नूंह से अल-फलाह यूनिवर्सिटी का इलेक्टि्रशियन समेत 2 पकड़े,आतंकियों को करते थे फंडिंग
फरीदाबाद,16 नवम्बर 2025। दिल्ली ब्लास्ट के बाद फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के डॉ. उमर नबी और डॉ. मुजम्मिल से जुड़े 200 लोग एजेंसियों की रडार पर हैं। रविवार को पुलिस ने नूंह शहर की हयात कॉलोनी से 2 लोगों को हिरासत में लिया है। इनके नाम रिजवान और शोएब है। शोएब यूनिवर्सिटी में इलेक्ट्रीशियन है। दोनों पर आतंकी मामले में फंडिंग करने का आरोप है। जांच में नूंह के दो नेताओं के नाम भी सामने आए हैं। फरीदाबाद में पुलिस को स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस में सवार एक यात्री के पास बम की सूचना मिली। टीमों ने तुरंत ट्रेन को चारों ओर से घेर लिया। पुलिस ने ट्रेन से संदिग्ध को पकड़कर तलाशी ली। उसके पास खाने-पीने का सामान और अमरूद मिले। उसकी पहचान बिहार के मधुबनी निवासी सुशील सैनी के तौर पर हुई। वह फल मंडी में काम करता है। तलाशी के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया। उधर,काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर ने रोहतक की जनता कॉलोनी की रहने वाली डॉ. प्रियंका शर्मा को हिरासत में लिया है। टीम ने नौगाम ब्लास्ट मामले की जांच के सिलसिले में डॉ. खालिद अजीज टाक के मलकनाग इलाके में स्थित घर पर देर रात छापेमारी की थी। डॉ. प्रियंका शर्मा अक्टूबर 2023 से इस घर में किराए पर रह रही है। प्रियंका एमबीबीएस पासआउट है और फिलहाल जीएमसी अनंतनाग में जनरल मेडिसिन के फाइनल ईयर की स्टूडेंट है। प्रियंका के पति का नाम अनिरुद्ध कौशिक है।
फरीदाबाद की 140 मस्जिदों में चेकिंग
फरीदाबाद क्राइम ब्रांच और स्थानीय थानों की पुलिस पिछले 4 दिनों से अपने-अपने इलाकों में तलाशी अभियान चला रही हैं। इस ऑपरेशन में अभी तक 140 मस्जिद-मदरसों की जांच की गई है। मस्जिदों में नमाज अदा कराने वाले इमामों का रिकॉर्ड चेक किया गया। इसके साथ ही,मदरसों में तालीम लेने वाले बच्चे कहां के रहने वाले हैं और वे कब से मस्जिद में आ रहे हैं, इस बारे में पूरी जानकारी दर्ज की जा रही है। फरीदाबाद में छोटी-बड़ी लगभग एक हजार मस्जिदें हैं।
दवाओं के लिए मुजम्मिल से संपर्क में था इमाम
अल फलाह यूनिवर्सिटी में बने मेडिकल में इलाज के लिए सिरोही की मस्जिद के इमाम इमामुद्दीन मेडिकल जाते थे। उनके बेटे मुहम्मद जुनैद ने बताया कि उनके पिता को पुलिस सिर्फ जांच के लिए लेकर गई है। मोहम्मद जुनैद ने बताया कि उनका परिवार पिछले 20 साल से यहां रह रहा है और नजदीक में अल फलाह यूनिवर्सिटी का मेडिकल है।
इसीलिए वो वहीं पर इलाज करवाने जाते हैं। वहीं, उन्होंने बताया कि कुछ दवाओं और मेडिकल सुविधा को लेकर डॉ मुजम्मिल से संपर्क था, इसीलिए इमामुद्दीन की डॉ मुजम्मिल की कभी कभार बात होती थी।
यूनिवर्सिटी से युवक को वापस ले जाया गया
दिल्ली जांच एजेंसी जिसको साथ में लेकर आई थी, उसको यूनिवर्सिटी से वापस लेकर गई है।ऐसा माना जा रहा है जांच के लिए इसको लेकर आया गया था।
फरीदाबाद में ट्रेन में बम मिलने की सूचना, संदिग्ध को जांचा
फरीदाबाद में स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस में बम का अलर्ट मिलने पर डॉग स्क्वायड टीम स्टेशन पहुंची। प्रयागराज कंट्रोल द्वारा ट्रेन के जनरल कोच में एक व्यक्ति के पास बम की आशंका जताई गई थी। जीआरपी, आरपीएफ व डॉग स्क्वायड ने स्टेशन पर पहुंचते ही ट्रेन को चारों ओर से घेर लिया। ये ट्रेन दिल्ली से बिहार जा रही थी। पुलिस ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस से संदिग्ध व्यक्ति को उतार लिया और उसकी तलाशी ली गई। इस व्यक्ति के पास खाने-पीने का सामान और अमरूद मिला। इसकी पहचान सुशील सैनी निवासी ग्राम बिचखाना, जिला मधुबनी, बिहार के रूप में हुई। वह फरीदाबाद की डबुआ फल मंडी में दुकान नंबर 62 पर काम करता है और रविवार को अपने गांव को जा रहा था।
दिल्ली में ब्लास्ट हुई कार का मालिक गिरफ्तार
दिल्ली ब्लास्ट केस में एनआईए ने रविवार को आतंकी उमर के साथी आमिर राशिद अली को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। इसने उमर के साथ मिलकर दिल्ली ब्लास्ट की साजिश रची थी। आई20 कार आमिर के नाम पर ही रजिस्टर्ड थी। वहीं आतंकी डॉ. उमर नबी से जुड़े कुछ लोगों को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हिरासत में लिया है। उसने पूछताछ में सामने आया है कि डॉक्टरों वाला ये व्हाइट कॉलर मॉड्यूल पिछले साल ही एक सुसाइड बॉम्बर की तलाश में था। इसका जिम्मा डॉ. उमर पर ही था। वहीं मॉड्यूल के एजेंडे को लगातार आगे बढ़ा रहा था। उमर का मानना था कि मॉड्यूल में एक सुसाइड बॉम्बर का होना जरूरी है। अधिकारियों ने बताया हिरासत में काजीगुंड का जसीर उर्फ दानिश भी है। उसके मुताबिक अक्टूबर 2023 में कुलगाम की एक मस्जिद में उसकी डॉक्टरों वाले इस टेरर मॉड्यूल से मुलाकात हुई थी। इसके बाद उसे फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी ले जाया गया,जहां किराए के कमरे में उसे रखा गया। मॉड्यूल चाहता था कि वह ओवर-ग्राउंड वर्कर बने, लेकिन उमर ने उसे कई महीनों तक सुसाइड बॉम्बर बनने के लिए ब्रेनवॉश किया। मॉड्यूल की प्लानिंग इसलिए फेल हुई क्योंकि जसीर ने आर्थिक स्थिति खराब होने और इस्लाम में आत्महत्या हराम होने का हवाला देकर सुसाइड बॉम्बर बनने से इनकार कर दिया था। दिल्ली में सुभाष मार्ग सिग्नल पर 10 नवंबर को हुए ब्लास्ट में 13 लोग मारे गए थे। 20 से ज्यादा घायलों का इलाज जारी है। 3 की हालत गंभीर है।
घटती-घटना – Ghatati-Ghatna – Online Hindi News Ambikapur घटती-घटना – Ghatati-Ghatna – Online Hindi News Ambikapur