–संवाददाता-
अम्बिकापुर,25 अक्टूबर 2025 (घटती-घटना)। शहर के शिवसागर बांध में करीब 500 फिट लंबे पैलेस छठ घाट के प्रथम चरण का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। इस वर्ष शिवरात्रि में पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने इसकी आधारशिला रखी थी। छठ पर्व के पूर्व उन्होंने यह सौगात शहरवासियों को सौंप दी है। गौरतलब हो कि शिवसागर बांध सरगुजा राजपरिवार की सम्पत्ती है। छठपर्व में श्रद्धा के कारण राजपरिवार ने पहल कर इस घाट का निर्माण कराया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि घाट निर्माण का उद्देश्य छठ पूजा के साथ ही साथ शिवसागर बांध का सौंदर्यीकरण भी है। पैलेस छठघाट के प्रथम चरण के बन जाने के बाद इस क्षेत्र में बडी संख्या में निवासरत् लोगों को छठ पर्व के लिये पडोस में सुव्यवस्थित घाट प्राप्त हो जायेगा। अगामी छठ पूजा तक घाट का विस्तार कर इसे करीब 1000 फिट लंबा बनाया जायेगा। इस वर्ष शिवसागर बांध के घाट पर करीब 500 छठव्रतियों के लिये व्यवस्था बनाई गई है, जिसमें से 400 घाटखण्डों को छठव्रतियों ने आरक्षित भी करा लिया है। पूर्व वर्ष की भांति इस वर्ष भी घाट पर व्यवस्था की जवाबदेही पैलेस घाट सेवा समिति की होगी। शिवसागर बांध पर छठ पर्व के आयोजन को व्यवस्थित करने के लिये विगत वर्ष पैलेस घाट सेवा समिति का गठन कर उसे व्यवस्था की जवाबदेही सौंपी गयी थी। इस समिति के मुख्य संरक्षक पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव हैं। अरुणेश्वर शरण सिंहदेव, आदित्येश्वर शरण सिंहदेव, बालकृष्ण पाठक एवं भार्गवेन्द्र सिंह इस समीती के संरक्षक हैं। चंद्रप्रकाश सिंह को पैलेस घाट सेवा समिती का अध्यक्ष नामित किया गया था। 25 सदस्यीय इस समिति में भाजपा के स्थानीय पार्षद दीपक सिंह तोमर एवं सिंधु सोनी भी सदस्य है। समिती द्वारा घाट पर प्रकाश व्यवस्था, चेंजिंग रुम, र्पçार्कग व्यवस्था को भी अंतिम रुप दे दिया गया है। समिती अपनी ओर से सभी छठव्रतियों को प्रसाद के रुप में विभिन्न प्रकार के फल के साथ ही अर्ध्य के लिए कच्चा दूध और हवन के लिए आम की लकड़ी के वितरण की व्यवस्था की गई है। इस पूरी व्यवस्था के कार्यान्वयन में शैलेंद्र प्रताप सिंह, आतिश शुक्ला, तृप्तराज धंजल, प्रमोद चौधरी, आलोक सिंह, गुरुप्रीत सिद्धू, अमरजीत अग्रवाल, दिनेश शर्मा, जीवन यादव, अमित सिंह, शुभेंदु घोष, रोशन कन्नौजिया, नितेश सिंह, मुन्ना पांडेय , तीरथ चौधरी, नीलकंठ सोनवानी सहित समिति के सभी सदस्य सक्रिय रूप से दिनरात लगे हुए हैं।
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