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क्या बीजेपी आगे बढ़ाएगी नीतीश की विरासत?आलाकमान के इन फैसलों से मिल रहे संकेत

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पूनम पाण्डे
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत के साथ ही यह भी अहम है कि इस बार बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी है। दूसरे नंबर पर एनडीए है। जिस तरह मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हुआ, उससे इस पर चर्चा होने लगी है कि क्या बिहार में सत्ता के समीकरण बदलेंगे और क्या बीजेपी ही नीतीश कुमार की विरासत को आगे बढ़ाएगी।
गृह विभाग से कई संदेश
पहली बार ऐसा हुआ है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास गृह विभाग नहीं है। बीजेपी ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को गृह विभाग दिया है। इसके भी कई मायने निकाले जा रहे हैं। चुनाव के दौरान जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन पर हत्या और गैंगरेप जैसे अपराधों में शामिल होने का आरोप लगाया गया, लेकिन बीजेपी ने इन आरोपों की परवाह नहीं की। सम्राट चौधरी को टिकट ही नहीं दिया गया, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनके पक्ष में रैली भी की। प्रचंड जीत के बाद सम्राट चौधरी को डिप्टी सीएम पद के साथ-साथ गृह विभाग भी दे दिया गया।
इससे ये तो साफ है कि बीजेपी बिहार में स्थानीय नेतृत्व की नई खेप तैयार कर रही है। पहले बिहार बीजेपी के नेता के तौर पर सुशील मोदी का नाम ही सबकी जुबान पर आता था। अब बीजेपी बिहार में सम्राट चौधरी को अपने बड़े नेता के तौर पर प्रॉजेक्ट कर रही है। कानून-व्यवस्था यहां चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा था। गृह विभाग जितना अहम है उतना ही चुनौतीपूर्ण भी। यहां काम करने पर जितनी पब्लिसिटी मिल सकती है, वहीं कुछ गलत होने पर उतना ही दबाव और विरोध भी होता है।
सम्राट चौधरी के सामने अपनी पहचान बनाने की चुनौती है और मौका भी, जो बीजेपी ने उन्हें दिया है। इसकी शुरुआत भी सम्राट चौधरी ने की है। गृह विभाग संभालने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने संकेत दिए कि वे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ स्टाइल में बिहार की कानून-व्यवस्था को हैंडल करेंगे।
बीजेपी ने साफ किया है कि बिहार में एनडीए सरकार नीतीश कुमार के सुशासन की विरासत को ही आगे बढ़ाएगी। जब से नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी हुई है तब से बीजेपी ने भी नीतीश के सुशासन की बात की है। जिस तरह का राजनीतिक समीकरण है, उससे ये लग रहा है कि नीतीश की विरासत को बीजेपी संभालने की कोशिश में है और जेडीयू इसमें धुंधली होती दिख रही है। हालांकि बीजेपी ने इसमें जल्दबाजी नहीं दिखाई है और वह सधे कदमों से ही इस ओर बढ़ रही है। गृह विभाग बीजेपी के पास होना इस दिशा में एक छोटा सा कदम है। कानून-व्यवस्था का मामला भले ही बीजेपीने अपने पास रखा है,लेकिन नीतीश कुमार के पास जनरल एडमिनिस्ट्रेशन विभाग है तो ट्रांसफर-पोस्टिंग जैसी पावर उनके पास ही रहेगी। पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही जिस तरह सम्राट चौधरी ने अपराधियों को चेतावनी दी कि उनके लिए बिहार में कोई जगह नहीं है,उसमें कहीं न कहीं यूपी के योगी है।


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