नई दिल्ली,19 अक्टूबर 2025। लगातार 3 महीने से घरेलू शेयर बाजार में बिकवाल (सेलर) की भूमिका निभा रहे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपी आई) अब खरीदार (बायर) की भूमिका में नजर आने लगे हैं। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने घरेलू शेयर बाजार में अभी तक शुद्ध रूप से 6,480 करोड़ रुपये का निवेश किया है। शेयर बाजार की तरह घरेलू बॉन्ड बाजार में भी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने पूरे उत्साह के साथ निवेश किया है। इस महीने 17 अक्टूबर तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक बॉन्ड बाजार में जनरल लिमिट के तहत 5,332 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके थे। इसके अलावा उन्होंने वॉलंटरी रिटेंशन रूट के जरिए भी 214 करोड़ रुपये का निवेश किया है। अक्टूबर के पहले के लगातार 3 महीने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक घरेलू शेयर बाजार में बिकवाल की भूमिका निभा रहे थे। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने घरेलू शेयर बाजार से अक्टूबर के पहले सितंबर के महीने में 23,850 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी। इसी तरह अगस्त के महीने में एफपीआई ने 34,990 करोड़ रुपये और जुलाई के महीने में 17,700 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी। साल 2025 की बात करें, तो जनवरी से अभी तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक घरेलू शेयर बाजार से लगभग 1.50 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैश्विक स्तर पर छाई अनिश्चितता के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा घरेलू शेयर बाजार में नए सिरे से निवेश करने की बात को बाजार के सेंटीमेंट में हो रहे बड़े बदलाव का संकेत माना जा सकता है। घरेलू शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की वापसी वैश्विक स्तर पर भारतीय बाजार के प्रति लगातार बढ़ रहे विश्वास को भी दर्शाता है। धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी के अनुसार भारत में जिस तरह से विकास दर की रफ्तार बनी हुई है और महंगाई पर काबू पाने में सफलता हासिल की गई है, उससे भारतीय बाजार के प्रति विदेशी निवेशकों में भरोसा बढ़ा है। इसी तरह खुराना सिक्योरिटीज एंड फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ रवि चंदर खुराना का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती के साथ ही जिस तरह से वैश्विक स्तर पर लिमि्डिटी की स्थिति में सुधार हो रहा है, उससे भी विदेशी निवेशकों का उत्साह बढ़ा है। खासकर, अमेरिका में ब्याज दरों में एक बार फिर कटौती होने का संकेत मिलने के बाद से विदेशी निवेशक भारत जैसे हाई रिटर्न वाले बाजारों में अपना निवेश बढ़ाने लगे हैं। इसके अलावा कुछ समय पहले तक दबाव में नजर आ रही भारतीय कंपनियों के शेयरों की वैल्यूएशन अब करेक्शन के बाद आकर्षक हो गई है। इस वजह से भी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की रुचि भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने को लेकर बढ़ गई है।
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