@ भूपेश बघेल ने कहा…‘‘दो साल से राज्यपाल के पास धूल खा रहा है ओबीसी आरक्षण बिल’’
ओबीसी को लेकर देशभर में आंदोलन शुरू करने का ऐलान
नई दिल्ली,29 जून 2025 (ए)। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण पर की गई टिप्पणी के बाद कांग्रेस ने भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस महासचिव और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में पास हुए 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण बिल को लेकर बड़ा आरोप लगाया है।
दिल्ली के इंदिरा भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बघेल ने कहा कि 2 दिसंबर 2022 को यह बिल विधानसभा में सर्वसम्मति से पास हुआ था। उससे पहले, राज्य स्थापना दिवस पर राज्यपाल अनुसुईया उइके ने उन्हें खुद कहा था—आप बिल पास कीजिए, मैं एक दिन भी नहीं रोकूंगी। लेकिन जब विधानसभा से पास होने के दो घंटे के भीतर ही बिल राजभवन पहुंचाया गया, तो राज्यपाल ने इसे ‘अध्ययन’ में डाल दिया। अब दो साल हो चुके हैं, आज 2025 चल रहा है, लेकिन अभी तक यह अध्ययन खत्म नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि इससे साफ हो गया है कि भाजपा की मंशा ओबीसी समाज को उनका अधिकार देने की नहीं है। यह पार्टी जब भी मौका मिलता है, पिछड़े वर्ग के खिलाफ फैसले लेती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी मध्य प्रदेश में 27 फीसदी आरक्षण लागू नहीं हुआ है।
देशभर में आंदोलन होगा शुरू
भूपेश बघेल ने ऐलान किया कि ओबीसी आरक्षण की लड़ाई अब सिर्फ छत्तीसगढ़ तक सीमित नहीं रहेगी। इसकी शुरुआत मध्य प्रदेश से होगी। फिर छत्तीसगढ़ में आंदोलन होगा। और अंत में इसे पूरे देशभर में फैलाया जाएगा। भूपेश बघेल ने कहा, “हम ये लड़ाई हर स्तर पर लड़ेंगे, ताकि ओबीसी समाज को उसका संवैधानिक हक मिल सके।संविधान की प्रस्तावना से ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्द हटाने की बहस पर बघेल ने कहा कि आरएसएस इस तरह के मुद्दे समाज में छोड़ती है ताकि बहस हो और लोग धीरे-धीरे उसे स्वीकार करें। लेकिन भारत एक बहुजातीय और बहुधार्मिक देश है, जहां सबके लिए बराबरी की सोच जरूरी है। इसलिए ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ जैसे शब्दों को हटाने की सोच भी नहीं होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि भाजपा सिर्फ अपने दो-तीन बड़े उद्योगपति दोस्तों के लिए फैसले लेती है, और आम जनता को 5 किलो राशन देकर उसे उसका हक देने का दिखावा करती है।
बिहार की जनता फिर जवाब देगी
बिहार चुनाव को लेकर भी उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा। कहा कि पिछली बार चुनाव से ठीक पहले आरक्षण पर मोहन भागवत का बयान आया था और उसका नतीजा भाजपा को नुकसान के रूप में देखना पड़ा था। इस बार भी ऐसा ही होगा क्योंकि बिहार की जनता संविधान को मानती है और जवाब देना जानती है।
