10 अक्टूबर,जन्म दिन पर विशेष
स्वभाव से मृदुभाषी ,मिलनसार लाल जी को लगभग सभी साहित्य जगत के लोग न सिर्फ जानते हैं बल्कि बखूबी पहचानते भी है। अपनी कड़ी मेहनत और इच्छाशक्ति के बल पर उन्होंने आज अपने लिए ऐसा मुकाम बनाया है, जहाँ तक पहुंच पाना हर लेखक का सपना होता है।
10 अक्टूबर सन 1974 में बिहार प्रान्त के छपरा जिला में जन्मे लाल जी की रूचि शुरू से साहित्य में थी। अध्ययन काल में ही उन्हें हिन्दी से विशेष लगाव था, यही कारण था कि उन्होंने आगे चलकर हिन्दी भाषा से ही एम. ए. किया। हिन्दी और भोजपुरी भाषा में अनेक रचनाएं लिखने के कारण इन्हें बहुत से सम्मान भी प्राप्त हो चुके हैं।
साहित्य जगत में काफी नाम कमाने के पश्चात आदरणीय बिहारी सर वर्तमान में कई पत्र पत्रिकाओं के सम्पादक एवं उप सम्पादक के रुप में कार्य कर रहे हैं। साहित्य टी.वी. के संपादक का दायित्व भी संभाले हुए हैं।एक अनुभवी साहित्यकार होने के बावजूद इनके स्वभाव में जरा सा भी अहंता का भाव नजर नही आता है वरन ये सर नवागन्तुक साहित्यकारों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते है, उन्हें प्रोत्साहित करते हैं और उनका हौसला बढ़ाते हैं।
परम् आदरणीय सर, आज आपके जन्मदिवस पर केवल इतना कहना चाहूंगी कि आपके जैसे इंसान ही राष्ट्र को बदलने की क्षमता रखते हैं एवं नयी पीढ़ी के लिए प्रेरणा बनते हैं। आपके समाजोपयोगी नेक कार्य सदैव अनवरत चलते रहें। जन्मदिन की अनन्त शुभकामनाओ के साथ…
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