-संवाददाता-
अम्बिकापुर,25 अक्टूबर 2025 (घटती-घटना)। शहर की सडकों की स्थिति दिनों-दिन और भी खराब होती जा रही है। बड़े-बड़े गड्ढों से सजी यह सडके न केवल वाहन चालकों के लिए,बल्कि पैदल चलने वालों के लिए भी खतरे का कारण बन चुकी हैं। इन जर्जर सडकों पर उड़ती धूल से जहां एक ओर स्थानीय लोग परेशान हैं,वहीं अब छठ पूजा के समय श्रद्धालुओं को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इस पर्व की आस्था से जुड़ी कठिन तपस्या के बीच यह सडकें व्रतियों के लिए एक असहन्य चुनौती बन चुकी हैं। छठ पूजा,जो कि एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है, इस बार शनिवार से शुरू हो चुका है। चार दिवसीय इस महापर्व के दौरान व्रति कठिन साधना और तपस्या करते हैं। रविवार को घाटबन्धन की प्रक्रिया के बाद श्रद्धालु शहर के विभिन्न घाटों की ओर प्रस्थान करेंगे। इन घाटों तक पहुंचने के लिए उन्हें जर्जर और गड्ढों से भरी सडकों का सामना करना होगा। यह सडके न केवल वाहन चलाने के लिए, बल्कि पैदल चलने के लिए भी असुविधाजनक बन चुकी हैं,जिससे श्रद्धालुओं का यात्रा करना एक संघर्ष बन चुका है। विशेष रूप से शहर का काली मंदिर से शंकर घाट तक का मार्ग बेहद खराब स्थिति में है। यह मार्ग प्रतिदिन हजारों लोगों के लिए आवाजाही का मुख्य रास्ता है। खासकर छठ पूजा के दौरान यह मार्ग और भी व्यस्त हो जाता है,जब व्रति दंडवत करते हुए अपने धार्मिक कर्तव्यों को निभाने के लिए घाट तक पहुंचने की कोशिश करते हैं। लेकिन इस रास्ते पर मौजूद गड्ढों और धूल के कारण उनकी यात्रा बेहद कठिन हो जाती है। इन रास्तों पर चलने से व्रति अपनी श्रद्धा और आस्था के साथ ही शारीरिक कठिनाईयों का भी सामना करते हैं।
स्थानीय निवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस मार्ग की खराब स्थिति को लेकर प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि कम से कम छठ पूजा के दौरान इस मार्ग पर गड्ढों भरने की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अपने धार्मिक कर्तव्यों को निभा सकें। इसके अलावा,सडक की सफाई और मरम्मत की तत्काल आवश्यकता है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। शनिवार को शंकर घाट के पास आयोजित एक अनोखे प्रदर्शन में सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय निवासियों ने इस समस्या को उजागर किया। प्रदर्शनकारियों ने शहर की खराब सडकों के मुद्दे को उठाया और प्रशासन की उपेक्षा का विरोध किया। प्रदर्शन में भाग लेने वालों का कहना था कि बरसात के बाद सडकों के मरम्मत का वादा किया गया था,लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि यह समस्या सिर्फ सडकों के मरम्मत का नहीं,बल्कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनकी धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि छठ पूजा के दौरान जब व्रति दंडवत करते हुए घाटों की ओर बढ़ेंगे, तो जर्जर सडकों पर उनका संघर्ष और भी बढ़ जाएगा। कई स्थानों पर सडकों पर गड्ढे इतने बड़े हो गए हैं कि इनमें फंसने का खतरा बना रहता है। इसके साथ ही धूल की समस्या भी लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन रही है। खासकर सांस की समस्या से पीडि़त लोग और छोटे बच्चे इस धूल के कारण परेशान हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन छठ पूजा के दौरान इस मार्ग की मरम्मत कर देता,तो श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान कोई परेशानी नहीं होती। वे अपनी पूजा और तपस्या को पूरी श्रद्धा से कर सकते थे। इसके अलावा,शहर के अन्य प्रमुख मार्गों की हालत भी ठीक करने की आवश्यकता है,ताकि आने वाले दिनों में न केवल छठ पूजा के दौरान, बल्कि रोजाना के समय में भी लोग बिना किसी परेशानी के यात्रा कर सकें। अम्बिकापुर के निवासी और श्रद्धालु अब यह उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से लेगा और जल्दी से जल्दी सडकों की मरम्मत कराएगा। क्योंकि यह सिर्फ सडकों की स्थिति का सवाल नहीं है, बल्कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनकी धार्मिक भावनाओं का भी मामला है।
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