पाकिस्तान ने मध्य-दक्षिणी एयरस्पेस 2 दिन के लिए बंद किया…इसे भारत के सैन्य अभ्यास ‘त्रिशूल’ से जोड़ा जा रहा…
नई दिल्ली,25 अक्टूबर 2025। पाकिस्तान ने भारत के सैन्य अभ्यास ‘त्रिशूल’ के पहले मध्य और दक्षिणी हवाई क्षेत्र को 28 और 29 अक्टूबर को बंद करने का फैसला किया। शनिवार को जारी नोटिस टू एयरमैन के अनुसार,दो दिन हवाई मार्ग उपलब्ध नहीं रहेंगे और उड़ानों पर रोक रहेगी। हालांकि,पाकिस्तान ने इस कदम के पीछे कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह किसी सैन्य अभ्यास या हथियार परीक्षण से जुड़ा हो सकता है। वहीं, जानकार इसे सैन्य अभ्यास ‘त्रिशूल’ से जोड़कर देख रहे हैं। यह अभ्यास सर क्रीक के पास,यानी पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाके में होगा। रक्षा विश्लेषक डेमियन सायमोन ने सैटेलाइट तस्वीरों के हवाले से बताया कि इस अभ्यास का दायरा 28 हजार फीट ऊंचाई तक फैला होगा। जो हाल के वर्षों में सबसे बड़े सैन्य अभियानों में से एक है।
पाकिस्तान बॉर्डर पर जुटेंगे 30 हजार सैनिक
राजस्थान में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर 12 दिन अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास होगा। आर्मी,एयरफोर्स और नौसेना के 30 हजार जवान थार में जॉइंट एक्सरसाइज करेंगें। एक्सरसाइज की शुरुआत 30 अक्टूबर से होगी,जो 10 नवंबर तक चलेगी। इस युद्धाभ्यास के दौरान बॉर्डर कुछ एरिया में कॉमर्शियल फ्लाइट्स के रूट में बदलाव भी हो सकता है। एक्सरसाइज जैसलमेर के एरिया से लेकर गुजरात के सर क्रीक इलाके तक होगी। हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात दौरे के दौरान सर क्रीक सीमा विवाद की चर्चा की थी इसके जरिए पश्चिमी एयर कॉरिडोर में उड़ानों के लिए चेतावनी दी गई है। इस दौरान कॉमर्शियल फ्लाइट के लिए इस एरिया के रूट में बदलाव हो सकता है।
ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के बाद सतर्कता
बढ़ी,ड्रोन हमलों पर फोकस
हाल ही में पश्चिमी सीमा पर हुए ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान की ओर से ड्रोन गतिविधियों और घुसपैठ की कोशिशें बढ़ी हैं। इसलिए इस एक्सरसाइज में विशेष रूप से काउंटर-ड्रोन सिस्टम,संचार बाधा (जैमिंग) और ऑटोमैटिक स्पेक्ट्रम मॉनिटरिंग सिस्टम जैसी मॉडर्न तकनीकों का परीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा वायुसेना प्रिसिशन स्ट्राइक,एयर डिफेंस इंटरसेप्शन और मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस पर विशेष ध्यान देगी।
तीनों सेनाएं नई तकनीक
और युद्ध प्रणाली परखेंगी
तीनों सेनाएं एक साथ तालमेल स्थापित कर यूनिफाइड ऑपरेशन,डीप स्ट्राइक और मल्टी-डोमेन वॉरफेयर का अभ्यास करेंगी। इस दौरान भारतीय सेना अपने कई नए स्वदेशी हथियारों और हाईटेक सिस्टमों की टेस्टिंग भी करेगी। इनमें टी-90 एस और अर्जुन टैंक,हॉवित्जर तोपें,अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर,हेवी लिफ्ट हेलिकॉप्टर शामिल होंगे। यह अभ्यास जैसलमेर से शुरू होकर कच्छ तक होगा। कच्छ का इलाका समुद्र के पास है, इसलिए वायुसेना और नेवी के विशेष विमान इस इलाके में मिलकर काम करेंगी। अभ्यास के दौरान ड्रोन,सटीक-निर्देशित मिसाइलें,लोइटर म्यूनिशन और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम की क्षमताओं का परीक्षण किया जाएगा। यह अभ्यास दक्षिण-पश्चिमी वायुसेना कमान की रेडिनेस और कोऑर्डिनेशन को परखने का भी बड़ा मंच बनेगा।
चीन सीमा विवाद के बीच रणनीतिक संदेश
यह अभ्यास सिर्फ पश्चिमी मोर्चे तक सीमित नहीं है,बल्कि इसका रणनीतिक संदेश पूर्वी सीमा की ओर भी है। पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच भारत यह दिखाना चाहता है कि वह दोनों मोर्चों पर एकसाथ संचालन करने में सक्षम है। ‘महागुजराज’ इस दृष्टि से रणनीतिक गहराई और परिचालन तत्परता को सशक्त करने वाला अभ्यास माना जा रहा है। अभ्यास के दौरान यूएवी (ड्रोन),सटीक-निर्देशित मिसाइलें,लोइटर म्यूनिशन और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम की क्षमताओं का परीक्षण किया जाएगा। यह अभ्यास दक्षिण-पश्चिमी वायुसेना कमान की रेडिनेस और कोऑर्डिनेशन को परखने का भी बड़ा मंच बनेगा।
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