड़ते हैं! इससे संबंधित नीति को ही विदेश नीति कहते हैं! प्रत्येक देश की अपनी-अपनी विदेश नीति होती है जिसका उद्देश्य दूसरे देशों के साथ मेलजोल बढ़ाना, लोगों का एक दूसरे के यहां आना-जाना और …

Read More »

लेख@ आत्मउन्नयन एवं जीवन-जागृति का पर्व है पर्युषण

जैन धर्म में पर्युषण महापर्व का अपना विशेष महत्व है। यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि आत्मा की गहराइयों तक जाने का, आत्मनिरीक्षण करने का और आत्मशुद्धि का अनूठा पर्व है। जैन संस्कृति ने सदियों से इस पर्व को आत्मकल्याण, साधना और तपस्या का महान माध्यम बनाया है। ‘पर्युषण’ का शाब्दिक अर्थ है-अपने भीतर ठहरना, आत्मा में रमना, आत्मा …

Read More »

लेख@अक्षय ऊर्जा:असीम शक्ति, स्वच्छ भविष्य

देश के सतत विकास की धुरी है अक्षय ऊर्जापृथ्वी पर ऊर्जा के परम्परागत साधन बहुत सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं, ऐसे में खतरा मंडरा रहा है कि यदि ऊर्जा के इन पारम्परिक स्रोतों का इसी प्रकार दोहन किया जाता रहा तो इन परम्परागत स्रोतों के समाप्त होने पर गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाएगी। यही कारण है कि पूरी दुनिया में …

Read More »

लेख@ उपहार अइशन हो जेन कामयाबी के निशैनी बनै

भंवरपुर नाम के एकठन गांव मा सुखवा नाम के एक मध्यम वर्गीय किसान रहय। सुखवा के गोसईन के नाम दुखवा रहय। दोनों प्राणी मिल के बढिया खेती किसानी ला करय। दोनों के मया ले एक झक सुग्घर बाबू लइका होते।अपन लइका के छट्ठी बरही करवाते अउ नाम संस्कार मा ओकर नाम शिव रखते। शिव केपढ़ई लिखई मा सुखवा अउ दुखवा …

Read More »

लेख@ आज से दो सौ वर्ष पहले खींचा गया था पहला फोटो

हर व्यक्ति में रचनात्मकता होती है। इनमें जो सूझबूझ भरे, सजग और सक्रिय होते हैं वे अपने कार्यक्षेत्र में रचनात्मकता को नवाचार के विविध रूपों में प्रदर्शित करते हैं, वहीं कुछ व्यक्तियों के अवचेतन मन में यही रचनात्मकता बीज रूप में सुप्तावस्था में रहती है और उचित एवं अनुकूल परिवेश,प्रेरणा,पोषण एवं प्रोत्साहन प्राप्त कर कृति रूप में साकार होती है। …

Read More »

लेख@ प्रकृति से खिलवाड़ के खतरनाक नतीजे

भारतीय दर्शन के अनुसार,मानव सभ्यता का विकास हिमालय और उसकी नदी घाटियों से माना जाता है। आज विकास के तरीकों और जल्दबाजी से समूचे हिमालय के दरकने का सिलसिला जारी है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में धराली गांव समेत तीन स्थानों पर आई प्राकृतिक आपदा एक चेतावनी है कि प्रकृति से खिलवाड़ के नतीजे भयानक हो सकते हैं। धराली और हर्षिल …

Read More »