
सूरजपुर-उदयपुर की सीमा बनी अवैध जुआ का अड्डा…चार दिन में 1 करोड़ की कमाई—शमशेर गैंग का खुलासा

- पार्षद, पुलिसकर्मी का भाई और बाहरी जुआरी,जंगल में बड़ा रैकेट
- क्या पुलिस तंबू लगाकर जुआ चलवा रही है? जनता के सवाल तेज
- मानी जंगल में रोजाना 40-50 जुआरी,पुलिस का ‘ज़ीरो’ एक्शन
-शमरोज खान-
सूरजपुर,16 नवम्बर 2025
(घटती-घटना)।
मानी जंगल में तंबू लगाकर बड़े पैमाने पर रोज़ाना करोड़ों के जुए का खुला खेला जा रहा है, जानकार सूत्रों की मानें तो इसमें बैकुंठपुर के एक पार्षद,सूरजपुर साइबर सेल के एक पुलिसकर्मी का भाई और बाहरी जुआरी बड़ी संख्या में शामिल बताए जा रहे हैं, इस गिरोह का संचालन शमशेर खान कर रहा है,जिसने चार दिनों में 1 करोड़ से ज्यादा राशि जीती है,यह जुआ सूरजपुर-उदयपुर थाना सीमा पर इसलिए चलाया जा रहा है ताकि दोनों थानों को चकमा दिया जा सके,स्थानीय लोगों ने पुलिस की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए उच्चस्तरीय कार्रवाई की मांग की है। बता दे की जिले के मानी जंगल में तंबू लगाकर बड़े पैमाने पर अवैध जुआ फड़ संचालित होने का गंभीर मामला सामने आया है, रोजाना 40-50 जुआरी यहां करोड़ों का दांव लगाते हैं,चार दिनों में शमशेर खान और उसकी टीम ने 1 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर ली, गिरोह में बैकुंठपुर के एक पार्षद,सूरजपुर एक पुलिसकर्मी का भाई,श्रीनगर का कुख्यात जुआरी और दो बाहरी लोग शामिल बताए जाते हैं,जुआ सूरजपुर-उदयपुर थाने की सीमा पर इसलिए चलाया जा रहा है ताकि कार्रवाई की जिम्मेदारी तय न हो सके,पूछताछ के बाद मुख्य नाम विवेक,मशहूर उर्फ छोटे खान,राजकुमार,बबलू और शमशेर प्रमुख रूप से सामने आए हैं, स्थानीय नागरिकों ने पुलिस प्रशासन की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इतनी बड़ी गतिविधि बिना संरक्षण के संभव नहीं। ग्रामीणों ने तत्काल छापा और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
स्थानीय लोगों की मांग…तत्काल छापा…मामले की उच्चस्तरीय जांच…
ग्रामीणों व स्थानीय संगठनों ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच,जुआ फड़ पर तत्काल छापा, और इसमें शामिल सभी व्यक्तियों,चाहे वे पार्षद हों,कर्मचारी हों या पुलिस परिवार के सदस्य के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
पार्षद और पुलिसकर्मी के भाई का जुआ फड़ में संचालक होना समाज के लिए दुर्भाग्यजनक : इस मामले में एक सेवानिवृत शिक्षक ने नाम नहीं छापने के शर्त पर कड़े शब्दों में कहा कि पार्षद एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि होता है वहीं किसी पुलिसकर्मी के लिए यह आवश्यक होता है कि वह अपने परिवार को कम से कम अपराध से मुक्त रखे तभी उसकी विभाग में एक बेहतर उपस्थिति होगी,निर्वाचित जनप्रतिनिधि यदि जुआ फड़ संचालित करे और वह अन्य अपराध या अवैध कार्यों से जुड़े तो यह समाज के लिए दुर्भाग्यजनक विषय है क्योंकि ऐसे व्यक्ति को समाज को दूषित करने का काम नहीं करना चाहिए यदि वह कोई जनप्रतिनिधि है।
चार दिन में 1 करोड़ से अधिक की कमाई,शमशेर और उसकी टीम की करतूत
सूत्रों के मुताबिक,इस जुआ फड़ को चलाने वाली टीम में छह लोग शामिल हैं,बैकुंठपुर का एक पार्षद, सूरजपुर साइबर सेल में पदस्थ एक पुलिसकर्मी का भाई, श्रीनगर का कुख्यात जुआरी, और दो बाहरी राज्य के जुआरी,इन सबकी अगुआई शमशेर खान कर रहा है, जिसे इस अंतरराज्यीय जुआ गिरोह का मुख्य संचालक माना जा रहा है,पिछले चार दिनों में ही इन लोगों ने जुआ खेलकर एक करोड़ से ज्यादा राशि जीत ली है।
प्रति दिन पहुंचते 40-50 जुआरी,अंतरराज्यीय नेटवर्क सक्रिय
इस फड़ में रोजाना 40-50 लोग पहुंचते हैं। कई जुआरी छत्तीसगढ़ के बाहर से भी आते हैं। जंगल के बीच तंबू लगा दिया जाता है, ताकि किसी को लोकेशन का सही पता न चल सके और दोनों थानों (सूरजपुर-उदयपुर) की सीमा का फायदा उठाकर कार्रवाई से बचा जा सके। पुलिस प्रशासन की चुप्पी पर सवाल- स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुलिस प्रशासन की चुप्पी पर गंभीर सवाल उठाए हैं लोगों का कहना है कि ‘जिले में जंगल के बीच तंबू डालकर करोड़ों का जुआ चल रहा है और पुलिस को भनक तक नहीं? या फिर पुलिस सब जानती है, लेकिन बोलती नहीं? आखिर सच्चाई क्या है? ‘
मुख्य नाम सामने आए, शमशेर खान,विवेक, मशहूर खान, राजकुमार बबलू…
जुआ संचालित करने में जिन लोगों की सबसे अधिक भूमिका बताई जा रही है,उनमें विवेक, शमशेर खान,मशहूर,राजकुमार और बबलू के नाम प्रमुख रूप से सामने आए हैं,स्थानीय सूत्रों के अनुसार,यह पूरी टीम वर्षों से विभिन्न जंगलों और सीमावर्ती इलाकों में ऐसे ही बड़े जुआ फड़ चलाती रही है।
पुलिसकर्मी का भाई टीम में…क्या यह रिश्ता सुरक्षा कवच है?
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस गिरोह में सूरजपुर साइबर सेल में पदस्थ एक पुलिसकर्मी का भाई भी शामिल बताया जा रहा है। सवाल यह है कि क्या इसी ‘खास रिश्ते’ के कारण पुलिस की पूरी व्यवस्था चुप है? क्या यह जुआ फड़ पुलिस सुरक्षा में ही चल रहा है?
हज करके लौटे एक संचालक ने की थी घोषणा जुआ उसके लिए है हराम,फिर भी चला रहा फड़ःसूत्र
सूत्रों की माने तो एक फड़ संचालक ऐसा भी है जो हज करके लौटा है,सूत्रों का कहना है यह व्यक्ति पहले भी फड़ संचालित करता था और हज से लौटकर इसने जुआ हराम है कहकर जुआ फड़ से दूर होने की बात कही थी,बताया जा रहा है कि वह पुनः जुआ फड़ संचालित कर रहा है।
क्या पुलिस संरक्षक? या कार्रवाई से पहले ‘सेटिंग’?
- क्या पुलिस को इसकी जानकारी नहीं?
- क्या पुलिस जानकर अनदेखी कर रही है?
- क्या जुआ संचालकों और पुलिसकर्मियों के बीच कोई गुप्त सांठगांठ है?
- क्या सीमा विवाद को ढाल बनाकर यह नेटवर्क बेखौफ संचालित हो रहा है?
घटती-घटना – Ghatati-Ghatna – Online Hindi News Ambikapur घटती-घटना – Ghatati-Ghatna – Online Hindi News Ambikapur