

-संवाददाता-
अम्बिकापुर,21नवम्बर 2025
(घटती-घटना)।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) द्वारा 2024 के परीक्षा परिणाम घोषित किए गए हैं, और इन परिणामों में सरगुजा जिले के तीन युवा अभ्यर्थियों ने महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। मैनपाट की बेटी ललिता पैंकरा ने एसटी कैटेगरी में पहले रैंक के साथ डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित होकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इसके अलावा, सीतापुर के मयंक मंडावी ने एसटी कैटेगरी में दूसरे स्थान प्राप्त किया है और वे भी डिप्टी कलेक्टर बने हैं। वहीं, सीतापुर के ही प्रसून गुप्ता को 36वां रैंक मिला है, और वे डीएसपी बनने के लिए पात्र हो सकते हैं। मैनपाट के काराबेल गांव की निवासी चंचल पैंकरा ने अपनी मेहनत और संघर्ष से यह सफलता हासिल की है। चंर्च के पिता रघुबर प्रसाद पैंकरा और मां शुन्तिला पैंकरा दोनों किसान हैं और सब्जी की दुकान चलाते हैं। चंचल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मैनपाट से ही पूरी की और फिर बीई सिविल की डिग्री प्राप्त की। हालांकि, जब चंचल ने पहली बार सीजीपीएससी परीक्षा दी थी, तो सफलता नहीं मिल पाई थी, लेकिन उनके पिता ने उनकी मेहनत और समर्पण को देखते हुए उन्हें कोचिंग के लिए बिलासपुर भेजने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने कुछ ज़मीनें बेचकर चंचल के सपनों को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाया। चंचल की मेहनत रंग लाई, और उन्होंने 2024 की सीजीपीएससी परीक्षा में एसटी कैटेगरी में पहला रैंक प्राप्त किया। इसके साथ ही उनका ओवरऑल रैंक 204 रहा, जो इस क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। चंचल के माता-पिता इस सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं और लगातार उन्हें बधाई दे रहे हैं। इस सफलता को हासिल करने के बाद चंचल के लिए डिप्टी कलेक्टर के पद पर कार्यरत होने का रास्ता साफ हो गया है।
मयंक मंडावी का उदय : सीतापुर के कटनईपारा गांव के निवासी मयंक मंडावी ने भी एसटी कैटेगरी में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। मयंक के पिता रमेश सिंह मंडावी वन विभाग में कार्यरत हैं, जबकि उनकी मां देवमति सिंह गृहिणी हैं। मयंक फिलहाल जीएसटी विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। सीजीपीएससी परीक्षा में दूसरे स्थान पर आने के बाद वे डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुए हैं। मयंक ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से यह सफलता हासिल की है। उनका यह मार्गदर्शन उनकी मां और पिता ने किया, जिन्होंने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया। मयंक के चयन के बाद उनके परिवार और परिचितों द्वारा उन्हें बधाइयों का तांता लग गया है।
प्रसून गुप्ता की सफलता
सीतापुर के ही प्रसून गुप्ता ने सीजीपीएससी 2024 में 36 वां रैंक हासिल किया है। प्रसून का यह सफर भी संघर्ष और मेहनत से भरा हुआ था। वे फिलहाल जिला जेल जशपुर में जेल अधीक्षक के रूप में कार्यरत हैं। प्रसून ने चार बार पीएसपी परीक्षा दी थी और हर बार साक्षात्कार तक पहुंचे थे। इस बार उन्हें 36 वां रैंक मिला है, जिसके बाद उनके डीएसपी बनने की संभावना प्रबल हो गई है। प्रसून के माता-पिता, सुखसागर गुप्ता (जो सेवानिवृत्त प्रधान पाठक हैं) और मंजुलता गुप्ता (जो शिक्षिका हैं), उनके इस सफलता में प्रमुख भूमिका निभाई है। प्रसून का यह मार्गदर्शन उनके बड़े भाई नीरज गुप्ता ने भी किया, जो स्वयं एक शिक्षक हैं। प्रसून की यह सफलता उनके परिवार के लिए गर्व का विषय है।
समग्र रूप से सरगुजा में खुशी का माहौल
इन तीनों अभ्यर्थियों की सफलता ने सरगुजा जिले में खुशी का माहौल बना दिया है। चंचल,मयंक और प्रसून की कड़ी मेहनत और संघर्ष ने यह सिद्ध कर दिया है कि अगर व्यक्ति अपनी मेहनत में विश्वास रखता है, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। इनकी सफलता न केवल उनके परिवार के लिए गर्व का विषय है, बल्कि समूचे सरगुजा क्षेत्र के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है। चंचल मयंक और प्रसून के इस सफलता पर उनके परिजन, मित्र, और परिचितों द्वारा उन्हें लगातार शुभकामनाएं दी जा रही हैं। सीजीपीएससी 2024 के परिणामों ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत और समर्पण से कोई भी सपना साकार हो सकता है।
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