अम्बिकापुर,18 अक्टूबर 2025 (घटती-घटना)। साईबर अपराध के स्वरूप में निरंतर परिवर्तन होने एवं घटनाओं के रोकथाम हेतु माह अक्टूबर 2025 को राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह के रूप में मनाते हुए राष्ट्रव्यापी साइबर जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किये जाने का निर्देश प्राप्त हुआ है,इसी क्रम मे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सरगुजा श्री राजेश कुमार अग्रवाल (भा.पु.से.) के गरिमामयी उपस्थिति मे शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अंबिकापुर मे साइबर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया,आयोजन मे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ढिल्लों एवं नगर पुलिस अधीक्षक राहुल बंसल (भा.पु.से.) द्वारा छात्र छात्राओं को जागरूक करने हेतु विभिन्न प्रकार के साइबर ठगी एवं उनके रोकथाम पर चर्चा कर आवश्यक जानकारी प्रदान किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सरगुजा राजेश कुमार अग्रवाल (भा.पु.से.) ने कहा कि समय समय पर सरगुजा पुलिस द्वारा छात्र छात्राओं एवं नागरिको कों जागरूक करने विभिन्न तरीके के उपयोगी जानकारियों से अवगत कराया जाता है, साइबर अपराध की घटनाओ मे कमी लाने लोगो कों अलर्ट रहने की अवश्यकता है,ठगों द्वारा लोगो को कई प्रकार के झांसे देकर साइबर ठगी की घटना कारित की जा रही हैं,नागरिकों की थोड़ी से सावधानी ऐसे साइबर अपराधों से बचाव मे सहायक सिद्ध हो सकती है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सरगुजा ने पीआएलआईसीई द्मद्ग4 2शह्म्स्र के बारे मे विस्तार पूर्वक छात्र छात्राओं को जानकारी प्रदान की जिसमे बताया गया कि-
पी फॉर पासवर्ड :- आज की डिजिटल दुनिया में,पासवर्ड हमारी ऑनलाइन सुरक्षा की पहली और सबसे महत्वपूर्ण कुंजी है। यह आपके ईमेल, सोशल मीडिया, बैंकिंग ऐप्स और अन्य ऑनलाइन खातों तक पहुंचने का एकमात्र तरीका है। साइबर जागरूकता का मतलब है कि आप पासवर्ड के महत्व को समझें और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए सही कदम उठाएं।
ओ फॉर ओटीपी :- ओटीपी आपके लिए एक शक्तिशाली सुरक्षा उपकरण है, लेकिन आपको इसे सुरक्षित रखने के लिए जागरूक रहना होगा।
ओटीपी कभी साझा न करें : यह सबसे महत्वपूर्ण नियम है।अपना आभ्पी किसी के साथ साझा न करें,भले ही वह आपसे बैंक का कर्मचारी,पुलिस अधिकारी या कोई रिश्तेदार होने का दावा करे। कोई भी वैध संस्था आपसे फोन या ईमेल पर आपका आटीपी कभी नहीं मांगेगी।
एल फॉर लिंक :- अनजान लिंक पर क्लिक न करें यदि आपको किसी ऐसे ईमेल या एसएमएस में ओटीपी प्राप्त होता है जिसमें एक लिंक भी हो,तो उस लिंक पर क्लिक न करें। धोखेबाज अक्सर आपको नकली वेबसाइटों पर ले जाने के लिए ऐसा करते हैं,जहां वे आपके क्रेडेंशियल चुरा सकते हैं।
ई फॉर इमरजेंसीः- आमनागरिक ऑनलाइन ठगी और बैंकिंग संबंधी फ्रॉड होने पर तुरंत बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर 1930 पर शिकायत करें, साथ ही नजदीकी पुलिस स्टेशन अथवा साइबर सेल से संपर्क करें,जल्दी सूचना प्राप्त होने पर पुलिस टीम द्वारा पीडि़त कों तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जा सकती है,कई साइबर ठगी की घटनाओ मे त्वरित रिपोर्ट पर प्रभावीं कार्यवाही की जाकर राहत प्रदान की गई है,साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सरगुजा द्वारा साइबर सम्बन्धी मामलो मे एलके सोचे और कार्यवाही करें के स्लोगन को चिंतन कर ध्यान रखने अमल मे लाने एवं अपने परिजनों को बताकर जागरूक करने की समझाइस दी गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरगुजा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि साइबर क्राइम 02 शब्दों से मिलकर बना है पहला साइबर और दूसरा क्राइम, जिसमे मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से होने वाले अपराध मुख्य होते है,ठगी करने वाला व्यक्ति कई किलोमीटर दूर रहकर आपको किसी बहाने से झांसे मे लेकर ओटीपी प्राप्त कर आपके मोबाइल को कंट्रोल कर सकता है, खाते से एलपये की ठगी कारित कर सकता है,सोशल मीडिया से भी कई प्रकार के अपराध घटित हो रहे है,फेक प्रोफाइल,सैक्स्टॉर्शन जैसे मामलो मे नागरिकों को एवं छात्र-छात्राओं को जागरूक रहने की आवश्यकता है,सरगुजा पुलिस द्वारा जागरूकता लाने हेतु ऐसे कार्यक्रम लगातार आयोजित किये जा रहे है। नगर पुलिस अधीक्षक अंबिकापुर ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान परिदृश्य में कई प्रकार के साइबर फ्रॉड हो रहे हैं सबसे पहले तो सबको यह जानना जरूरी है कि यह साइबर फ्रॉड कैसे हो रहे हैं और इनसे कैसे बचा जा सकता है,लगभग सभी घरों मे लोगो के पास मोबाइल मौजूद है, और सभी घरों मे माता पिता या परिजनों का बैंक खाता अवश्य रहता है और लगभग सभी व्यक्तियों का मोबाइल नंबर उनके बैंक खाता से लिंक होता है और मोबाइल के माध्यम से बैंक खाता को ऑपरेट किया जाता है,ऑनलाइन माध्यम से जब चाहे और जिसे चाहे उसे ऑनलाइन पेमेंट किया जा सकता है, अब ऐसी कई टेक्नोलॉजी आ गई है जिसकी जानकारी सभी को पूर्ण रूप से पता नहीं रहती है वर्तमान समय मे बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग का शौक होता है,ऑनलाइन गेमिंग खेलते वक्त अनजाने में कई ऐसे लिंक क्लिक हो जाते हैं जिससे नासमझी में खाते से पैसे कट जाता है ऐसी स्थिति में सबसे पहले कहां संपर्क किया जाए और किसी घटना की जानकारी दी जाए यह सबसे पहली व्यथा होती है,इस स्थिति में आमनागरिक साइबर सम्बन्धी हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क कर साइबर सम्बन्धी परेशानियों को दर्ज कराये अन्य किसी प्रकार की समस्या या परेशानी में डायल 112 एक्के नंबर सब्बो बार का उपयोग करें,इस कार्यक्रम से प्राप्त जानकारी को छात्र-छात्राएं अपने माता-पिता एवं परिजनों को जाकर बताये और उन्हें भी यह जानकारी प्रदान कर जागरूक करें,सभी नागरिकों छात्र-छात्राओं एवं निकट परिजनों को सतर्क करना है किसी भी प्रकार की साइबर संबंधी फ्रॉड हो तो तत्काल नजदीकी पुलिस स्टेशन पर संपर्क कर घटना की सूचना और रिपोर्ट दर्ज कराये। कार्यक्रम में शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अंबिकापुर से श्रीमती सुनीता दास, तथा शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से व्याख्याता शैलेंद्र सिंह सेंगर,रीना रानी सहाय,एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी प्रकाश एक्का, व्याख्याता संतोष साहू, दीपक जैन सहित अन्य शिक्षकगण एवं साइबर सेल से आरक्षक विशेषज्ञ अनुज जायसवाल, पुलिस मितान एवं साइबर वॉलेंटियर टीम के सदस्य अतुल गुप्ता,विक्की गुप्ता,श्रुति तिवारी,अनमोल बारी एवं करीब 900 छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
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