सुकमा,24 नवम्बर 2025। छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सल विरोधी अभियानों में सुरक्षा बलों को सफलता मिल रही है। इसी क्रम में आज सुकमा जिले में एक और बड़ी कामयाबी मिली है,जहां 15 सक्रिय माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है। इन सभी पर 48 लाख रुपये के इनाम घोषित था। आत्मसमर्पित माओवादियों में PLGA बटालियन-01 के 4 हार्डकोर सदस्य भी शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने वालों में PPCM के 4, SCM के 2, पार्टी सदस्य 3 और अन्य 8 सदस्य शामिल हैं। इनमें 5 महिलाएं और 10 पुरुष माओवादी हैं। इन सभी पर मिलाकर कुल 47 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनमें 4 माओवादियों पर 8-8 लाख, 2 पर 5-5 लाख, 1 पर 3 लाख, 1 पर 2 लाख, 1 पर 1 लाख का इनाम था। आत्मसमर्पित माओवादियों ने ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति’ और पुना मुर्गम योजना से प्रभावित होकर हिंसा का रास्ता छोड़ा है। इसके साथ ही तर्रेम और अंसदरी क्षेत्रों में नए सुरक्षा कैंपों की बढ़ी मौजूदगी ने भी उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित किया। इस आत्मसमर्पण अभियान में जिला पुलिस बल, DRG, RAF, CRPF(02, 212, 217, 223 बटालियन), COBRA 207 और विभिन्न इंटेलिजेंस एजेंसियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
क्यों किया आत्मसमर्पण : माओवादियों ने ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति’ और पुना मुर्गम योजना से प्रभावित होकर हिंसा का रास्ता छोड़ने की बात कही। तर्रेम और अंसदरी क्षेत्रों में नए सुरक्षा कैंपों की बढ़ी मौजूदगी ने भी उन्हें आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया।
नक्सल संगठन ने राज्य सरकारों को लिखा पत्र,कहा-हम सरेंडर करना चाहते हैं…
नक्सलियों के संगठन ने महाराष्ट्र,मध्यप्रदेश, और छत्तीसगढ़ सरकार को हथियार त्यागकर संघर्ष विराम की पेशकश की है। इसके अलावा सरेंडर के लिए 15 फरवरी तक समय मांगा है। ताकि इसकी सूचना बाकियों साथियों तक पहुंचाई जा सके। पत्र में यह भी भरोसा दिलाया गया है कि इस बार शहीदी सप्ताह नहीं मनाया जाएगा। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता अनंत ने जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि कि केन्द्रीय कमेटी के सदस्य, और पोलित ब्यूरो सदस्य सोनू दादा ने तत्काल प्रभाव से हथियार त्यागकर अस्थाई संघर्ष विराम का निर्णय लिया है। इसका बाकी सदस्यों ने समर्थन किया है। पत्र में कहा गया है कि पार्टी सरकार की पुनर्वास योजना को स्वीकार करना चाहती है, और इसके संदेश बाकी साथियों तक पहुंचाने के लिए 15 फरवरी तक का समय दिया जाना चाहिए। यह सरकार की माओवाद समाप्त करने की डेडलाइन 31 मार्च के भीतर ही है।
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