-संवाददाता-
अम्बिकापुर,24 नवम्बर 2025
(घटती-घटना)।
महिलाओं के उत्पीडऩ के खिलाफ संघर्ष और नारी उत्थान के लिए उल्लेखनीय योगदान देने वाली समाजसेवी और अधिवक्ता शिल्पा पांडेय को माता बहादुर कलारिन राज्य अलंकरण सम्मान से नवाजा गया। इस सम्मान के बाद, उन्होंने आज स्थानीय सर्किट हाउस में एक प्रेस विमर्श का आयोजन किया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अपने संघर्ष और सफलता की कहानी साझा करते हुए सरगुजा की जनता और मीडिया के सहयोग का आभार व्यक्त किया। शिल्पा पांडेय ने कहा कि यह सम्मान सरगुजा की उस जनता को समर्पित है, जिन्होंने उनके हर अभियान को सफलता दिलाने में मदद की। उन्होंने मीडिया को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रेस ने हमेशा उनके सामाजिक कार्यों को प्रमुखता से प्रकाशित किया, जिससे उन्हें जन जागरूकता फैलाने में मदद मिली। उन्होंने राज्य सरकार और जिला प्रशासन का भी आभार व्यक्त करते हुए निष्पक्ष चुनाव के लिए धन्यवाद दिया। प्रेस से बातचीत करते हुए शिल्पा पांडेय ने बताया कि पिछले 20 वर्षों से वे महिलाओं और किशोरियों के उत्पीडऩ के खिलाफ सक्रिय रूप से जागरूकता अभियान चला रही हैं। उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करने, स्वच्छता जागरूकता, एड्स से बचाव और मानव तस्करी की शिकार महिलाओं और किशोरियों को समाज की मुख्य धारा में जोडऩे के लिए कार्य किए हैं। उन्होंने बताया कि आदिवासी बहुल क्षेत्रों में महिला स्व सहायता समूहों का गठन कर उन्हें स्वावलंबी बनाने की दिशा में भी उन्होंने कई कदम उठाए हैं। इसके अलावा, उन्होंने शहरी आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को रोजगार से जोडऩे के लिए कार्य किया है और किन्नर समुदाय के सदस्यों को समाज की मुख्य धारा में शामिल कर उन्हें आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण प्रदान किया है। शिल्पा पांडेय ने अपने द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों का विवरण देते हुए बताया कि वे विद्यालयों, महाविद्यालयों, ग्राम पंचायतों और टोलों में किशोरियों और नाबालिक लड़कियों को लैंगिक अधिकारों और बाल संरक्षण अधिनियम के बारे में जागरूक कर रही हैं।
उन्होंने मानव तस्करी का शिकार हुई महिलाओं और युवतियों को पुनर्वास की दिशा में भी निरंतर प्रेरित किया है। कार्यक्रम के दौरान, शिल्पा पांडेय ने अपने परिवार के सदस्यों से मिले पूर्ण सहयोग का भी धन्यवाद किया और उनके योगदान को विशेष रूप से सराहा। इस अवसर पर उनके पति उमेश पांडेय, माता साधना पांडेय, पिता राजकुमार पांडेय, भाई जितेंद्र पांडेय और सास लीलावती पांडेय भी उपस्थित थे।
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