किसी पेपर में दो रोटी के बदले जिस्म का सौदा पढ़ा जो गाज़ा में हालत को लेकर था जहाँ खाने पीने की मानवीय संकट पैदा हो गई है अरब में इजराइल को छोड़ कर सारे तो मुस्लिम देश ही हैं उन्हें मदद करनी चाहिए बगल में मिस्र देश का राफा बॉर्डर है वहाँ उसे इतने गहरे मानवीय संकट में अपना बॉडर खोल देना चाहिए और गाजा में बचे हुए मुस्लिम की आबादी 10-12 तक ही हो सकती है और फिर उससे सटे इराक सीरिया और सऊदी अरब है उसे मदद करनी चाहिए देखिए जब इजराइल पर आतंकी हमले हुए तो गाज़ा के लोगों को इसका विरोध करना चाहिए और हमास जैसी आतंकवादी संघठन को उखाड़ फेकना चाहिए और मिल जुल कर रहना चाहिए लेकिन हमास ने सपने में भी नहीं सोचा होगा की इजराइल अपने बंधको की चिंता से ज्यादा देश की चिंता करेगा और पुरे गाज़ा को मिट्टी में मिला देगा इजराइल में भी करीब 99 लाख के आस पास है और पुरे मिडिल ईस्ट में कहीं भी किसी को मार देता है गाज़ा के लोगों ने यदि आतंकी सरकार को नहीं चुना होता तो आज ऐ हाल ना होता और मान लीजिये यह हो भी गया तो आस पास के मुस्लिम देशों को मदद करनी चाहिए नेपाल में जब एक आतंकी सरकार नहीं थी विचार में जनता को मतभेद हुआ और उखाड़ कर फेंक दिया और जहाँ आबादी कम होती है वहाँ सरकार को उखाड़ फेकना आसान होता है आतंकवादी ने छुपने के लिए आम घरों स्कूल और यहाँ तक की मस्जिद में अपना ठिकाना बनाया और इसी क्रम में निर्दोष लोग मारे गए वहाँ फिलिस्तीन की बस्ती जरूर है लेकिन शासन हमास जैसे आतंकी संगठन का है और अभी भी इजराइल के सैनिकों को निशाना बना रहा है लेकिन इजराइल ऐ नहीं कहता की हमारे इतने सैनिक मारे गए हैं इजराइल का शुरू से इतिहास रहा है आतंकवादी को चुन चुन कर मारना अतः वहाँ की सरकार को आतंकी ना होकर आपस में मिलजुल कर रहना चाहिए जब आतंकी घटना होती है तो बदले की भावना भी होती है जिसमें आम नागरिक भी पीस जाते हैं इसलिए भारत में जब ऑपरेशन सिंदूर हुआ तो पाकिस्तान का पानी बन्द हुआ तो इसमें आम जनता भी होगी ऑपरेशन सिंदूर तो दूर की बात है इसलिए,आज दुनिया के सभी लोगों के लिए इस धरती पर दिव्य जीवन के लिए अहिंसक जीवन जीने की कला को अपनाना आवश्यक है। भले ही दुनिया के सभी विश्व परम अहिंसा के कारण पर जुटे हों,फिर भी हर साल विश्व स्तर पर सभी दुनिया अहिंसा के मार्ग पर एक दुनिया से दूसरी दुनिया में बदल गई है। केंद्र से केंद्र की ओर बढ़ने की आवश्यकता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है ऐ देश के प्रति सही शिक्षा हासिल करने से होगी आइये सब मिलकर मानवता हेतु देश प्रेम की शिक्षा प्राप्त करें क्योंकि जब देश बचेगा तभी आम जनता भी सुरक्षित होगी आतंकवाद न तो किसी धर्म,न ही नियम या कानून को जानता है। ये समूह निर्दोष नागरिकों या बड़े पैमाने पर समाज को निशाना बनाकर सरकार पर अपनी माँगें मनवाने और हर जगह आतंक फैलाने का दबाव बनाते हैं। उनके लक्ष्य बहुत स्पष्ट हैं—वे केवल वही स्वीकार करते हैं जो वे पूरा करवाना चाहते हैं। यह मानवता के लिए एक बड़ा खतरा है। वे दोस्तों, परिवार,बच्चों,महिलाओं या बुजुर्गों को नुकसान पहुँचाने से नहीं हिचकिचाते। उनकी रणनीतियों में भीड़ पर बम गिराना,लोगों पर गोलीबारी करना,विमानों का अपहरण करना और अन्य आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होना शामिल है।
अतः ऐ किसी भी देश के लिए खतरा है और जब 7 अक्टूबर 23, को हमास ने इजराइल पर आतंकी हमले किये और 300 से अधिक निर्दोष लोगों को बेहरहमी से मार डाला और 230 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया और गाज़ा का सुरंग नेटवर्क इतना तगड़ा है कि आज तक वहाँ से इजराइल के सैनिकों पर हमला हो रहा है और आज तक बंधको का पता नहीं चला मैं यह नहीं कह रहा हूँ कि इजराइल ने इस युद्ध में हजारों लोगों को मारकर सही किया लेकिन जब युद्ध होता है तो सबसे बड़ा नुकसान आम जनता को ही भुगतना पड़ता है इसलिए वहाँ के शासक हमास को ऐ सोचना चाहिए की हमारे आतंकी घटना से बदले में इजराइल अटैक करेगा और आम नागरिक मारे जायेंगेदूसरे विश्व युद्ध में जर्मनी ने ब्रिटिश का साथ देने पर अपने यहाँ 60 लाख यहूदी को गैस चेम्बर में मार डाला और दूसरे विश्व युद्ध में अमेरिका ने तो 1945 में जापान में दो परमाणु बम गिराकर लाखों लोग को मौत के नींद सुला दिया जिसमें सभी निर्दोष नागरिक थे आज वहाँ के लोगों की बुरी परिस्थिति के लिए है। हमास जिम्मेदार है वहाँ की जनता को इसका विरोध करना चाहिए और उस सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहिए तभी दूसरा देश उस पर कभी हमला नहीं करता है क्योंकि आज के युग में युद्ध से सभी बचना चाहते हैं आज सभी जगह फिलिस्तीन जिन्दा बाद के नारे लगाते हैं लेकिन यहाँ लगाकर क्या होगा वहाँ जाकर लोगों को मदद करनी चाहिए।
संजय गोस्वामी
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