बर्लिन,24 अक्टूबर 2025। कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्टर पीयूष गोयल ने भारत और अमेरिका ट्रेड डील को लेकर शुक्रवार को कहा कि भारत जल्दबाजी में सौदे और सिर पर बंदूक रखकर डील नहीं करता है। जर्मनी में बर्लिन डायलॉग में उन्होंने कहा कि भारत यूरोपीय संघ और अमेरिका समेत देशों और क्षेत्रों के साथ ट्रेड डील पर बातचीत कर रहा है। गोयल ने कहा कि किसी भी ट्रेड डील को लॉन्ग टर्म नजरिए से देखा जाना चाहिए। भारत कभी भी जल्दबाजी में या किसी आवेश में आकर फैसला नहीं करता है। हाई टैरिफ से निपटने के लिए भारत नए मार्केट की तलाश भी कर रहा है। अपनी शर्तों पर डील करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ट्रेड डील हमेशा लॉन्ग टर्म नजरिए से की जाती है। यह सिर्फ टैरिफ या सामान और सर्विस तक पहुंच के बारे में नहीं है, यह भरोसे और रिश्ते के बारे में भी है। लंबे समय के लिए ट्रेड डील सिर्फ टैरिफ से कहीं ज्यादा होती हैं और हम सिर्फ आज के मुद्दों और टैरिफ पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा- भारत हमेशा राष्ट्रीय हित के आधार पर ही फैसले करता है कि उसके मित्र कौन होंगे अगर कोई कहे कि आप यूरोपीय संघ के दोस्त नहीं रह सकते या केन्या के साथ काम नहीं कर सकते,तो मैं यह मंजूर नहीं करूंगा। उन्होंने कहा- मैं आज के अखबार में पढ़ रहा था,जर्मनी तेल पर यूएस के बैन से छूट मांग रहा है। यूके ने पहले ही यूएस से तेल खरीदने की छूट ले ली है या शायद उसे मिल भी गई है तो फिर सिर्फ भारत को ही क्यों चुना जा रहा है। यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका भारत पर रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद करने का दबाव बना रहा है। यूएस ने 22 अक्टूबर को रूस के दो सबसे बड़े कच्चे तेल प्रोड्यूसर,रोसनेफ्ट और लुकोइल पर बैन लगा दिए थे और सभी अमेरिकी कंपनियों और लोगों को उनके साथ बिजनेस करने से रोक दिया था। यूएस ने रूस से तेल खरीदने पर पेनल्टी के तौर पर भारत पर 25′ टैरिफ लगाया है। यह अमेरिकी बाजारों में आने वाले भारतीय सामान पर लगने वाले 25′ के आपसी टैरिफ के अलावा है। कुल मिलाकर,यूएस में भारतीय सामान पर 50 परसेंट की ज्यादा इम्पोर्ट ड्यूटी लग रही है। केंद्र सरकार ने इन ड्यूटी को गलत और बेबुनियाद बताया है।
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