मनोबल हमेशा ऊंचा ही रखियेजीवन में कठिन परिस्थितियों कभी बता कर नहीं आतीं हैं, इसीलिए मनुष्य को हर कठिन तथा विषम परिस्थिति के लिए सदैव सजग तथा सावधान रहने की आवश्यकता है। खुशियां तथा अवसाद हर मनुष्य के जीवन के दो पहलू हैं अब यह आप पर निर्भर है कि आप इन परिस्थितियों को किस तरह अपने जीवन में आत्मसात …
Read More »संपादकीय
लेख@ व्यक्तिगत डायरी लिखना कहां तक उचित है,स्वयं सोचें
अपनी डायरी लिखना एक बहुत ही महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय है। डायरी वास्तव में एक चुनौती है,जो हमें अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को व्यक्त करने के लिए प्रेरित करती है। यह एक भरोसा है, जो हमें अपने आप को समझने और अपने जीवन को बेहतर बनाने में मदद करती है।डायरी के अल्फ़ाज़ वास्तव में अनमोल हो सकते हैं।जो हमारे …
Read More »लेख@ पेंशन की लड़ाई:कर्मचारियों का हक या सरकारी बोझ?
भारत में 2004 से पहले सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन दी जाती थी। इसके तहत—सेवानिवृत्ति के बाद आजीवन निश्चित पेंशन मिलती थी। अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में दिया जाता था। महंगाई भत्ता जुड़ा होता था, जिससे समय-समय पर पेंशन बढ़ती रहती थी। सरकार द्वारा पूरी फंडिंग होती थी, कर्मचारी का योगदान नहीं …
Read More »@बलिदान दिवस पर विशेष @ गणेश शंकर विद्यार्थी:पत्रकारिता का गौरवमय किरीट
अंग्रेजी शासन से मुक्ति और स्वराज्य प्राप्ति के लिए 1857 से आरम्भ हुआ स्वाधीनता संघर्ष 1947 में पूर्ण हुआ। इस यात्रा में देश के विविध क्षेत्रों से हजारों नर-नारियों ने योगदान दिया है। अपना सर्वस्व समर्पण करके मां भारती के गौरव एवं गरिमा में वृद्धि की है। भारतीय राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में समाज जागरण करते हुए राष्ट्रीय एकात्मकता का भाव …
Read More »लेख@ शादी के बाद करियर:उड़ान या उलझन?
परिवारों को यह समझना होगा कि शादी का मतलब महिलाओं के करियर का अंत नहीं होता। पुरुषों को घर और बच्चों की जिम्मेदारी में बराबर भागीदारी निभानी चाहिए। कंपनियों को महिलाओं के लिए अधिक फ्लेक्सिबल जॉब ऑप्शंस देने चाहिए। करियर और शादी को विरोधी ध्रुवों की तरह देखने की बजाय उन्हें साथ ले चलने की जरूरत है। पुरुषों को भी …
Read More »लेख @हमारी सोच से आगे महिलाएं वैचारिकता बदलनें की दरकार
निश्चित तौर पर भारत में महिलाओं की मुक्ति तथा सशक्तिकरण का प्रश्न स्वतंत्रता एवं भारत की मुक्ति के साथ अनिवार्य रूप से जुड़ गया है। निश्चित तौर पर हर रात की सुबह होती है, और सुबह चमकदार और उजाले से भरपूर होती है। स्वतंत्र काल से जुड़ी हुई महिला सशक्तिकरण की यात्रा आज तक अनवरत जारी है। अब महिलाओं को …
Read More »@24 मार्च विश्व टीबी दिवस पर विशेष@टीबी के खिलाफ तेज करनी होगी जंग
भारत काफी लंबे समय से टीबी नामक बिमारी से जंग लड़ रहा है। लेकिन अब टीबी को लेकर एक डरावनी स्टडी सामने आई है। जर्नल प्लस मेडिसीन की स्टडी के मुताबिक भारत में अनुमान है कि 2021 से 2040 तक टीबी के 6 करोड़ केस और 80 लाख मौतें हो सकती है। स्टडी के मुताबिक भारत को इस बिमारी के …
Read More »लेख@ तलाक की भेंट चढ़ते तेरे मेरे सपने
जब सपने बिखरते हैं, प्रेम विवाह में तलाक बढ़ते हैं आजकल तलाक के बढ़ते मामलों ने समाज में एक नई चिंता को जन्म दिया है। चाहे अरेंज मैरिज हो या प्रेम विवाह, रिश्तों में दूरियाँ बढ़ने से वैवाहिक जीवन अस्थिर होता जा रहा है। तलाक सिर्फ¸ दो लोगों को ही नहीं,बल्कि उनके परिवारों, बच्चों और समाज को भी प्रभावित करता …
Read More »लेख@ इलाहाबाद नाबालिंग कोर्ट केस,प्राइवेट पार्ट्स को छूना बलात्कार नहीं,एक विवादित अमाननीय फैसला
भारत एक ऐसा देश है जिसकी संस्कृति में देवी पूजन का बड़ा महत्व है । बेटियों ,बहुओं को घर की लक्ष्मी मन जाता है । परंतु विडंबना यह है के उसी धरती पर संस्कृति के विरोध जा कर आज भी नारी ,स्त्री जाति को अपने हक¸ की लड़ाई न सिर्फ घर से बाहर बल्कि घर में भी लड़ने पड़ती है। …
Read More »लेख@ पलास के फुल भी बहुत ही सुंदर और आकर्षक होते हैं
पलास एक सुंदर और आकर्षक पेड़ है,जो अपने खूबसूरत फूलों और पत्तियों के लिए जाना जाता है। पलास के फुल भी बहुत ही सुंदर और आकर्षक होते हैं। ये फूल गहरे लाल या गुलाबी रंग के होते हैं और इनमें पांच पंखुडि़याँ होती हैं। पलास के फूलों की खुशबू बहुत ही मोहक होती है और ये फूल पेड़ पर मार्च …
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