नैनीताल,04 अगस्त 2025 (ए)। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एक वैक्सीन वैज्ञानिक आकाश यादव को बड़ी राहत दी है,जिन्हें अपनी पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी पाया गया था। कोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि और पांच साल की जेल की सजा पर रोक लगा दी है। भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान खड़गपुर से पीएचडी की उपाधि प्राप्त आकाश यादव को राहत देते हुए न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ ने कहा कि वैज्ञानिक की दोषसिद्धि को व्यापक जनहित में स्थगित किया गया है अदालत ने पाया कि वैज्ञानिक आकाश यादव वैक्सीन के शोध और विकास में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं और सजा के कारण उनका काम रुक गया है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि उनका शोध व्यापक रूप से समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
आकाश यादव पर उनकी पत्नी की मृत्यु के बाद दहेज निषेध अधिनियम के तहत आरोप लगाया गया था। उधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर की एक अदालत ने उन्हें दहेज के आरोपों से बरी कर दिया, लेकिन आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी पाया और पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
