नई दिल्ली,23 अक्टूबर 2025। भारतीय नौसेना की द्विवार्षिक कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिये भारत ने संदेश दिया कि हम हर चुनौती का जवाब देने के लिए हमेशा तैयार हैं। उन्होंने इस ऑपरेशन को भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति और क्षमता का प्रतीक बताते हुए पाकिस्तान को बंदरगाह या उसके तट तक ही सीमित रखने के लिए भारतीय नौसेना की भूमिका को सराहा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया ने इस ऑपरेशन के दौरान नौसेना की परिचालन तत्परता,पेशेवर क्षमता और ताकत देखी। वर्तमान युद्ध को तकनीक और खुफिया जानकारी पर आधारित बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि समुद्री तैयारी अब केवल जहाजों या पनडुब्बियों तक सीमित नहीं,बल्कि यह तकनीक-संचालित, नेटवर्क-केंद्रित और स्वायत्त प्रणालियों पर आधारित है। हमें इन क्षेत्रों में अपनी क्षमताओं को बढ़ाते हुए अपने विरोधियों की आधुनिक तकनीकों से खुद को सुरक्षित रखने की आवश्यकता है। हमारे पास क्षमता और योग्यताएं हैं। हम अपने उपकरण अपनी धरती पर ही बना रहे हैं। रक्षा मंत्री ने इस बात की सराहना की कि आत्मनिर्भर भारत के तहत भारतीय नौसेना न केवल रक्षा उत्पादन में लगी हुई है,बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि आज हमारी नौसेना देश की आत्मनिर्भरता, नवाचार और औद्योगिक विकास में अग्रणी बन गई है। भारतीय नौसेना के द्विवार्षिक कमांडरों के सम्मेलन का दूसरा संस्करण नौसेना प्रमुख के उद्घाटन भाषण के साथ बुधवार को शुरू हुआ। नौसेना प्रमुख ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रदर्शित परिचालन उत्कृष्टता और युद्ध तत्परता सुनिश्चित करने के लिए टीम नौसेना के सामूहिक समर्पण, व्यावसायिकता और निरंतर प्रतिबद्धता की सराहना की,जो हमारे राष्ट्र के लिए गौरव का स्रोत है। भारतीय नौसेना के उपयोगकर्ताओं के लिए जेम हैंडबुक का तीसरा संस्करण नौसेना कमांडरों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के दौरान नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने जारी किया। यह तीसरा संस्करण सार्वजनिक खरीद के लिए पोर्टल की विकसित होती कार्यक्षमताओं और बेहतर उपयोग के साथ तालमेल बनाए रखने के हमारे निरंतर प्रयास का प्रतीक है। मौजूदा भू-रणनीतिक परिवेश पर प्रकाश डालते हुए नौसेना प्रमुख ने क्षेत्र में बेहतर तैयारी, अनुकूलनशीलता और सक्रिय भागीदारी के माध्यम से राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा में नौसेना की भूमिका को रेखांकित किया। भारतीय नौसेना की एक युद्ध-तैयार बल के रूप में स्थिति की पुष्टि करते हुए नौसेना प्रमुख ने कई सफल परिचालन तैनाती और संयुक्त अभियानों के निर्बाध निष्पादन की सराहना की। उन्होंने महत्वपूर्ण क्षमता वृद्धि और खरीद का उल्लेख किया,जिसने नौसेना की परिचालन क्षमता को और मजबूत किया है। हिंद महासागर क्षेत्र में पसंदीदा सुरक्षा भागीदार के रूप में नौसेना की भूमिका पर ज़ोर देते हुए नौसेना प्रमुख ने महासागर के व्यापक दृष्टिकोण के तहत आईओएस सागर की तैनाती और एआईकेवाईएमई के संचालन जैसी पहलों पर प्रकाश डाला। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने भारतीय नौसेना के कमांडरों के सम्मेलन के पहले दिन नौसेना कमांडरों को संबोधित किया। उन्होंने हिंद महासागर क्षेत्र में चुनौतियों से निपटने में नौसेना की प्रमुख भूमिका की सराहना की और तालमेल,संयुक्त योजना और संचालन के एकीकृत निष्पादन के महत्व पर बल दिया।
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