लेकिन हादसे की गुत्थी आज भी अनसुलझी
डोंगरगढ़,20 मई 2025 (ए)। मां बम्लेश्वरी मंदिर का रोपवे हादसे के 22 दिन बाद फिर से शुरू हो गया है,लेकिन 24 अप्रैल को हुए उस हादसे की असली वजह अब भी सामने नहीं आई है। कनीकी सुधार और सुरक्षा जांच की औपचारिकताओं के बाद संचालन तो शुरू हो गया,लेकिन सबसे बड़ा सवाल अब भी हवा में झूल रहा है कि आखिर ट्रॉली पलटी क्यों? और गलती किसकी थी?
हादसे के दिन ट्रॉली में बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भरत वर्मा समेत कई श्रद्धालु सवार थे। जैसे ही ट्रॉली स्टेशन पर पहुंची,वह अचानक पलट गई। भरत वर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए और अब तक रायपुर में इलाजरत हैं। हादसे के बाद प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए रोपवे बंद किया,एफआईआर दर्ज हुई और जांच के आदेश भी जारी किए गए। लेकिन 22 दिन बीत जाने के बाद भी कोई यह बताने को तैयार नहीं है कि हादसे की असली वजह क्या थी।
तकनीकी सुधार हुए, लेकिन जवाबदेही गायब
मंदिर ट्रस्ट,रोपवे संचालक कंपनी और जिला प्रशासन सभी ने एक स्वर में कहा कि तकनीकी जांच हुई, सुधार किए गए और रोपवे अब सुरक्षित है। ट्रस्ट की मानें तो एनआईटी रायपुर और दामोदर रोपवे कंपनी की टीम ने मिलकर जांच की और जिन बिंदुओं पर खामियां मिलीं,उन्हें ठीक कर दिया गया। लेकिन जब सवाल दोषियों पर आता है,तो जवाब में सिर्फ खामोशी मिलती है। पुलिस भी अब तक सिर्फ सीसीटीवी फुटेज देखने और कर्मचारियों के बयान लेने तक ही सीमित है। कोई चार्जशीट नहीं,कोई गिरफ्तारी नहीं।
ऊपर भेज दी गई रिपोर्ट, नीचे जवाब नहीं…
वहीं एसडीएम साहब का कहना है कि रिपोर्ट ऊपर भेज दी गई है। यानि हादसे की जिम्मेदारी अब ‘ऊपरवाले’ के भरोसे छोड़ दी गई है।
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